दर्शन का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, आवश्यकता एवं विशेषताएँ

दर्शन शब्द संस्कृत की दृश् धातु से बना है- ‘‘दृश्यते यथार्थ तत्वमनेन’’ अर्थात् जिसके द्वारा यथार्थ तत्व की अनुभूति हो वही दर्शन है। अंग्रेजी के शब्द फिलॉसफी का शाब्दिक अर्थ ‘‘ज्ञान के प्रति अनुराग’’ होता है। व्यापक अर्थ में दर्शन वस्तुओं, प्रकृति तथा मनुष्य उसके उद्गम और लक्ष्य के प्रतिवीक्षण का एक तरीका है, जीवन के …

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मानवतावाद का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, मूल सिद्धांत, दोष या आलोचना

मानवतावाद को मूलत: मनुष्य जाति के प्रति नैतिक दृष्टि रूप में देखा जाता है। जहा दयालुता, परोपकार सहानुभूति जैसे गुणों को मनुष्यता के लिए सार्वभैामिक माना जाता है। इसके अनुसार पीड़ा और यातना के संदर्भ में किसी के प्रति लिंग, प्रजाति, राष्ट्रीयता, धर्म के आधार पर कोई भेद-भाव नहीं रखा जाता है। मानवीय उच्चतर मूल्यों को …

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प्रयोजनवाद (Pragmatism)-अर्थ, परिभाषा, सिद्धान्त, उद्देश्य

प्रयोजनवाद के लिये अंग्रेजी का शब्द ‘‘Pragmatism’’ है। इस शब्द की उत्पत्ति यूनानी शब्द प्रैग्मा से हुयी जिसका अर्थ है किया गया कार्य, व्यवसाय, प्रभावपूर्ण कार्य।  कुछ विद्वानों ने इस शब्द की उत्पत्ति दूसरे यूनानी शब्द ‘‘प्रेग्मिटिकोस’’ से बताया है, जिसका अर्थ है प्रौक्टिकेबल अर्थात् व्यावहारिक इसके अनुसार प्रैग्मैटिज्म का अर्थ है व्यवहारिकता। इस दृष्टि से …

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