संदर्भ समूह एवं अर्थ समूह क्या है ?

व्यक्ति अपने इर्द-गिर्द कई समूहों से घिरा रहता है। ये समूह या तो प्राथमिक है या द्वितीयक। कुछ समूहों का वह सदस्या होता है कुछ का नहीं। कुछ समूहों को वह अच्छा मानता है और उनके मानदण्डों को स्वीकार करता है, कुछ समूहों के मानदण्डों की वह निन्दा करता है। दिन-प्रतिदिन के जीवन में ऐसे कई …

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प्राथमिक समूह का अर्थ, परिभाषा एवं प्राथमिक समूह के लक्षणों का उल्लेख

प्राथमिक समूह के कई दृष्टाान्त है, परिवार, मित्र मण्डली, जनजातीय समाज, पड़ोस और खेल समूह। इनके सदस्यों के बीच में घनिष्ठ अनौपचारिक, प्रत्यक्ष संबंध होते है। इस समूह के सदस्यों में अपनवत् की भावना होती है। भारतीय गाँव एक प्राथमिक समूह है। गाँव के लोग न केवल एक दूसरे को व्यक्तिगत रूप् से जानते है, वे …

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समुदाय के आधार तत्व

समुदाय की अवधारणा समाज की एक लोकप्रिय अवधारणा है। सैद्धान्तिक दृष्टि से सबसे पहले इस अवधारणा का प्रयोग इमाइल दुर्खीम ने किया था। उन्होंने समाज को दो भागों में विभाजिहत किया। एक समाज जिसे वे यांत्रिक समाज कहते हैं वस्तुत: ग्रामीण समुदाय है। इस समुदाय में न्यूनतम श्रम विभाजन होता है, कानून का स्वरूप दमनात्मक होता है और …

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सामाजिक विकास की परिभाषा और इसकी अवस्थाएं

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह दूसरों के व्यवहार को प्रभावित करता है और उसके व्यवहार से प्रभावित होता है। इस परस्पर व्यवहार के व्यवस्थापन पर ही सामाजिक संबंध निर्भर होते हैं। इस परस्पर व्यवहार में रुचियों, अभिवश्त्तियों, आदतों आदि का बड़ा महत्व है। सामाजिक विकास में इन सभी का विकास सम्मिलित है। जब सामाजिक परिस्थिति …

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सामाजिक समस्या क्या है सामाजिक समस्या के प्रकार एवं वर्गीकरण?

सामाजिक समस्या उन परिस्थितियों अथवा दशाओं का नाम है जिन्हें समाज हानिकारक मानता है तथा जिनमें सुधार की समाज को आवश्यकता होती है। सामाजिक समस्या का तात्पर्य उन परिस्थितियों अथवा दशाओं से है जिन्हें एक समुदाय के अधिकांश व्यक्तियों के द्वारा अपने सुस्थापित नियमों, सामाजिक मूल्यों तथा समूह-कल्याण के विरूद्ध माना जाता है। जब समाज में …

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संस्कृति का अर्थ, संस्कृति की विशेषताएँ?

किसी देश, जाति अथवा समाज के विशिष्ट पुरुषों के विचार, वचन, आचार-व्यवहार, कार्य तथा उनके द्वारा स्थापित परम्परायें ही उस देश, जाति अथवा समाज की संस्कृति है। संस्कृति का अर्थ संस्कृत भाषा के इस संस्कृति पद की रचना सम् उपसर्गपूरक कृ धातु से ‘क्तिन्’ प्रत्यय करके हुई है। सम्कृ+ क्तिन् (सुट् का आगम) = संस्कृति। इसका …

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कौटिल्य का अर्थशास्त्र

आचार्य कौटिल्य द्वारा विरचित अर्थशास्त्र नामक ग्रन्थ राजनीति और अर्थशास्त्र का ऐसा महत्वपूर्ण ग्रन्थ है जिसमें ईसा से तीन शताब्दी पूर्व के एतद्विषयक भारतीय चिन्तन की पराकाष्ठा के दर्शन होते हैं। हमारे प्राचीन चिन्तन के बारे में पाश्चात्त्य विद्वानों का सामान्यत: यही मानना था कि भारत ने विचार क्षेत्र में तो प्रगति की है, लेकिन क्रिया …

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कृषि विपणन क्या है विपणन व्यवस्था में इन विशेषताओं का होना आवश्यक हैं

कृषि विपणन से तात्पर्य उन सभी क्रियाओं से लगाया जाता है, जिनका सम्बन्ध कृषि उत्पादन का किसान के यहां से अन्तिम उपभोक्ता तक पहुंचाने में किया जाता है।  प्रो0 अबाॅट के अनुसार ‘‘ कृषि विपणन के अंतर्गत उन समस्त कार्यों को सम्मिलित किया जाता है जिनके द्वारा खाद्य पदार्थ एवं कच्चा माल फार्म से उपभोक्ता तक …

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सामाजिक समूह की परिभाषा उसका अर्थ और विशेषताएँ

सामाजिक समूह की अवधारणा का अंतर हमें इससे मिलती-जुलती दो और धारणाओं से करना चाहिए। ये धारणाएँ है : (1) समुच्चय, और (2) सामाजिक कोटियाँ। समुच्चय और सामाजिक कोटियाँ निश्चित रूप से व्यक्तियों का जोड़ है। सामाजिक समूह की परिभाषा  सामाजिक समूह न तो अनेक व्यक्तियों का समुच्चय है और न ही यह एक सामाजिक कोटि …

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द्वितीयक समूह का अर्थ एवं परिभाषा

एन्थेनी गिडेन्स ने आज के समाज में द्वितीयक समूह के महत्व को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। उनका कहना है कि हमारा दैनिक जीवन – सुबह से लेकर शाम तक – द्वितीयक समूहों के बीच में गुजरता है। एक तरह से हमारी श्वास दर श्वास द्वितीयक समूहों के सदस्यों के साथ निकलती है। सही है गिडेन्स के …

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