गद्य शिक्षण की विधियाँ, महत्व, उद्देश्य

गद्य साहित्य का महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसमें छन्द अलंकार योजना रस विधान आदि का निर्वाह करना आवश्यक नहीं। गद्य की विशेषता तथ्यों को सर्वमान्य भाषा के माध्यम से, ज्यों का त्यों प्रस्तुत करने में होती है। गद्य साहित्य की अनेक विधाएँ है- कहानी नाटक, उपन्यास निबन्ध, जीवनी, संस्मरण, आत्मचरित रिपोर्ताज व्यंग्य आदि। गद्य शिक्षण की विधियाँ …

Read more

शब्द किसे कहते हैं/शब्द के कितने भेद होते हैं

ध्वनियों के ऐसे समूह को शब्द कहते हैं जिससे कोई अर्थ व्यक्त होता हो। अर्थ ही शब्द का प्रधान लक्षण है। जिस ध्वनि समूह से कोई अर्थ नहीं निकलता वह ध्वनि समूह शब्द नहीं है। उदाहरणत: क, म, ल, ध्वनियाँ हैं जिनका अपने आप में कोई अर्थ नहीं है। किन्तु इन तीनों को मिलाकर “कमल” ध्वनि …

Read more

रूप परिवर्तन के कारण एवं दिशाएं

भाषा निरन्तर परिवर्तनशील या विकाशील है। भाषा के विकास के साथ-साथ शब्द-रूपों में परिवर्तन होना स्वाभाविक हैं यही भाषा विज्ञाान में रूप परिवर्तन कहलाता है। रूप परिवर्तन के कारण रूप परिवर्तन के कारण ‘रूप’ का सम्बन्ध ध्वनियों से है।  1. सरलीकरण की प्रवृत्ति – सरलीकरण की प्रवृति मानव की वृत्ति रही है। साथ ही कठिनता से सरलता …

Read more

समास किसे कहते हैं कितने प्रकार के होते हैं?

दो या अधिक शब्दों का मिलकर इस प्रकार एक हो जाना कि उनके बीच के संयोजक शब्दों और कारक चिह्नों का लोप हो जाए, समास कहलाता है। समास का तात्पर्य है संक्षिप्त रूप में समीपस्थ हो जाना। संस्कृत में इनका विशेष महत्व है, पर हिंदी में भी समास पदों का काफी प्रयोग होता है। समास में …

Read more

उपसर्ग किसे कहते हैं इसके प्रकार और उनके उदाहरण

शब्दों के आरंभ में लगाकर ( सु + पुत्र = सुपुत्र) शब्दों के अर्थ को सर्वथा परिवर्तित कर देने वाले शब्दांश उपसर्ग कहे जाते हैं। उपसर्ग शब्दों जैसे अ, कु, अधि, अति आदि का स्वतंत्र प्रयोग नहीं होता लेकिन इनके योग से शब्दों के अर्थ में विशेषता उत्पन्न हो जाती है। तीन प्रकार के उपसर्गो का प्रयोग …

Read more

प्रत्यय किसे कहते हैं प्रत्यय मुख्यतः कितने प्रकार के होते हैं ?

नवीन शब्द का निर्माण करने के लिए शब्दों के अंत में जोडे़ गए शब्दांशों को प्रत्यय कहते हैं। जैसे कृ + त्वा = कृत्वा (करके) । प्रत्यय दो प्रकार के होते है:- कृत प्रत्यय तद्धित प्रत्यय प्रत्यय किसे कहते हैं वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर …

Read more

शब्द शक्ति किसे कहते हैं शब्द शक्ति के भेद?

शब्द से अर्थ का बोध होता है। इसमें शब्द बोधक है और अर्थ बोध्य। ‘गाय का दूध पीओ’ में गाय और दूध शब्द हैं, इनसे गाय-पशु और दूध-वस्तु का बोध कराया जाता है। प्रयोग या उपयोग में अर्थ (वस्तु) ही आता है, शब्द नहीं। शब्द अर्थ (वस्तु) का बोध कराकर निवृत्त हो जाता है। इसलिए भाषा …

Read more

वाक्य किसे कहते हैं रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?

भाषा की सबसे छोटी इकाई है वर्ण। वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं तथा शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य। अर्थात् वाक्य शब्द-समूह का वह सार्थक विन्यास होता है, जिससे उसके अर्थ एवं भाव की पूर्ण एवं सुस्पष्ट अभिव्यक्ति होती है। अत: वाक्य में आकांक्षा, योग्यता, आसक्ति एवं क्रम का होना आवश्यक है। यह …

Read more

हिंदी की उपभाषाएँ कितनी है?

हिन्दी-क्षेत्र अति विस्तीर्ण है। ढाई लाख वर्गमील से अधिक क्षेत्र में फैली जनसंख्या द्वारा हिन्दी का प्रयोग होता है। इतने बड़े भू-भाग में हिन्दी का प्रयोग स्वाभाविक रूप से अनेक बोलियों के माध्यम से होता है। बोलीपरक अनेकरूपता में कुछ ऐतिहासिक कारण हैं तो कुछ क्षेत्रीय।  हिन्दी की चहुँमुखी व्याप्ति का सीमांकन डाॅ. ग्रियर्सन आदि भाषाविदों …

Read more

व्याकरण का अर्थ, परिभाषा, महत्व और विशेषताएँ

व्याकरण वह शास्त्र है जो भाषा से संबंधित नियमों का ज्ञान करता है। किसी भी भाषा की संरचना का सिद्धांत अथवा नियम ही उसका व्याकरण है। यदि नियमों द्वारा भाषा को स्थित न रखा जाए तो उसकी उपादेयता, महत्ता तथा स्वरूप ही नष्ट हो जायेगा। अत: भाषा के शीघ्र परिवर्तन को रोकने के लिए ही व्याकरण …

Read more