मानव हृदय की संरचना किस प्रकार की है हृदय भित्ति का निर्माण किस प्रकार से होता है ?

हृदय गुलाबी रंग का शंक्वाकार अन्दर से खोखला मांसल अंग होता है। यह शरीर के वक्ष भाग के वक्ष भाग में फेफडो के बीच स्थित होता है। हृदय ये ही रूधिर वाहिनियॉ रक्त को पूरे शरीर में ले जाती है। तथा फिर इसी से वापस लेकर आती है। सामान्यत: मनुष्य शरीर में रक्त की मात्रा 5 …

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रक्त में किन पदार्थों का मिश्रण पाया जाता है इनके विषय में विस्तारपूर्वक विवरण

शरीर के भीतर जो एक लाल रंग का द्रव-पदार्थ भरा हुआ है, उसी को रक्त (Blood) कहते हैं। रक्त का एक नाम रुधिर भी है रुधिर को जीवन का रस भी कहा जा सकता है। यह संपूर्ण शरीर में निरन्तर भ्रमण करता तथा अंग-प्रत्यंग को पुष्टि प्रदान करता रहता है। जब तक शरीर में इसका संचरण …

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मांसपेशियों के प्रकार, मानव शरीर की मुख्य पेशियों का संक्षिप्त परिचय

अनेकों कोशिकाओं एवं उनके समूह ऊतकों द्वारा ही शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण होता है। इन्हीं कोशिकाओं से ही मांसपेशी की उत्पत्ति होती है। मांसपेशी के प्रत्येक तन्तु में अनेक कोशिकाएं होती है। मनुष्य शरीर का अधिकांश वाह्य व आन्तरिक भाग मांसपेशियेां से ढका रहता है। शरीर का ऊपरी हिस्सा पूर्ण रूपेण मांसाच्छादित होने के …

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अस्थि की संरचना एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

मानव शरीर का आधारभूत ढाँचा अस्थियों से बना है। शरीर की स्थिरता, आकार, आदि का मूल कारण अस्थियाँ ही है। मूल रूप से अस्थियाँ नियमित रूप से बढ़ने वाली, अपने आकार को नियमिति करने वाली अपने अन्दर होने वाली किसी भी प्रकार की टूट – फूट को ठीक करने में सक्षम है। मनुष्य का अस्थि संस्थान …

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शरीर के प्रमुख ऊतक की संरचना एवं कार्य

समान स्वरूप एवं समान कार्य वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते है। कुछ ऊतक विशेष स्थानों पर पाए जाते हैं और कुछ सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त रहते है। ऊतकों के समूह मिलकर शरीर के अंगों का निर्माण करते है। उतकों के प्रमुख प्रकार है – उपकलीय तन्त्र ऊतक – यह शरीर के भीतरी और बाहरी …

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कोलाइडी विलयन किसे कहते हैं कोलॉइडों विलयनों का विभिन्न प्रकार से वर्गीकरण किया जा सकता है

आप विलयनों से परिचित हैं। इनकी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका है। दूध, मक्खन, पनीर, क्रीम, रंगीन रत्न, बूट पॉलिश, रबर, स्याही आदि अनेक पदार्थ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे भी एक प्रकार के विलयन है। उन्हें कोलाइडी विलयन कहते है।’कोला’ का अर्थ है सरेस और ‘आइड’ का अर्थ समान है । अर्थात् …

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ठोस अवस्था के गुण || ठोस अवस्था का वर्गीकरण

पदार्थ की वह भौतिक अवस्था जिसमें अवयवी कण (अणु, परमाणु आयन आदि।) परस्पर अत्यन्त प्रबल आर्कशण द्वारा जुडे होते है।  आकार एवं आयतन निश्चित रहते है घनत्व, गलनांक क्वथनांक के मान उच्च होते है। तथा संपीड़यता, विसरणशीलता लगभग नगण्य होती है ठोस अवस्था कहलाती है। ठोस अवस्था के गुण ठोस अवस्था के गुण बताइए – विधुतीय …

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मृदा संरक्षण को रोकने के लिए उपाय

भूमि की ऊपरी उपजाऊ परत मृदा कहलाती है। यह एक तरह की प्राकृतिक संसाधन है। यह विभिन्न प्रकार के प्राणियों का जीवन आधार है। इसकी रचना का आधार ठोस चट्टानें हैं जिन पर भौतिक तथा रासायनिक क्रियाओं से मृदा का निर्माण होता है। भारत का सतही क्षेत्रफल 329 मिलीयन हेक्टेयर है जिसमें 266 हेक्टेयर भूमि का …

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अपक्षय किसे कहते हैं? अपक्षय के प्रकार।

अपक्षय एक स्थानीय प्रक्रिया हैं, इसमें शैलों का विघटन और अपघटन मूल स्थान पर ही होता है विघटन तापमान में परिवर्तन और पाले के प्रभाव से होता हैं। इस प्रक्रिया में शैल टुकड़ों में बिखर जाते हैं अपघटन की प्रक्रिया में शैलों के अन्दर रासायनिक परिवर्तन होते है शैलों में विभिन्न प्रकार के खनिज कण एक …

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शैल किसे कहते हैं? शैल के प्रकार

एक से अधिक खनिजों से मिलकर शैलों का निर्माण होता है। शैल तीन प्रकार की होती है। (1) आग्नेय (2) अवसादी (3)। कायांतरित आग्नेय। शैलो को प्राथमिक शैले कहा जाता है ये शैल लावा एवं मैग्मा के ठंडे होने से बनती है ये शैले अपारग्म्य होती हे यानी पानी या तरल पदार्थ इनसे रिस कर अन्दर …

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