अल्पसंख्यक किसे कहते है?

सामान्य बोलचाल की भाषा मे ‘माइनरटी’ शब्द लैटिन भाषा के शब्द ‘माइनर’ और ‘इति’ प्रत्यय से बना है जिसका अर्थ होता है ‘इण्टर एलिया’ जो दो सख्या की तुलना में छोटा होता है । अल्पसंख्यक किसे कहते है?  अल्पसंख्यक से आशय है जो संख्या में कम हो अथवा अल्प हो वही अल्पसंख्यक है। जब देश को …

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दहेज का अर्थ, दहेज प्रथा को रोकने के उपाय

दहेज (Dowry) वह सम्पत्ति है जिसे दुल्हन के माता-पिता द्वारा दबाव या अनुचित तरीकों से प्राप्त किया जाता है। हिन्दू समुदाय में यह परम्परा है कि माता-पिता विवाह में अपनी कन्या दे। इस पवित्र धार्मिक कर्तव्य के अनुपालन में माता-पिता अपनी लड़की के लिये एक दुल्हे की खोज करता है। परन्तु हिन्दू समुदाय में यह प्रचलन …

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उपेक्षित समाज का अर्थ, परिभाषा और स्वरूप

उपेक्षित समाज का अर्थ उपेक्षा शब्द का अर्थ -’उदासीनता, लापरवाही, विरक्ति, किसी को तुच्छ अथवा नगण्य समझना, अयोग्य जानकर ध्यान न देना या सत्कार न करना है । तो उपेक्षित का अर्थ- जिसकी उपेक्षा की गई हो, अनादर किया हुआ, तिरस्कृत आदि है । और उपेक्ष्य शब्द का अर्थ -’’उपेक्षा के योग्य, घृणा के योग्य’’ है …

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भारतीय संस्कृति की विशेषताएं और व्याख्या

संस्कृति एक पारिभाषिक शब्द है इसकी शब्दगत व्युत्पत्ति है सम्+कृ+क्तित्र संस्कृति। अर्थात् कृ धातु से क्तिन प्रत्यय और सम् उपसर्ग लगाने से ‘संस्कृति‘ शब्द बनता है, जिसका अर्थ होता है- परिमार्जन अथवा परिष्कार। भारतवर्ष प्राचीन देश है। अपनी भौगोलिक स्थिति और सांस्कृतिक इकाई के रूप में भारतीय संस्कृति का समस्त मानवीय उपलब्धियों के अध्ययन में प्रमुख …

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NGO – एनजीओ क्या है और यह कैसे काम करता है?

गैर सरकारी संगठन (NGO) निस्वार्थ सेवा हेतु एकत्रित हुए लोगों का समूह है जो कुछ व्यक्ति मिलकर खास उद्देश्य के लिए कोई संगठन बनाते हैं। इसमें व्यक्तिगत लाभ ना होकर सामाजिक विकास का उद्देश्य होता है। इनका मुख्य लक्ष्य जरूरतमंद की सेवा करना होता है। गैर सरकारी संगठन व्यक्तियों का ऐसा समूह होता है जिन्होंने स्वयं को …

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हिन्दू धर्म के सोलह 16 संस्कार I 16 Sanskar details in hindi

संस्कार शब्द की व्युत्पत्ति सम पूर्वक ‘कृन्’ धातु से ‘‘धम’’ प्रत्यय करने पर होती है। सम् + कृ + धन = संस्कार। विभिन्न स्थलों पर भिन्न-भिन्न सन्दर्भों में इसका उपयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। प्रसंग के अनुसार संस्कार शब्द के अर्थ, शिक्षा, संस्कृति प्रशिक्षण, व्याकरण सम्बन्धी शुद्धि संस्करण, परिष्करण, शोभा, आभूषण, प्रभाव, स्वरुप, स्वभाव …

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भारत में कृषि का महत्व एवं कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव

भारत में कृषि, यहाँ की अर्थव्यवस्था व मानव-विकास तथा सामाजिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप एवं उत्थान की आधारशिला बनी हुयी है। देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है तथा देश के 6.38 लाख से भी अधिक गांवों में निवास करने वाली 75 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आजीविका कृषि से ही …

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श्रृंगार का अर्थ, परिभाषा, भेद एवं तत्व

श्रृंगार का अर्थ श्रृंगार का अर्थ श्रृंगार शब्द ‘श्रृंग’ एंव ‘आर’ इन शब्दों के योग से बना है। श्रृंग का अर्थ कामोहेक या काम की वृद्धि और आर का अर्थ आगमन या प्राप्ति है। इस प्रकार श्रृंगार का शाब्दिक अर्थ हुआ काम की प्राप्ति अथवा वृद्धि होना। श्रृंगार की परिभाषा भरतमुनि से लेकर हिन्दी एवं संस्कृति …

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भक्ति का अर्थ क्या है भक्ति के प्रकार एवं महत्व का वर्णन ?

भक्ति शब्द का अर्थ सेवा अथवा आराधना होता है। श्रद्धा और अनुराग भी इसी के अर्थ माने जाते हैं। ‘भक्ति’ शब्द ‘भज सेवायाम्’ धातु से क्तिन् प्रत्यय लगाकर बना है, जिसका अर्थ है भगवान का सेवा-प्रकार। शाण्डिल्य भक्तिसूत्र में भक्ति की व्याख्या इस प्रकार की गई है- ‘सा परानुरक्तिरीष्वरै:’ अर्थात् ईश्वर में परम् अनुरक्ति ही भक्ति …

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भक्ति का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं महत्व

भक्ति शब्द संस्कृत के ‘भज’ सेवायाम् धातु में ‘ क्तिन्’ प्रत्यय लगाने पर बनता है। वस्तुत: ‘क्तिन्’ प्रत्यय भाव अर्थ में होता है। ‘भजनं भक्ति:’ परन्तु वैयाकरणों के अनुसार कृदन्तीय प्रत्ययों में अर्थान्तर अर्थ परिवर्तन प्रक्रिया का अंग है। अत: वही ‘क्तिन्’ प्रत्यय अर्थान्तर में भी हो सकता है।“भजनं भक्ति:”, “भज्यते अनया इति भक्ति:”, “भजन्ति अनया …

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