साक्षात्कार अनुसूची क्या है यंग ने श्रेष्ठ अनुसूची की दो विशेषताएँ बताई है

अनुसूची अंग्रेजी के शिड्यूल (Schedule) का हिन्दी रूपान्तर है। जिसका अर्थ होता है सूची (A list)] नामावली (A tabulated statement) आदि।  साक्षात्कार अनुसूची की परिभाषा साक्षात्कार अनुसूची की विद्वानों ने जो परिभाषाएँ दी हैं, वे इस प्रकार हैं- बोगार्डस के अनुसार- अनुसूची उन तथ्यों को प्राप्त करने के लिये एक औपचारिक पद्धति का प्रतिनिधित्व करती है, …

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राजनीतिक समाजशास्त्र का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, प्रकृति l

19वीं शताब्दी में राज्य और समाज के आपसी सम्बन्ध पर वाद-विवाद शुरू हुआ तथा 20वीं शताब्दी में, द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सामाजिक विज्ञानों में विभिन्नीकरण और विशिष्टीकरण की उदित प्रवृत्ति तथा राजनीति विज्ञान में व्यवहारवादी क्रान्ति और अन्त: अनुशासनात्मक उपागम के बढ़े हुए महत्व के परिणामस्वरूप जर्मन और अमरीकी विद्वानों में राजनीतिक विज्ञान के समाजोन्मुख अध्ययन …

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भूमंडलीकरण क्या है? इसके उद्देश्य और प्रभावों का उल्लेख?

भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। वस्तुओं, सेवाओं, व्यक्तियों और सूचनाओं का राष्ट्रीय सीमाओं के आरपार स्वतंत्र रूप से संचरण ही वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण कहलाता है।  भूमंडलीकरण की शुरुआत भारत में सन 1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीति से भूमंडलीकरण की …

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समाजवाद का पतन

समाजवाद मूलत: एक निराशा के कारण असह्य स्थितियों के खिलाफ उठा विरोध का स्वर था। आर्थिक समाजवादी आंदोलन का ध्येय पूंजीवादी समाज को समाप्त करना था। मजदूर वर्ग की जीवन पद्धति एवं कार्य स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु कुछ प्रबुद्ध व्यक्तियों ने सक्रिय प्रयास किये जो समाजवाद का रूप था। 1953 ई. के बाद रूस …

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साम्राज्यवाद से आप क्या समझते हैं साम्राज्यवाद के सिद्धांत

साम्राज्यवाद के अर्थ को समझना आसान नहीं है। अलग-अलग विद्वानों ने अनेकों तरह से इसके सार को समझानें की कोशिश कर इसे काफी कठिन कर दिया है। फिर भी इसके अर्थ को सरल भाषा में कहें तो वह, यह है कि, पूंजीवाद जब अपने विकास के चर्मोत्कर्ष पर पहुंच जाता है तो, वह साम्राज्यवाद में परिवर्तित …

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सांप्रदायिक हिंसा के कारण (बहुकारक उपागम में दस प्रमुख कारक साम्प्रदायिकता के कारणों के बताये गये हैं)

सांप्रदायिक हिंसा के कारण साम्प्रदायिक हिंसा की समस्या को समझने के लिये दो उपागमों का उपयोग किया जा सकता है: (क) ढांचों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण करना, और (ख) उसके उद्भव की प्रक्रिया के कारण मालूम करना। पहले प्रकरण (case) में साम्प्रदायिक हिंसा को सामाजिक व्यवस्था की कार्यप्रणाली या समाज के ढांचों के संचालन के अध्ययन …

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धर्म की परिभाषा, उत्पत्ति का सिद्धांत (आत्मवाद या जीववाद)

संस्कृत शब्दार्थ कोष के अनुसार, धर्म शब्द धारणार्थक धृ धातु से उत्पन्न है। जिसका अर्थ है धारण करना अत: धर्म का मूल अर्थ है जो धारण किया जाए अथवा जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को धारण करता है। यह सामान्य रूप से पदार्थ मात्र का वह प्राकृतिक तथा मूल गुण है, जो उसमें शष्वत रूप से …

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परम्परा का अर्थ, परिभाषा

परम्परा सामाजिक विरासत का वह अभौतिक अंग है जो हमारे व्यवहार के स्वीकृत तरीकों का द्योतक है, और जिसकी निरन्तरता पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तान्तरण की प्रक्रिया द्वारा बनी रहती है। परंपरा को सामान्यत: अतीत की विरासत के अर्थ में समझा जाता है। कुछ विद्वान ‘सामाजिक विरासत’ को ही परम्परा कहते हैं।  परन्तु वास्तव में परम्परा के काम करने …

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श्रम विधान का अर्थ, उद्देश्य, महत्त्वपूर्ण सिद्धांत

श्रम विधान सामाजिक विधान का ही एक अंग है। श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान सामाजिक विधान की एक अलग श्रेणी में आते हैं।  औद्योगिक के प्रसार, मजदूरी अर्जकों के स्थायी वर्ग में वृद्धि, विभिन्न देशों के आर्थिक एवं सामाजिक जीवन में श्रमिकों के बढ़ते हुये महत्व …

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सामाजिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं भारत में सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता ?

‘सामाजिक सुरक्षा’ शब्द का उद्गम औपचारिक रूप से सन् 1935 से माना जाता है, जबकि प्रथम बार अमरीका में सामाजिक सुरक्षा अधिनियम पारित किया गया। इसी वर्ष बेरोजगारी, बीमारी तथा वृद्धावस्था बीमा की समस्या का समाधान करने के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया। तीन वर्ष बाद सन् 1938 में ‘सामाजिक सुरक्षा’ शब्द का …

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