कला का अर्थ, परिभाषा एवं रूप

कला अत्यन्त व्यापक शब्द है। प्राचीन काल से भारतीय भाषाओं में कला एवं इससे भी पूर्व से कला और शिल्प का प्रयोग हो रहा है। Art शब्द का प्रयोग तेरहवीं शताब्दी से प्रारम्भ हुआ, जिसका अर्थ बनाना, उत्पन्न करना या ठीक करना है। कला मानव की अभिव्यक्ति का रूप है। यह अनायास हो या सायास, किन्तु इस …

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मैक्स वेबर का जीवन परिचय एवं प्रमुख रचनाएं

Max Weber ka jeevan parichay मैक्स वेबर  का जन्म जर्मनी के थुरिंगा (Thuringa) शहर में 21 अप्रैल 1864 को एक प्रोटेस्टेंट परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता के सात पुत्रों में से सबसे बड़ा था। मैक्स वेबर के पिता पश्चिमी जर्मनी के व्यापारियों तथा वस्त्र निर्माताओं के परिवार में उत्पन्न हुए थे। दृढ़ प्रोटेस्टेंट विश्वासों के …

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दुर्खीम के आत्महत्या का सिद्धांत, दुर्खीम के अनुसार आत्महत्या के प्रकार

फ्रांस के सामाजिक विचारकों में दुर्खीम को ऑगस्ट कॉम्ट का उत्तराधिकारी माना जाता है। दुर्खीम का जन्म 15 अप्रैल 1858 सन् में पूर्वी फ्रांस के लॉरेन प्रान्त में स्थित एपिनाल (Epinal) नामक नगर में एक यहूदी परिवार में हुआ था। इनके पारिवारिक व शैक्षणिक जीवन के बाद इन्होंने अनेक सिद्धांत समाजशास्त्र में प्रतिपादित किये।  दुर्खीम के …

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कार्ल मार्क्स का वर्ग संघर्ष सिद्धांत की विवेचना

मार्क्सवादी विचार के अनुसार मनुष्य साधारणतया एक सामाजिक प्राणी है, परन्तु अधिक स्पष्ट और आर्थिक रूप में वह एक ‘वर्ग-प्राणी’ है। कार्ल मार्क्स का कहना है कि किसी भी युग में, जीविका उपार्जन की प्राप्ति के विभिन्न साधनों के कारण पृथक-पृथक वर्गों में विभाजित हो जाते हैं और प्रत्येक वर्ग में एक विशेष वर्ग-चेतना उत्पन्न हो जाती …

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कार्ल मार्क्स का ऐतिहासिक भौतिकवाद की संक्षेप में विवेचना

ऐतिहासिक भौतिकवाद मार्क्स के विचारों की धूरी है। यह सिद्धांत इतिहास, संस्कृति और सामाजिक परिवर्तन की सभी आदर्शवादी व्याख्याओं को नकारता है। मानवशास्त्रीय दर्शन पर आधारित यह सिद्धांत इतिहास की व्याख्या मानव द्वारा सामाजिक विश्व के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिये किये गये आर्थिक प्रयत्नों और मूलभूत आर्थिक विभिन्नताओं के कारण उत्पन्न वर्ग संघर्ष के …

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प्रत्यक्षवाद क्या है इसकी मूल मान्यताएं एवं विशेषताएं

प्रत्यक्षवाद का अर्थ सामाजिक घटनाओं का प्रत्यक्ष रूप से निरीक्षण करके किसी निष्कर्ष तक पहुँचना है। प्राकृतिक विज्ञानों का विकास तेजी से इसी कारण हुआ कि इनके द्वारा विभिन्न पदार्थों का अध्ययन कल्पना के आधार पर न करके निरीक्षण, परीक्षण के आधार पर किया जाता है। वैज्ञानिक इस आधार पर कार्य करते है कि सभी पदार्थ …

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सामाजिक यथार्थ का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति

सामाजिक यथार्थ से तात्पर्य ‘‘समाज से सम्बन्धित किसी भी घटनाक्रम का ज्यों का त्यों चित्रण ही सामाजिक यथार्थ कहलाता है।’’ इसके अतिरिक्त सामाजिक यथार्थ से तात्पर्य आम प्रचलित शब्दों में मनुष्य द्वारा की गई सामान्य क्रियाओं के सच्चे चित्रण से लिया जाता है। साहित्य से ही हमें तत्कालीन समाज की परिस्थितियों तथा जन-सामान्य के जीवन का …

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प्लेटो का जीवन परिचय, प्रमुख रचनाएँ, शिक्षा दर्शन

प्लेटो 18 या 20 वर्ष की आयु में सुकरात की ओर आकर्षित हुआ। यद्यपि प्लेटो तथा सुकरात में कुछ विभिन्नताएँ थीं लेकिन सुकरात की शिक्षाओं ने इसे अधिक आकर्षित किया। प्लेटो सुकरात का शिष्य बन गया। प्लेटो का गुरु सुकरात था। सुकरात के विचारों से प्रेरित होकर ही प्लेटो ने राजनीति की नैतिक व्याख्या की, सद्गुण को ज्ञान …

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सर्वोदय का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, तत्व एवं विशेषताएं

सर्वोदय ऐसी समाज रचना चाहता है जिसमें वर्ण, वर्ग, धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर किसी समुदाय का न तो संहार हो, न बहिष्कार हो। सर्वोदय का अर्थ सर्वोदय अर्थात् सबका उदय, सभी का विकास। सर्वोदय भारत का पुराना आदर्श है। विनोबा जी ने कहा है, सर्वोदय का अर्थ है- सर्वसेवा के माध्यम से समस्त …

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आदर्शवाद का अर्थ, परिभाषा, सिद्धांत/ आदर्शवाद क्या है

आदर्शवाद पाश्चात्य दर्शन की प्राचीन विचारधारा है। ज्ञान की किरण भारत के बाद यदि कहीं पहले प्रस्फुटित हुई तो वह यूनान (ग्रीस) देश में। यूनान पाश्चात्य दर्शन की गुरुस्थली है। ईसा की कई शताब्दी पूर्व वहाँ तत्व ज्ञान का विकास होने लगा था। पश्चिमी जगत में यूनानी दार्शनिक थेल्स 640-550 ई. पू. सबसे पहले व्यक्ति थे …

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