मौर्य साम्राज्य | मौर्य काल का इतिहास

जिस समय सिकन्दर अपने विश्व विजय के अभियान पर भारत की ओर आया तो यहां मगध में एक शक्तिशाली नन्द साम्राज्य का राज्य था ये नन्द राजा अपनी निम्न उत्पत्ति एवं गलत नीतियों के कारण प्रजा में काफी अलोकप्रिय हो चुके थे परन्तु फिर भी सिकन्दर की सेना ने उनसे मुकाबला न करना उचित समझा तथा …

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हिंदू विवाह के 8 प्रकार क्या हैं?

विवाह, समाज द्वारा मान्यता प्राप्त एक सामाजिक संस्था है। इसके द्वारा दो अलग लिंग के लोगों को एक साथ रहने, यौन संबंध स्थापित करने, बच्चों को जन्म देने तथा उनका लालन-पोषण करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है।समाज द्वारा अनुमोदित स्त्री-पुरूष के संयोग को विवाह कहते हैं, जिससे स्त्री- पुरुष को काम- इच्छा की सन्तुष्टि के …

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छत्तीसगढ़ का नामकरण एवं इतिहास

छत्तीसगढ़ अंचल मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के द्वारा भारत के हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश से पृथक होकर 1 नवंबर 2000 को भारतीय संघ का 26वीं राज्य बन गया। नवनिर्मित राज्य की अब उम्र 12 वर्ष पूरी हो चुकी है। यह मानचित्र में ध्यान से देखने पर समुद्री घोड़े के समान दिखाई पड़ता है। इस राज्य …

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एल एम सिंघवी समिति क्या है ?

जून, 1986 में डॉ. एल एम सिंघवी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। इस समिति ने यह अनुभव किया की पंचायतों की अवधारणा पूर्ण स्वराज्य के दर्शन का एक अंग है। इसने पंचायती राज संस्थाओं को स्वषासन की मूल इकाई के रूप में माना। इस समिति का विचार था कि “पंचायती राज संस्थाओं को मुख्य …

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जी वी के राव समिति का गठन एवं मुख्य सिफारिशें | G.V.K. Rao Committee

gvk राव समिति जीवीके राव समिति का गठन 25 मार्च, 1985 को योजना आयोग द्वारा किया गया। इस समिति का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्र में विकास एवं गरीबी उन्मूलन से सम्बन्धित प्रशासनिक व्यवस्था की समीक्षा करना एवं साथ ही पंचायती राज के अंगों का प्रशासनिक निकायों से सम्बन्ध का अध्ययन करना तथा उचित सिफारिशें करना था। …

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बलवंत राय मेहता समिति क्या है – बलवंत राय मेहता समिति की प्रमुख सिफारिशें

जनवरी, 1957 ई. में बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया जिसने सामुदायिक विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय विस्तार सेवा का व्यापक अध्ययन करने के बाद 24 नवम्बर, 1957 को अपनी रिपोर्ट सरकार के सम्मुख प्रस्तुत की। इस समिति को गठित करने का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि जनता में …

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महर्षि पतंजलि का जीवन का परिचय एवं रचनाएं

एक किंवदन्ती के अनुसार ऐसा ज्ञात होता है, कि प्रात:काल नदी में अचानक से सूर्य के अर्घ्य देते समय कोई बालक एक ब्राह्मण के अंजलि में आ गया और उस दृश्टान्त के कारण इनका नाम पतंजलि पड़ गया। बाद में उसी ब्राह्मण के यहां इनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। कुछ विद्वान इन्हें शुंगवंशीय महाराज पुश्यमित्र के दरबारी पण्डित …

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कृषि उत्पादकता को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

कृषि उत्पादकता से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में प्रति हेक्टेयर उत्पादन से है। कृषि उत्पादकता में मिट्टी, जलवायु, कृषि तकनीक, पूंजी एवं उर्वरकों का विशेष महत्व होता है। कुछ क्षेत्रों में अधिक उर्वरकों के प्रयोग से भी अनूकूल उत्पादन नहीं प्राप्त हो पाता है। यहाँ मिट्टी की जाँच आवश्यक होती है जिससे मृदा में जिस अनुपात …

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सुधा अरोड़ा का जीवन परिचय, रचनाएँ, उपलब्धियाँ/पुरस्कार

सुधा अरोड़ा का जन्म लाहौर (पाकिस्तान) में हुआ। उच्च शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से हुई। इसी विश्वविद्यालय के दो काॅलेजों में उन्होंने सन् 1969 से 1971 तक अध्यापन कार्य किया। कथा साहित्य में सुध अरोड़ा एक चर्चित नाम है।  उनके कई कहानी संग्रह प्रकाशित हैं – बगैर तराशे हुए, युद्ध-विराम, महानगर की भौतिकी, काला शुक्रवार, काँसे का गिलास …

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नमिता सिंह का जीवन परिचय, व्यक्तित्व, कृतित्व और उपलब्धियाँ

डॉ. नमिता सिंह का जन्म 4 अक्टूबर, 1944 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। डॉ. नमिता सिंह का मूल नाम नमिता पंत है। उनका जन्म हिन्दी के महाकवि पं. सुमित्रनंदन पंत के परिवार में हुआ। डॉ. नमिता सिंह के पिता का नाम स्व. गिरीशचंद्र पंत और माता जी का नाम दयावती पंत था। माता और पिता …

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