वायु चिकित्सा एवं प्राणायाम चिकित्सा क्या है?

मानव-जीवन का आधार प्राण है। प्राणों की सत्ता से ही जीवन की गतिविधियां हैं एवं शरीर में बल, स्फूर्ति, उद्यम, उत्साह और ओजस्विता है। यदि प्राणशक्ति का संरक्षण, पोषण और संवर्धन किया जाए तो शरीर को व्याधियों से मुक्त किया जा सकता है। शरीर के कण-कण में प्राणों का समावेश है। इनकी शक्ति का हरास होने …

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सूर्य चिकित्सा का वर्णन

प्रकृति मनुष्य के लिए वरदान है। प्रकृति के सभी तत्त्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु ,सूर्य, चन्द्र आदि किसी न किसी रूप में मनुष्य का हित करते हैं। इनमें भी सूर्य की किरणों का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वेदों में सूर्य-किरणों से चिकित्सा का विस्तार से वर्णन प्राप्त होता है। सूर्य को इस चराचर जगत की आत्मा …

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सांप के प्रकार, सांप के काटने पर क्या करना और नहीं करना चाहिए?

साँप का खौफ मात्रा व्यक्तियों तक ही सीमित नहीं है। पश्चिम बंगाल में रात को ‘साँप’ शब्द का प्रयोग वर्जित है। बच्चों को सिखाया जाता है कि सूरज ढलने के बाद ‘साँप’ की जगह ‘लता’ शब्द का इस्तेमाल किया जाए और अगर किसी बच्चे ने निषिद्ध शब्द को ऊंची आवाज में बोल दिया तो उसे आस्तिक …

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भूटान का इतिहास, भौगोलिक विवरण और सामाजिक स्थिति

भूटान हिमालय की गगनचुंबी पहाड़ियों और घाटियों में स्थित उन्नत लाभाओं का देश है। भूटान का अपना एक प्राचीन इतिहास है। शायद भूटान ही एक मात्र ऐसा देश है जिसके पास अपनी अविरल ऐतिहासिक किवदन्तियाँ जनश्रुतियाँ,, ऐतिहासिक कथायें, धार्मिक दृष्टान्त के लिए बहुत ही कम और अपर्याप्त सामग्री है।  भूटान का इतिहास भूटान का अपना एक …

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वृद्धावस्था के लक्षण क्या है?

सम्पूर्ण विश्व की सामाजिक व्यवस्था में वृद्धावस्था के लक्षण सामान्यत: एक जैसे ही हैं। देश एवं परिस्थितियों के अनुसार उनके स्तर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।  वृद्धावस्था के लक्षण वृद्धावस्था के विविध लक्षण है-  30 से 65 वर्श की आयु में रक्त चाप (ब्लड प्रेषर) में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होने लगती है।  कोलेस्ट्राल के स्तर …

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आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य कौन-कौन से हैं?

आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य, आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य कौन-कौन से हैं? धनवन्तरि तथा दिवोदास पौराणिक इतिहास में भी दिवोदास नाम के अनेक व्यक्ति मिलते है। हरिवंश पुराण के 29 वे अध्याय में काश वंश में धन्वन्तरि तथा दिवोदास का काशीराज के रूप में उल्लेख मिलता है। यह वंशावली निम्न प्रकार है – …

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वैकल्पिक चिकित्सा का क्या अर्थ है? वैकल्पिक चिकित्सा की मूल मान्यताएं

वैकल्पिक चिकित्सा को दूसरे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है। जैसे-पूरक चिकित्सा पद्धति, समग्र चिकित्सा पद्धति, पारम्परिक चिकित्सा पद्धति। जब किसी रोगी को आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारम्परिक चिकित्सा भी दी जाती है, तब यह पारम्परिक चिकित्सा ‘‘वैकल्पिक चिकित्सा’’ कहलाती है और जब रोगी को केवल पारम्परिक चिकित्सा ही दी जाती है, किसी प्रकार की …

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प्रोटीन की कमी से बच्चों में होने वाले दो रोगों के नाम

प्रोटीन नाम सर्वप्रथम सन् 1938 में वैज्ञानिक मुल्डर (Mulder) द्वारा प्रस्तावित किया गया। इस शब्द का उद्गम ग्रीक भाषा के ‘‘प्रोटियोस’’ (Proteose) शब्द से हुआ जिसका आशय है ‘पहले आने वाला’ (To come first)। यह नाम इसलिए प्रस्तावित हुआ क्योंकि उस समय भी यह तत्व जीवन के लिए सबसे प्रमुख तत्व माना जाता था। यह भी …

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जन स्वास्थ्य स्तर गिरने के कारण, जन स्वास्थ्य स्तर में सुधार के लिए सुझाव

सामान्यत: स्वास्थ्य से तात्पर्य बीमारियों से मुक्त होने से समझा जाता है, परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से इसे स्वास्थ्य नहीं कहा जाता है। स्वास्थ्य होने का तात्पर्य शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक एवं सामाजिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति से है।  शाब्दिक दृष्टि से जन स्वास्थ्य का आशय जनता के स्वास्थ्य से है। क्योंकि जन से आशय जनता से तथा …

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स्वास्थ्य का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएं, आवश्यकता

स्वास्थ्य प्रकृति की स्वाभाविक देन है। स्वास्थ्य जीवन का सबसे अनमोल निधि है। इसी पर मनुष्य की प्रसन्नता, खुशहाली, समृद्धि एवं क्रिया-कलाप निर्भर होते हैं। मनुष्य की शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, बौद्धिक तथा सामाजिक सुखावह अवस्था को स्वास्थ्य (Health) कहते हैं । स्वास्थ्य जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है।  व्यक्ति को स्वस्थ तब कहा जाता है जब उसे …

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