जाति व्यवस्था का सम्पूर्ण विचार प्राप्त करने के लिए इसकी विशेषताओं का वर्णन किया जा सकता है

‘जाति’ शब्द एक पुर्तगाली शब्द ‘कास्टा’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ नस्ल, कुल या समूह से लिया गया है। एक व्यक्ति एक जाति में पैदा होता है और स्थायी तौर पर उसी का सदस्य बना रहता है।  जाति व्यवस्था की विशेषताएं जाति-व्यवस्था का सम्पूर्ण विचार प्राप्त करने के लिए इसकी विशेषताओं का वर्णन किया जा …

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जाति व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धान्त

जाति व्यवस्था की ठीक उत्पत्ति की खोज नहीं की जा सकती। इस व्यवस्था का जन्म भारत में हुआ, ऐसा कहा जाता है। भारत-आर्य संस्कृति के अभिलेखों में इसका सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है तथा उन तत्वों का निरन्तर इतिहास भी मिलता है, जिनसे जाति व्यवस्था का निर्माण हुआ। जिन लोगों को भारत-आर्य कहा जाता है, वे भाषाशास्त्रीय …

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संवेग का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, किशोर में पाये जाने वाले संवेगात्मक व्यवहार

संवेग क्या है? आम लोगों के लिए इसे परिभाषित करना बहुत सरल है। प्रसन्नता, खुशी, क्रोध, उदासी, ईर्ष्या, प्रेम आदि अनुभव किए जाने वाले सामान्य संवेग हैं। उदाहरण स्वरूप हम अच्छा खाना खाते हैं और संतुष्ट महसूस करते हैं। हम अच्छी फिल्म दखते हैं और प्रसन्न महसूस करते हैं। हम प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं …

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जाति व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं

भारत में जाति व्यवस्था का अध्ययन तीन परिप्रेक्ष्यों में किया गया है: भारतशास्त्रीय (Indological), समाज-मानवशास्त्रीय (socio-anthropological) तथा समाज-शास्त्रीय (sociological)। भारतशास्त्रीयों ने जाति का अध्ययन धर्म ग्रंथीय (scriptual) दृष्टिकोण से किया है, समाज मानवशास्त्रियों ने सांस्कृतिक दृष्टिकोण से किया है तथा समाजशास्त्रयों ने स्तरीकरण के दृष्टिकोण से किया है। भारतशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में भारतशास्त्रियों ने जाति प्रथा की …

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संयुक्त परिवार में परिवर्तन के कारण

परम्परागत (संयुक्त) परिवार व्यवस्था के विखण्डन के लिए कौन-कौन से कारक उत्तरदायी हैं? परिवार में परिवर्तन किसी प्रभावों के एक समुच्चय (set of influences) से, नहीं आया है, और न यह सम्भव है कि इन कारकों में से किसी एक को प्राथमिकता दी जा सके। इस परिवर्तित होते हुए परिवार के लिए कई कारक उत्तरदायी है। …

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संयुक्त परिवार का अर्थ, परिभाषा, प्रमुख विशेषताएं

भारत में संयुक्त परिवार प्रथा, भूतकाल से चली आ रही है संयुक्त परिवार जिसमें कम से कम 5 से 25 व्यक्तियों का समूह होता है जहाँ परिवार का मुखिया दादा या बड़ा सदस्य होता है। वह परिवार की भलाई के लिए समय-समय पर निर्णय लेते है। और उसका निर्णय मान्य होता है। सब उसका आदर करते है। …

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स्थानीय इतिहास क्या है?

स्थानीय इतिहास अतीत को आमतौर पर ‘ऐतिहासिक-लेखन की विशिष्ट धारा जो भौगोलिक रूप में लघु क्षेत्र पर केन्द्रित, अव्यावसायिक इतिहास अतीतकारों द्वारा, अशैक्षिक श्रोताओं के लिए लगातार लिखा जाने वाला और उन पर केन्द्रित इतिहास अतीत माना जाता है।’ पश्चिमी देशों में, विशेष रूप से ब्रिटेन में, फ्रांस और अमेरिका में, स्थानीय इतिहास अतीत 18वीं (अठारहवीं) …

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केम्ब्रिज सम्प्रदाय क्या है ?

अनिल सील के शोधा प्रबंध इमरजेंस ऑफ इंडिया नेशनलिज्म (1968) का निर्देशन केम्ब्रिज के जॉन गेलेधर ने किया था। इस शोध ग्रंथ में जॉन गेलेधर की अभिधारणा को ही आगे बढ़ाया गया। अनिल सील के प्रथम पीढ़ी के छात्रों खासतौर पर जुडिथ ब्राउन, जिन्होंने गांधीजी राईज टू पावर (केम्ब्रिज 1972) लिखी, ने भी इस परंपरा को …

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भाषा की उत्पत्ति का सिद्धांत

प्राचीनकाल से भाषा की उत्पत्ति पर विचार होता रहा है। कुछ विद्वानों का मंतव्य है कि यह विषय भाषा-विज्ञान का है ही नहीं। इस तथ्य की पुष्टि में उनका कहना है कि विषय मात्रा संभावनाओं पर आधारित है। भाषा के वैज्ञानिक अध्ययन को भाषाविज्ञान कहते हैं। यदि भाषा का विकास और उसके प्रारंभिक रूप का अध्ययन भाषाविज्ञान …

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मिथक का अर्थ, परिभाषा, प्रकार और भेद

संस्कृत में ‘मिथक’ शब्द के समीपवर्ती शब्दों के रूप में दो ही शब्दों का प्राधान्य रहा है। प्रथम है ‘मिथस’ अथवा ‘मिथ’, जिसका अर्थ है – ‘परस्पर सम्मिलन’ तथा द्वितीय है ‘मिथ्या’ जिसका अर्थ है – झूठ तथा असत्य। यदि मिथक का उद्धव ‘मिथस’ से माना जाए तो इस शब्द का अभिप्राय मात्र गप्प अथवा कपोल …

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