संसाधन का वर्गीकरण

मनुष्य प्रारंभिक समय से ही अपनी भौतिक व आत्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संसाधनों का उपयोग करता रहा है और यह प्रक्रिया ‘संसाधन उपयोग’ कहलाती है। संसाधन का वर्गीकरण संसाधन का वर्गीकरण (sansadhan ka vargikaran) हम विभिन्न कारकों के आधार पर, संसाधनों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं।  उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों …

Read more

संसाधन को प्रभावित करने वाले कारक

पर्यावरण में जैविक संसाधन में जीव-जन्तु तथा वनस्पति अति महत्वपूर्ण हैं, जबकि अजैविक संसाधनों में मिट्टी, जल, वायु, आदि मुख्य हैं। ये सभी तत्व एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। प्रकृति में भूतल के प्रत्येक भाग में वनों का सृजन किया हैं, जहाँ पर्यावरण के अनुकूल विभिन्न प्रकार के जीवधारी रहते हैं। जीव-जन्तु व वनस्पति ही …

Read more

प्रेम का अर्थ, परिभाषा और स्वरूप

प्रेम शब्द अपने आप में बड़ा व्यापक शब्द है। प्रेम शब्द का व्यवहार अनेक अर्थों में होता है, यथा – रूप, गुण, काम-वासना-जनित, स्नेह, प्रीति, अनुराग, अनुरक्ति आदि। प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जिसे शब्दों के माध्यम से समझाना सम्भव नहीं। ‘प्रेम’ अहसास की वस्तु अधिक है आरै व्याख्या की कम।   प्रेम उस फूल की तरह …

Read more

सौन्दर्य का अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

सौन्दर्य का अर्थ सौन्दर्य का अर्थ ‘सुन्दर’ शब्द सु उपसर्ग पूर्वक उन्द् धातु में अरन् प्रत्यय लगाने से व्युत्पन्न होता है। उन्द् धातु भिण्येने या तर करने के अर्थ में प्रयुक्त होती है। मानव-मन को अपनी आभा या शोभा से भीतर तक भिगो देने वाली वस्तु, व्यक्ति या क्रिया सुन्दर कहलाती है। सुन्दर से भाववाचक संज्ञा …

Read more

क्षेत्रवाद क्या हैं भारत में क्षेत्रवाद के प्रमुख कारण

क्षेत्रवाद या क्षेत्रीयता एक क्षेत्र-विशेष में निवास करने वाले लोगों के अपने क्षेत्र के प्रति वह विशेष लगाव व अपने (अपनेपन) की भावना है जिसे कि कुछ सामान्य आदर्श, व्यवहार, विचार तथा विश्वास के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। क्षेत्रवाद के अर्थ में हम कह सकते हैं कि एक देश में या देश के किसी …

Read more

रामकृष्ण मिशन की स्थापना कब और कैसे हुई, किसने की

रामकृष्ण मिशन 19वी सदी का अंतिम महान धार्मिक एवं सामाजिक आन्दोलन था रामकृष्ण मिशन की स्थापना 5 मई 1887 ई. में स्वामी रामकृष्ण के शिष्य विवेकानंद ने बारानगर में अपने गुरू की स्मृति में की थी। 1893 ई. में अपनी प्रसिद्ध अमेरिका यात्रा (जहां शिकागो नगर में ‘parliament of religion’ में स्वामी विवेकानंद ने अपना सुप्रसिद्ध …

Read more

आत्मकथा किसे कहते हैं? – अर्थ, परिभाषा

आत्मकथा किसी व्यक्ति की स्वलिखित जीवनगाथा है। इसमें लेखक स्वयं की कथा को बड़ी आत्मीयता के साथ पाठक के समक्ष प्रस्तुत करता हैं। लेखक अपने जीवन की विभिन्न परिस्थितियों, घटनाओं, पारिवारिक, आर्थिक तथा राजनीतिक पृष्ठभूमि के संदर्भ में लिखता है। अपने जीवन में घटित मार्मिक घटनाओं का वर्णन भी करता है। महापुरुषों की आत्मकथायें हमारा मार्गदर्शन …

Read more

व्यावसायिक समाज कार्य क्या है?

समाज कार्य एक विकसित व्यवसाय है जिसका निश्चित ज्ञान, प्रविधियाँ और कौशल होते है ओैर जिन्हें सीखना प्रत्येक सामाजिक कार्यकर्ता के लिए आवश्यक है। व्यावसायिक सामाजिक कार्यकर्ता में विशेषताएं होनी आवश्यक है। प्रविधियों तथा कार्यविधियों से युक्त एक ऐसा ज्ञान जिसे षिक्षण प्रषिक्षण द्वारा सीखा जा सकें और जो सैद्धान्तिक के साथ-साथ व्यावहारिक भी हो।  व्यवसाय …

Read more

नगरीकरण क्या है नगरीकरण से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में जाना ’नगरीकरण’ कहलाता है। इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बढ़ता हुआ भाग ग्रामीण स्थानों में रहने की बजाय शहरी स्थानों में रहता है।  नगरीकरण की परिभाषा थौमसन वारन (एनसाइक्लोपीडिया आफ सोशल साइन्सेज) ने इसकी परिभाषा इस प्रकार की हैः ’’यह ऐसे समुदायों के व्यक्तियों, जो प्रमुखरुप से या पूर्णरुप …

Read more

पति शब्द का अर्थ एवं परिभाषा

पति शब्द का अर्थ  पति शब्द की उत्पत्ति ‘पा’ धातु से हुई है जिसका अर्थ है-रक्षा करना। चूंकि यह अपनी स्त्री का संरक्षक होता है इसलिए इसे पति कहा जाता है। भारतीय सभ्यता के क्रमश: विकास के साथ-साथ इसकी स्थिति में परिवर्तन होता गया। पहले अवस्था प्राप्त अर्थात् प्रौढ़ विवाह की परम्परा थी। परन्तु पीछे यह …

Read more