विक्रय संवर्धन क्या है विक्रय संवर्धन का महत्व

आपने आस पास के बाजारों में अक्सर ‘विंटरसेल’, ‘समर सेल’ ‘मेले’, ‘50 प्रतिशत की छूट’ और इसी प्रकार की विभिन्न योजनाएं भी देखी होगी जो ग्राहक को कुछ विशेष उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित करती हैं। ये सभी योजनाएं निर्माताओं या मध्यस्थों द्वारा अपनी वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले …

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एकल स्वामित्व का अर्थ, विशेषताएं एवं लाभ

एकल स्वामित्व का अर्थ है-एक व्यक्ति का स्वामित्व। इसका मतलब यह हुआ कि एक ही व्यक्ति व्यवसाय का स्वामी होता है। इस प्रकार एकल स्वामित्व वह व्यापार संगठन है, जिसमें एक ही व्यक्ति स्वामी होता है और व्यवसाय से संबंधित सभी कार्यकलापों का प्रबंधन और नियंत्रण उसी के हाथ में होता है। एकल व्यवसाय के स्वामी …

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ई-वाणिज्य के लाभ एवं प्रकार – E-commerce

इंटरनेट आज सफलता की ओर अग्रसर होता उद्योग है। तकनीकी विकास की तेज दर के साथ-साथ अधिक से अधिक लोग कम्प्यूटर एवं इंटरनेट का उपयोग करने लगे हैं। अपनी दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं के कारण वे कम्प्यूटर का अिध्काध्कि उपयोग करना सीखने लगे हैं। यहाँ ई-वाणिज्य वैबसाइटें सबसे आगे हैं क्योंकि आपके उत्पाद जैसे उत्पादों अथवा सेवाओं …

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उपभोक्ता किसे कहते हैं उपभोक्ता के अधिकार और उत्तरदायित्व

सरल शब्दों में, उपभोक्ता उस व्यक्ति को कहते हैं, जो विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। वस्तुओं में उपभोक्ता वस्तुएं (जैसे गेहूं, आटा, नमक, चीनी, फल आदि) एवं स्थायी वस्तुएं (जैसे टेलीविजन, रेफरीजरेटर, टोस्टर, मिक्सर, साइकिल आदि) सम्मिलित है। जिन सेवाओं का हम क्रय करते हैं, …

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संस्कृति एवं सभ्यता में अन्तर

संस्कृति शब्द का प्रयोग हम दिन-प्रतिदिन के जीवन में (अक्सर) निरन्तर करते रहते हैं। साथ ही संस्कृति शब्द का प्रयोग भिन्न-भिन्न अर्थों में भी करते हैं। उदाहरण के तौर पर हमारी संस्कृति में यह नहीं होता तथा पश्चिमी संस्कृति में इसकी स्वीकृति है। समाजशास्त्र विज्ञान के रूप में किसी भी अवधारणा का स्पष्ट अर्थ होता है …

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भारतीय नृत्य के प्रकार और इतिहास

ऋग्वेद में ‘नृति’ तथा नृतु का उल्लेख मिलता है तथा उषा काल की सुन्दरता की तुलना सुन्दर बेशभूषायुत्तफ नृत्यांगना से की है। जैमिनी तथा कौशीतकी ब्राह्मण ग्रन्थों में नृत्य और संगीत का एक साथ उल्लेख किया गया है। महाकाव्यों में स्वर्ग तथा पृथ्वी पर नृत्य के अनेक उदाहरण मिलते हैं। संगीत के समान भारतीय नृत्य की …

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भारत की सामाजिक समस्याएँ

कुछ आवश्यक सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएं जिनसे आज निपटना है, वे हैं जातिवाद, दहेज, साम्प्रदायिकता, शराब, मादक द्रव्यों का सेवन आदि। जिन समस्याओं पर यहा! चर्चा की जा रही हैं वे पर्याप्त नहीं हैं। और भी ऐसी अनेक समस्याए! हैं जिनका सामना सामान्य रूप से हमारे देश को और विशेष रूप से प्रदेशों और समुदायों को करना पड़ …

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पृथ्वी की आंतरिक संरचना

पृथ्वी की आंतरिक संरचना को समझने में जिन स्रोतों की भूमिका प्रमुख हे उनको हम दो भागों में विभाजित कर सकते है।  प्रत्यक्ष श्रोत :- जिनके अन्तर्गत खनन से प्राप्त प्रमाण एवं ज्वालामुखी से निकली हुयी वस्तुयें आती है। अप्रत्यक्ष प्रमाण :- जिसके अन्तर्गत (1) पृथ्वी के अन्दर तापमान दबाव एवं घनत्व में अन्तर (2)अन्तरिक्ष से प्राप्त …

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मानव जीवन में पठारों का महत्व

पठार पृथ्वी की सतह का लगभग 18 प्रतिशत भाग घेरे हुये हैं। पठार एक बहुत विस्तृत ऊँचा भू-भाग है, जिसका सबसे ऊपर का भाग पर्वत के विपरीत लम्बा-चौड़ा और लगभग समतल होता है। पठारी क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ पठार पर प्राय: गहरी घाटियाँ और महाखड्ड बनाती हैं। इस प्रकार पठार का मौलिक समतल रूप कटा-फटा …

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मैदान किसे कहते हैं मैदान के प्रकार?

धरातल पर पायी जाने वाली समस्त स्थलाकृतियों में मैदान सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। अति मंद ढाल वाली लगभग सपाट या लहरिया निम्न भूमि को मैदान कहते हैं। मैदान धरातल के लगभग 55 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। संसार के अधिकांश मैदान नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बने हैं। मैदानों की औसत ऊँचाई लगभग 200 …

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