राष्ट्रभाषा और राजभाषा किसे कहते हैं?
हिन्दी ग्यारहवीं सदी से ही अक्षुण्ण रूप से इस देश की राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित रही है, भले ही राजकीय प्रशासन के स्तर पर कभी संस्कृत, कभी फारसी और अंग्रजी की मान्यता रही हो, लेकिन समूचे राष्ट्र के जन-समुदाय के आपसी सम्पर्क, संवाद-संचार विचार-विमर्श, सांस्कृतिक ऐक्य और जीवन-व्यवहार का माध्यम हिन्दी ही रही। वस्तुतः आदिकाल …