लोकतंत्र का अर्थ, परिभाषा, प्रकार

लोकतंत्र का अर्थ है- ऐसी सरकार जो जनमत पर आधारित होती है और इसके प्रति उत्तरदायी होती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र का अर्थ है- ऐसी व्यवस्था जिसमें लोगों की शक्ति सर्वाेच्च होती है। वह सरकार के निर्धारक होते है। बहुमत का शासन होता है। लोकतंत्र का अर्थ लोकतंत्र पद ग्रीक शब्द “डेमोस” और “क्रेटोस” से …

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गोपालदास नीरज का जीवन परिचय, शिक्षा एवं आजीविका

गोपालदास नीरज का जीवन परिचय गोपालदास नीरज का जन्म 4 जनवरी, 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली नामक ग्राम में एक साधारण कायस्थ परिवार में बाबू ब्रज किशोर शर्मा के यहाँ एक बालक का जन्म हुआ। ‘गोपालदास नीरज’ का प्रारम्भिक जीवन दुखों के संघर्षमय तूफान से गुजरा है। अपने अबोध बचपन में ही …

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श्रृंगार का अर्थ, परिभाषा, भेद एवं तत्व

श्रृंगार का अर्थ श्रृंगार का अर्थ श्रृंगार शब्द ‘श्रृंग’ एंव ‘आर’ इन शब्दों के योग से बना है। श्रृंग का अर्थ कामोहेक या काम की वृद्धि और आर का अर्थ आगमन या प्राप्ति है। इस प्रकार श्रृंगार का शाब्दिक अर्थ हुआ काम की प्राप्ति अथवा वृद्धि होना। श्रृंगार की परिभाषा भरतमुनि से लेकर हिन्दी एवं संस्कृति …

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भक्ति का अर्थ क्या है भक्ति के प्रकार एवं महत्व का वर्णन ?

भक्ति शब्द का अर्थ सेवा अथवा आराधना होता है। श्रद्धा और अनुराग भी इसी के अर्थ माने जाते हैं। ‘भक्ति’ शब्द ‘भज सेवायाम्’ धातु से क्तिन् प्रत्यय लगाकर बना है, जिसका अर्थ है भगवान का सेवा-प्रकार। शाण्डिल्य भक्तिसूत्र में भक्ति की व्याख्या इस प्रकार की गई है- ‘सा परानुरक्तिरीष्वरै:’ अर्थात् ईश्वर में परम् अनुरक्ति ही भक्ति …

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शरद जोशी जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा शैली, साहित्य में स्थान

शरद जोशी ने सामाजिक परिवर्तनों, राजनीतिक और सांस्कृतिक उथल-पुथल को बड़ी बारीकी से समझा और देखा था।  शरद जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर गहरा असर पड़ा। शरद जोशी वर्तमान व्यवस्था से बहुत क्षुब्ध थे। वे स्वयं कदम-कदम पर दिखने वाले व्यवस्था के खोखलेपन को एक पल भी सहने के लिए तैयार नहीं होते थे। वे …

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मीडिया का अर्थ, परिभाषा एवं उत्पत्ति

मीडिया का अर्थ वह तकनीक है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर दर्शकों तक संदेश पहुंचाना है। यह आम जनता के विशाल बहुमत तक पहुंचने के लिए संचार का प्राथमिक साधन है। वहीं सामूहिक मीडिया के लिए सबसे सामान्य साधन समाचार पत्र, पत्रिकाएं, रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट हैं। ‘‘मीडिया का कुछ विषयों पर जनता की राय बनाने …

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श्रीलाल शुक्ल का जीवन परिचय, प्रमुख रचनाएँ, भाषा शैली

श्रीलाल शुक्ल हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्री लाल शुक्ल का (जन्म 31 दिसम्बर 1925) को हुआ, तथा निधन- 28 अक्तूबर 2011 को। जनपद के समकालीन कथा साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने ‘‘1947 में’’ इलाहाबाद विश्वविद्यालय से …

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के कार्य, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दी जाने वाली सेवाएं

भारत में ग्रामीण महिलाओं की हालत ज्यादा अच्छी नहीं है अध्ययनों से विदित हुआ है कि प्रत्येक चार में से एक लड़की की शादी 15 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। 50 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएँ छोटी उम्र में ही माँ बन जाती हैं। 85 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है। …

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हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय एवं रचनाएँ

हरिशंकर परसाई जी हिन्दी के एक प्रख्यात व्यंग्यकार हैं परसाई जी की ख्याति न केवल व्यंग्यकार के रूप में बल्कि प्रतिबद्ध लेखक के रूप में है। व्यंग्य कोई विधा नहीं बल्कि लेखक की प्रकृति या स्परिट है। इसलिये परसाई जी का मौलिक चिन्तन कहानी, उपन्यास, निबन्ध, संस्मरण आदि अनेक विधाओं में व्यक्त हुआ है।  हरिशंकर परसाई …

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भक्ति का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं महत्व

भक्ति शब्द संस्कृत के ‘भज’ सेवायाम् धातु में ‘ क्तिन्’ प्रत्यय लगाने पर बनता है। वस्तुत: ‘क्तिन्’ प्रत्यय भाव अर्थ में होता है। ‘भजनं भक्ति:’ परन्तु वैयाकरणों के अनुसार कृदन्तीय प्रत्ययों में अर्थान्तर अर्थ परिवर्तन प्रक्रिया का अंग है। अत: वही ‘क्तिन्’ प्रत्यय अर्थान्तर में भी हो सकता है।“भजनं भक्ति:”, “भज्यते अनया इति भक्ति:”, “भजन्ति अनया …

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