सार्वजनिक व्यय क्या है इसके वर्गीकरण का वर्णन?

अपने कार्यों को पूरा करने के लिए सरकार जो धनराशि व्यय करती है, उसे सार्वजनिक व्यय कहते हैं। दूसरे शब्दों में सार्वजनिक व्यय से अभिप्राय उन सब खर्चो से है जिन्हें किसी देश की केन्द्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकारें अपने प्रशासन, सामाजिक कल्याण, आर्थिक विकास तथा अन्य देशों की सहायता के लिए करती है। सार्वजनिक व्यय …

Read more

कृषि उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

कृषि उत्पादकता से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में प्रति हेक्टेयर उत्पादन से है। कृषि उत्पादकता में मिट्टी, जलवायु, कृषि तकनीक, पूंजी एवं उर्वरकों का विशेष महत्व होता है। कुछ क्षेत्रों में अधिक उर्वरकों के प्रयोग से भी अनूकूल उत्पादन नहीं प्राप्त हो पाता है। यहाँ मिट्टी की जाँच आवश्यक होती है जिससे मृदा में जिस अनुपात …

Read more

बेरोजगारी के प्रकार, बेरोजगारी के कितने प्रकार होते हैं?

बेरोजगारी योग्यता के अनुसार काम का न होना। भारत में मुख्यतया तीन प्रकार के बेरोजगार हैं। एक वे, जिनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं है। वे पूरी तरह खाली हैं। दूसरे, जिनके पास कुछ समय काम होता है, परंतु मौसम या काम का समय समाप्त होते ही वे बेकार हो जाते हैं। ये आंशिक बेरोजगार …

Read more

संसाधन का वर्गीकरण

मनुष्य प्रारंभिक समय से ही अपनी भौतिक व आत्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संसाधनों का उपयोग करता रहा है और यह प्रक्रिया ‘संसाधन उपयोग’ कहलाती है। संसाधन का वर्गीकरण संसाधन का वर्गीकरण (sansadhan ka vargikaran) हम विभिन्न कारकों के आधार पर, संसाधनों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं।  उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों …

Read more

संसाधन को प्रभावित करने वाले कारक

पर्यावरण में जैविक संसाधन में जीव-जन्तु तथा वनस्पति अति महत्वपूर्ण हैं, जबकि अजैविक संसाधनों में मिट्टी, जल, वायु, आदि मुख्य हैं। ये सभी तत्व एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। प्रकृति में भूतल के प्रत्येक भाग में वनों का सृजन किया हैं, जहाँ पर्यावरण के अनुकूल विभिन्न प्रकार के जीवधारी रहते हैं। जीव-जन्तु व वनस्पति ही …

Read more

व्यावसायिक समाज कार्य क्या है?

समाज कार्य एक विकसित व्यवसाय है जिसका निश्चित ज्ञान, प्रविधियाँ और कौशल होते है ओैर जिन्हें सीखना प्रत्येक सामाजिक कार्यकर्ता के लिए आवश्यक है। व्यावसायिक सामाजिक कार्यकर्ता में विशेषताएं होनी आवश्यक है। प्रविधियों तथा कार्यविधियों से युक्त एक ऐसा ज्ञान जिसे षिक्षण प्रषिक्षण द्वारा सीखा जा सकें और जो सैद्धान्तिक के साथ-साथ व्यावहारिक भी हो।  व्यवसाय …

Read more

व्यावसायिक संतुष्टि की अवधारणा

व्यावसायिक संतुष्टि का सम्प्रत्यय व्यक्ति की कार्य प्रवीणता व कुशलता को स्पष्ट करता है। प्रस्तुत सम्प्रत्यय आज के उद्योगपतियों के अतिरिक्त मनोवैज्ञानिकों के शोध का एक आकर्षक विषय है। उद्योगपतियों के लिए यह विषय इसलिए लाभप्रद है क्योंकि इससे उन्हें अपने कार्यकत्ताओं की कुशलता व क्षमता को जानकर उत्पादन की गुणवत्ता का बोध हो जाता है …

Read more

बहुराष्ट्रीय कंपनी किसे कहते हैं? | what is a multinational company (mnc) in hindi

बहुराष्ट्रीय कंपनी से आशय ऐसी कम्पनी से है, जिसके कार्य क्षेत्र का विस्तार एक से अधिक देशों में होता है जिसकी उत्पादन एवं सेवा सुविधाएं उस देश से बाहर हैं। ये कम्पनियाँ ऐसी होती है जिसका प्रधान कार्यालय एक देश में स्थित होता है परन्तु वे अपनी व्यापारिक क्रियाएं मौलिक देश में आरम्भ होने के पश्चात उसके …

Read more

वाणिज्यवाद क्रांति से क्या अभिप्राय है, इसके उदय और विकास के कारण

व्यापारिक क्रांति ने एक नवीन आर्थिक विचारधारा को जन्म दिया। इसका प्रारंभ सोलहवीं सदी में हुआ। इस नवीन आर्थिक विचारधारा को वाणिज्यवाद, वणिकवाद या व्यापारवाद कहा गया है। फ्रांस में इस विचारधारा को कोल्बर्टवाद और जर्मनी में केमरलिज्म कहा गया। 1776 ई. में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने भी अपने ग्रथ ‘वेल्थ ऑफ नेशस में इसका …

Read more

अर्थव्यवस्था के प्रकार और अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं

अर्थव्यवस्था मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि करने के लिये एक मानव निर्मित संगठन है। प्राचीनकाल में, ‘जीविका प्राप्त करना’ सरल था परन्तु सभ्यता के विकास के साथ यह अत्यंत जटिल हो गया है। यहां यह ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिस विधि से व्यक्ति जीविका अर्जन करता है वह वैध तथा न्यायपूर्ण होनी चाहिए। अन्यायपूर्ण तथा …

Read more