प्रधानमंत्री की शक्तियां एवं कार्य का वर्णन

भारत का प्रधानमंत्री मंत्रि-मण्डल रूपी मेहराब की आधारशिला (Key-stone of the Cabinet Arch) हैं। इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री की भांति उसको इतनी व्यापक शक्तियाँ प्राप्त हैं कि उसको देश में शासन प्रबन्ध का केन्द्र कहा जा सकता है। प्रधानमंत्री की शक्तियां एवं कार्य देश के शासन में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जिसकों इतनी शक्तियाँ प्राप्त हो। …

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न्यायिक पुनरावलोकन क्या है न्यायिक पुनरावलोकन की विशेषताएं

भारत में न्यायिक पुनरावलोकन की उत्पत्ति को समझाते हुए, जस्टिस पी. बी. मुखर्जी ने स्पष्ट किया, भारत में यह संविधान ही है जो सर्वोच्च है और संसद के साथ-साथ राज्य विधान सभाओं को न केवल संविधान की सातवीं सूची में दर्ज तीन सूचियों में वर्णित उन संबंधित क्षेत्रों की सीमाओं के अंदर ही कार्य करना होता …

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शैक्षिक नेतृत्व का अर्थ, आवश्यकता, महत्व एवं कार्य क्षेत्र

वर्तमान युग में शिक्षा का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक होता जा रहा है। शिक्षा मन्त्रालय, शिक्षा विभाग तथा शिक्षालयों में सभी प्रकार के व्यक्तियों को कार्य करना पड़ता है। इनमें से कुछ व्यक्ति प्रशासक के रूप में अपने कार्य का निर्वाह करते हैं तथा अन्य व्यक्तियों से आशा की जाती हैं कि वे प्रशासक के आदेशानुसार कार्य …

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SWOT स्वोट विश्लेषण क्या है स्वोट विश्लेषण की विशेषताएँ?

स्वोट विश्लेषण किसी विशेष परिस्थिति को मूल्यांकित करने की विश्लेषणात्मक प्रविधि है। स्वोट (SWOT) चार शब्दों का संक्षिप्त रूप है। S से तात्पर्य Strength अर्थात् शक्तियां, W से Weakness कमजोरियां, O से Opportunities अवसर तथा T से Threats चुनौतियां। किसी भी परिस्थिति के ये चार पक्ष होते हैं जो उसका समग्र विश्लेषण करने के लिए आवश्यक …

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शिक्षा प्रशासन से आप क्या समझते हैं शिक्षा प्रबंध एवं शैक्षिक प्रशासन में अन्तर?

शैक्षिक प्रशासन का सम्बन्ध मुख्यत: शिक्षा से ही होता है। अतएव शिक्षा के क्षेत्र में संगठन (Organization) जिस ढाचे या तन्त्र को खड़ा करता है, शैक्षिक प्रशासन उसे कार्यान्वित करने में सहायक होता है जिससे शैक्षिक उद्देश्यों की अधिकाधिक प्राप्ति सम्भव होती है। शैक्षिक प्रशासन को आज केवल शिक्षा की व्यवस्था करना ही नहीं समझा जाता …

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शैक्षिक पर्यवेक्षण का अर्थ, प्रकार, मुख्य विशेषताएँ

पर्यवेक्षण शब्द अंग्रेजी के शब्द ‘सुपरविजन’ का हिन्दी रूपान्तर है जिसका अर्थ होता है कि वह श्रेष्ठ दृष्टि जो स्थिति का सही आंकलन कर सम्बन्धित क्षेत्र का भावी विकास कर सके। सूक्ष्म श्रेष्ठ निरीक्षण के आधार पर प्राप्त तथ्यों के विवेचन से भावी शैक्षणिक गुणवत्ता का विकास करना। विद्यालयों को ज्ञान का केन्द्र स्वीकार किया जाता …

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शिक्षा प्रबंधन का अर्थ, परिभाषा एवं सामान्य विशेषताएँ

शिक्षा प्रबंधन मनुष्य द्वारा की जाने वाली प्रत्येक क्रिया किसी न किसी प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न होती है। इसी प्रकार शिक्षा की अवधारणा में दो प्रकार के परिवर्तन हुये हैं। (1) शिक्षा, मानव विकास की सशक्त प्रक्रिया के साथ-साथ राष्ट्र विकास एवं जनशक्ति नियोजन का आधार बन गई है। (2) यह एक मानवीय व्यवसाय के रूप में …

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विद्यालय निरीक्षण का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार

निरीक्षण का शाब्दिक अर्थ किसी वस्तु का अवलोकन होता है। शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक कार्यो के अवलोकन को निरीक्षण कहा जा सकता है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विचार किया जाए तो आधुनिक पर्यवेक्षण ही निरीक्षण का परिष्छत स्वरूप है। प्रारंभिक दर्शन के अनुरूप निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में उपस्थित विद्यार्थी, शिक्षक और प्रशासकों का विकास …

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व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर

व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक समस्याओं तथा विश्लेषण के दो मार्ग हैं। पहले का संबंध व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के अध्ययन से है, जबकि दूसरे का समस्त अर्थव्यवस्था के अध्ययन से है।  रेगनर प्रिफश (Ragner Frisch) पहला व्यक्ति था जिसने 1933 में अर्थशास्त्र में व्यष्टि तथा समष्टि शब्दों का प्रयोग किया था। व्यक्तियों और व्यक्तियों के …

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जजमानी व्यवस्था क्या है इसके पतन के कारण

‘जजमानी’ वैदिक शब्द है जिसका इस्तेमाल उस संरक्षक के लिए होता है जो समुदाय के लिए कोई यज्ञ संपन्न कराने के निमित्त से किसी ब्राह्मण को नियुक्त करता है। अपने मूल अर्थ में जजमानी आर्थिक संबंध का मतलब सेवाओं के बदले उपहारों का विनिमय था या भविष्य में हो सकता था। यह अर्थ आज भी नहीं …

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