भूमंडलीकरण क्या है? इसके उद्देश्य और प्रभावों का उल्लेख?

भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। वस्तुओं, सेवाओं, व्यक्तियों और सूचनाओं का राष्ट्रीय सीमाओं के आरपार स्वतंत्र रूप से संचरण ही वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण कहलाता है।  भूमंडलीकरण की शुरुआत भारत में सन 1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीति से भूमंडलीकरण की …

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साम्राज्यवाद से आप क्या समझते हैं साम्राज्यवाद के सिद्धांत

साम्राज्यवाद के अर्थ को समझना आसान नहीं है। अलग-अलग विद्वानों ने अनेकों तरह से इसके सार को समझानें की कोशिश कर इसे काफी कठिन कर दिया है। फिर भी इसके अर्थ को सरल भाषा में कहें तो वह, यह है कि, पूंजीवाद जब अपने विकास के चर्मोत्कर्ष पर पहुंच जाता है तो, वह साम्राज्यवाद में परिवर्तित …

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राष्ट्र का अर्थ || राज्य और राष्ट्र के बीच भेद

राष्ट्र का अर्थ है ऐतिहासिक रूप से गठित लोगों का वह समुदाय जो एक समान भाषा, भू-भाग, अर्थव्यवस्था और मनोवैज्ञानिक विचार के करण एक ही संस्कृति में अभिव्यक्त है। ब्लंटशली के अनुसार – ‘‘राष्ट्र लोगों का वह समूह है जो विशेषतः भाषा, रीति-रिवाजों और समान सभ्यता के कारण आपस में बंधे होते हैं जो उनमें एकता …

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राज्य और समाज के बीच अंतर

राज्य एक राजनीति समाज है, जिसके चार घटक है- जनसंख्या, निश्चित भू-भाग, सरकार, संप्रभुता। आप जानते है कि राज्य कानून के माध्यम से स्वाभाविक रूप से दमनकारी शक्ति का प्रयोग करके सामाजिक आचार-विचार को नियंत्रित रखता है। एक संकल्पना के रूप में समाज एक संगठन भी है और सामाजिक संबंधों की कड़ी भी। यह एक ऐसा …

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राष्ट्र राज्य किसे कहते हैं भारत एक राष्ट्र राज्य की विशेषता?

(राष्ट्र राज्य) कहते हैं कि एक जनसमूह को जिनकी एक पहचान होती है, एवं राज्य जिसकी अपनी एक निश्चित भौगोलिक सीमाएं होती है। राष्ट्र राज्य उस राज्य को कहते हैं जो राज्य की राजनैतिक सत्ता को उसकी सांस्कृतिक सत्ता से मिला है। राष्ट्र राज्य एक ऐसा राज्य है, जिसमें सांस्कृतिक सीमाएं राजनीतिक लोगों के साथ मेल …

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मानव अधिकार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, सिद्धांत

मानव अधिकारों से तात्पर्य उन सभी अधिकारों से हैं जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए है। यह अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए हैं और न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय हैं। इसके अलावा ऐसे अधिकार जो अन्तर्राष्ट्रीय समझौते के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा …

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जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याएं || जनसंख्या वृद्धि का आर्थिक विकास पर प्रभाव

जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याएं विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा भारत में जनसंख्या वृद्धि तेजी से हो रही है। जिससे अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो रही है। इन समस्याओं के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण भी है। जनसंख्या वृद्धि का सबसे बुरा प्रभाव पर्यावरण पर पड रहा है जिससे जीवन संबंधी अनेक कठिनाइयाँ उत्पन्न …

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व्यापार चक्र का अर्थ, परिभाषा, अवस्थाएं, सिद्धांत

किसी अर्थव्यवस्था में एक निश्चित समय के बाद आर्थिक क्रियाओं में होने वाले बदलाव को व्यापार चक्र कहते है। किसी देश के आर्थिक विकास के लिए आर्थिक क्रियाओं में होने वाले उतार चढ़ाव को सामान्यत: व्यापार चक्र कहते है। व्यापारिक-चक्र के चढ़ाव के दौरान ऊँची राष्ट्रीय आय, अधिक उत्पादन, अधिक रोज़गार तथा ऊँची कीमतें पाई जाती हैं। …

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लाभांश किसे कहते हैं लाभांश के प्रकार?

कंपनी के लाभ का वह भाग जो अंशधारियों को उनकी पूंजी पर, विनियोजन पर देय होता है, लाभांश कहलाता है। लाभांश में अंतिम तथा अंतरिम लाभांश का समावेश होता है। कंपनी में लाभांश की दर कंपनी के संचालकों द्वारा निश्चित की जाती है और कंपनी की वार्षिक साधारण सभा में अंशधारियों द्वारा अनुमोदित की जाती है। …

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लाभांश नीति का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, उद्देश्य, एक सुदृढ़ लाभांश नीति के आवश्यक तत्व

लाभांश नीति का अर्थ है कि वितरण और बकाया कोष रखने के लिए एक नियमित पहुंच को अपनाना कि वर्ष दर वर्ष किसी अस्था्ई निर्णय को लेना। यह लाभांश की अदायगी के समय और मूल्य पर भी ध्यान देती है । उपयुक्त लाभांश नीति बनाना प्रबन्ध् के लिए बड़ा सोच विचार का कार्य है क्योंकि इससे …

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