तुलनात्मक राजनीति का विकास

तुलनात्मक राजनीति केवल आधुनिक युग की देन नहीं है, बल्कि इसका गौरवपूर्ण अतीत है। तुलनात्मक राजनीति के विकास की गाथा अरस्तु से प्रारम्भ होती है। अरस्तु ने ही सर्वप्रथम 158 देशों के संविधानों का तुलनात्मक अध्ययन करके राज्य सम्बन्धी सिद्धान्तों की नींव रखी। अरस्तु के बाद अनेक विचारक सदैव यही बात सोचते रहे हैं कि कौन …

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प्रार्थना के प्रकार एवं रूप

प्रार्थना के प्रकार समूह प्रार्थना प्रार्थना के अन्य भेदों में सकाम तथा निष्काम प्रार्थना है। इन दोनों में कौन सी अधिक महत्त्वपूर्ण है यह निर्णय करने से पूर्व हमें इनका विभिन्न स्वरूप समझना चाहिए। पाश्चात्य देशों में सर्वत्र सकाम प्रार्थना का प्रचार है। इसके विपरीत प्राचीन आर्यों में निष्काम प्रार्थना का ही अधिक महत्व था। सकाम …

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हीगल का जीवन परिचय, सिद्धान्त एवं राजनीतिक विचार

जर्मनी के प्रसिद्ध आदर्शवादी दार्शनिक हीगल का जन्म 1770 ई0 में स्टटगार्ट नामक नगर में हुआ। हीगल के पिता वुर्टमवर्ग राज्य में एक सरकारी कर्मचारी थे। वे हीगल को धार्मिक शिक्षा दिलाना चाहते थे। 18 वर्ष की आयु तक हीगल ने स्टटगार्ट के ‘ग्रामर स्कूल’ में शिक्षा ग्रहण की। 1788 ई0 में उसने ट्यूबिनजन के विश्वविद्यालय …

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प्लेटो के दार्शनिक राजा की अवधारणा

प्लेटो ने तत्कालीन एथेन्स की राजनीतिक दुर्दशा देखकर एक शक्तिशाली शासन की आवश्यकता महसूस की ताकि स्वार्थी तत्त्वों से आसानी से निपटा जा सके। उसने महसूस किया कि राजा इतना शक्तिशाली होना चाहिए कि वह आसानी से एथेन्स को राजनीतिक भ्रष्टाचार, व्यक्तिवाद व अस्थिरता के गर्त से निकाल सके और राज्य में शान्ति व्यवस्था कायम कर …

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प्रबंधन सूचना प्रणाली का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ

प्रबंधन प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जिसमें विभिन्न प्रबंधन कार्यों से सम्बन्धित परिभाषित समंको व सूचनाओं को एकित्रत, प्रविधियत एवं संचारित किया जाता है यह प्रबंधन को सही समय पर तथा सही रूप में आवश्यक सूचनाएँ तैयार करने एवं प्रस्तुत करने की एक समन्वित व्यवस्था है। इस पद्धति के द्वारा निर्णय लेने, उनको क्रियान्वित करने तथा …

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प्रशिक्षण का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएं

प्रशिक्षण कर्मचारी के ज्ञान निपुणताओं, व्यवहार, अभिरूचियों तथा मनोवृत्तियों में सुधार करता है, परिवर्तन उत्पन्न करता है तथा ढालता है। इस प्रकार प्रशिक्षण एक सीखने का अनुभव है। प्रशिक्षण, कार्यों को सही एवं प्रभावपूर्ण ढंग से सम्पन्न करने के लिए कर्मचारियों को जानकारी प्रदान करने की प्रक्रिया है, जिससे कि उनकी कार्य के प्रति समझ, कार्यक्षमता …

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अंकेक्षण का अर्थ, आवश्यकता, उद्देश्य, क्षेत्र एवं लाभ

जिस प्रकार शरीर की व्यवस्थता की जाँच डॉक्टर से कराना आवश्यक है, उसी प्रकार लेख-पुस्तकों की जाँच अंकेक्षण से कराना आवश्यक है। डॉक्टर शरीर जाँच के बाद यह प्रमाणित करता है कि शरीर में दोष है या नहीं; यदि है तो किस प्रकार का है, ऐसा रिपोर्ट में लिख देता है। उसी प्रकार लेखा पुस्तकों का …

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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता के अधिकार

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 एक महत्वपूर्ण अधिनियम के रूप में पेश किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता को संरक्षण प्रदान किया गया है। यह अधिनियम दिसम्बर 1986 में संसद द्वारा पास किया गया और 15 अप्रैल, 1987, को इसे लागू कर दिया गया। दिसम्बर 1993 में इस अधिनियम में कुछ संशोधन किए गए। यह अधिनियम …

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आभास लगान का अर्थ

आभास लगान की धारणा का प्रयोग डॉ. मार्शल ने भूमि के अतिरिक्त मनुष्य द्वारा बनाए गए उन साधनों से प्राप्त अतिरिक्त आय के लिये किया है जिनकी पूर्ति अल्पकाल में स्थिर रहती है। मार्शल के अनुसार वर्तमान पुस्तक में आभास लगान शाब्द का प्रयोग उस आय के लिए किया जाएगा जो कि उत्पादन के लिए मनुष्य …

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लगान का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं सिद्धान्त

लगान शब्द का प्रयोग उत्पादन के उन साधनों को दिए जाने वाले भुगतान के लिए किया जाता है जिनकी पूर्ति अपूर्ण लोचदार होती है। इस सम्बन्ध में प्रमुख उदाहरण भूमि का दिया जाता है। जबकि साधारण बोलचाल की भाषा में लगान या किराया शब्द का प्रयोग उस भुगतान के लिए किया जाता है जो किसी वस्तु …

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