भाषा विज्ञान की परिभाषा, क्षेत्र एवं पद्धतियां

भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को भाषा विज्ञान कहते हैं। भाषा विज्ञान की प्रक्रिया शुरू हुए दो शताब्दी हो चुकी है। भाषा विज्ञान के लिए समय-समय पर अनेक नाम दिए गए हैं। भाषा विज्ञान सर्वाधिक प्रचलित होने के साथ सहज रूप में भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन का भाव प्रकट करता है। भाषा विज्ञान की परिभाषा भारतीय तथा …

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ध्वनि विज्ञान या स्वन विज्ञान क्या है?

भाषा की लघुत्तम इकाई स्वन है। इसे ध्वनि नाम भी दिया जाता है। ध्वनि के अभाव में भाषा की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भाषा विज्ञान में स्वन के अध्ययन संदर्भ को ‘स्वनविज्ञान’ की संज्ञा दी जाती है। ध्वनि शब्द ध्वन् धातु में इण् (इ) प्रत्यय के योग से बना है। भाषा विज्ञान के …

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रूपिम का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप एवं वर्गीकरण

रूपिम को रूपग्राम और पदग्राम भी कहते हैं। जिस प्रकार स्वन-प्रक्रिया की आधारभूत इकाई स्वनिम है, उसी प्रकार रूप प्रक्रिया की आधारभूत इकाई रूपिम है। रूपिम वाक्य-रचना और अर्थ-अभिव्यक्ति की सहायक इकाई है। स्वनिम भाषा की अर्थहीन इकाई है, किन्तु इसमें अर्थभेदक क्षमता होती है। रूपिम लघुतम अर्थवान इकाई है, किन्तु रूपिम को अर्थिम का पर्याय …

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वाक्य की परिभाषा, वाक्य के भेद

मनुष्य जो भी सोचता या अभिव्यक्त करता है, वह सब वाक्य के ही माध्यम से होता है। भावाभिव्यक्ति सन्दर्भ में वाक्य भाषा की सहज तथा प्रथम इकाई है। वाक्य की परिभाषा समय-समय पर विभिन्न विद्वानों ने वाक्य की परिभाषा की है। कुछ प्रमुख भारतीय विद्वानों की परिभाषा हैं – 3. डॉ. भोलानाथ ने वाक्य की परिभाषा …

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भारतीय आर्य भाषा का विभाजन

भारत के बाहर भी चार देशों में भारतीय आर्य भाषाओं का व्यवहार होता है। पाकिस्तान में इस शाखा की तीन प्रमुख भाषाएँ-पंजाबी, सिंधी और लहंदा-बोली जाती है। बंगाल देश की भाषा बांगला है, जो इस शाखा की एक प्रमुख भाषा है। नेपाल में नेपाली भाषा है, जो भारतीय आर्य भाषा शाखा की भाषा है। श्रीलंका में …

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भाषा विज्ञान की परिभाषा, क्षेत्र एवं अध्ययन के लाभ

भाषा के क्रमबद्ध तथा सुसंगठित अध्ययन को भाषा विज्ञान कहते हैं। इसमें मानव-मुखोच्चरित और लिखित भाषा- रूपों का अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने भाषा विज्ञान की परिभाषा की हैं, डॉ0 श्याम सुन्दर दास ने लिखा है- “भाषा-विज्ञान भाषा की उत्पत्ति, उसकी बनावट, उसके विकास तथा उसके ह्रास की वैज्ञानिक व्याख्या करता …

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वाक्य किसे कहते हैं वाक्यों के प्रकार

वाक्य भाषा का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है। मनुष्य अपने विचारों की अभिव्यक्ति वाक्यों के माध्यम से ही करता है। अत: वाक्य भाषा की लघुतम पूर्ण इकाई है। पतंजलि ने महाभाष्य में वाक्य के 5 लक्षण दिए हैं- एक क्रियापद वाक्य है। अव्यय, कारक और विशेषण से युक्त क्रिया-पद वाक्य है। क्रिया-विशेषण-युक्त क्रिया-पद वाक्य है। विशेषण-युक्त क्रिया-पद …

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लिपि की उत्पत्ति और विकास

भाषा की उत्पत्ति की भांति ही लिपि की उत्पत्ति के विषय में भी पुराने लोगों का विचार था कि ईश्वर या किसी देवता द्वारा यह कार्य सम्पन्न हुआ। भारतीय पंडित ब्राह्मी लिपि को ब्रह्मा की बनाई मानते हैं और इसके लिए उनके पास सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि लिपि का नाम ‘ब्राह्मी’ है। इसी प्रकार …

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सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि की उत्पत्ति

भारत में लिखने की कला का ज्ञान लोगों को अत्यन्त प्राचीन काल से है। इसके प्राचीनतम नमूने सिंधु घाटी (पंजाब के मांटगोमरी जिले के हड़प्पा तथा सिंध के लरकाना जिले के मोहन-जो-दड़ो में प्राप्त सीलों पर) में मिले हैं। हेरास, लैंग्डन, स्मिथ, गैड तथा हंटर ने इसे समझने और पढ़ने का प्रयास किया है, किन्तु अभी …

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भारत की प्राचीन लिपि के नाम

भारत की प्राचीन लिपि भारत के पुराने शिलालेखों और सिक्कों पर दी लिपियां 1. ब्राह्मी, 2. खरोष्ठी मिलती हैं। पर पुस्तकों में और अधिक लिपियों के नाम मिलते है। जैनों के पत्रावणासूत्रा में 18 लिपियां- 1. बंभी, 2. जवणालि, 3. दीसापुरिया, 4. खरोष्ठी, 5. पुक्खरसारिया, 6. भोगवइया, 7. पहाराइया, 8. उपअन्तरिक्खिया, 9. अक्खरपिट्ठिया, 10. तेवणइया, 11. …

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