ऊष्मा बजट व सूर्यातप क्या है? पृथ्वी का ऊष्मा बजट क्या है

सौर विकिरण का वह भाग जो पृथ्वीतल पर लघु तरंगों के रूप में आता है, सूर्यातप कहलाता है। पृथ्वी भी अन्य वस्तुओं की भांति ताप ऊर्जा विकिरित करती रहती है इसे पार्थिव विकिरण कहते हैं। पृथ्वी की सतह का औसत वार्षिक तापमान हमेशा स्थिर रहता है। इसका प्रमुख कारण सूर्यातप और पार्थिव विकिरण के बीच संतुलन …

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सौर विकिरण किसे कहते हैं धरातल पर प्राप्त सूर्यातप की मात्रा को ये कारक प्रभावित करते हैं :

पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य है। यह ऊर्जा अंतरिक्ष में चारों ओर लघु तरंगों के रूप में विकरित होती रहती है। इस विकिरित ऊर्जा को सौर विकिरण कहा जाता है। कुल सौर विकिरण का मात्रा दो इकाई (1,00,00,00,000 का 0.000000002) ही धरातल पर पहुंचता है।  दूसरे शब्दों में अगर हम सौर विकिरण की कुल …

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मैदान किसे कहते हैं मैदान कितने प्रकार के होते हैं?

धरातल पर पायी जाने वाली समस्त स्थलाकृतियों में मैदान सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। अति मंद ढाल वाली लगभग सपाट या लहरिया निम्न भूमि को मैदान कहते हैं। मैदान धरातल के लगभग 55 प्रतिशत भाग पर फैले हुए हैं। संसार के अधिकांश मैदान नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बने हैं।  मैदानों की औसत ऊँचाई लगभग 200 …

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पठार किसे कहते हैं भौगोलिक स्थिति एवं संरचना के आधार पर पठारों को तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है

पठार पृथ्वी की सतह का लगभग 18 प्रतिशत भाग घेरे हुये हैं। पठार एक बहुत विस्तृत ऊँचा भू-भाग है, जिसका सबसे ऊपर का भाग पर्वत के विपरीत लम्बा-चौड़ा और लगभग समतल होता है। पठारी क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ पठार पर प्राय: गहरी घाटियाँ और महाखड्ड बनाती हैं। इस प्रकार पठार का मौलिक समतल रूप कटा-फटा …

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पर्वत किसे कहते हैं पर्वत हमारे लिए इस प्रकार से उपयोगी हैं

पर्वतों द्वारा पृथ्वी की सम्पूर्ण सतह का 27 प्रतिशत भाग घिरा हुआ है। पर्वत पृथ्वी की सतह के ऊपर उठे हुये वे भाग हैं, जो आसपास की भूमि से बहुत ऊँचे हैं। परन्तु धरातल के सभी ऊपर उठे हुये भाग पर्वत नहीं कहलाते। किसी भी स्थलरूप को पहचानने के लिये ऊँचाई और ढाल दोनों को सम्मिलित …

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भू संतुलन का अर्थ, एअरी और प्रैट के विचार

भू संतुलन का अर्थ आइसोस्टेसी (भूसंतुलन) शब्द ग्रीक भाषा के ‘आइसोस्टेसियॉज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है संतुलन की स्थिति। आप जानते हैं और आपने ऐसा देखा भी होगा कि पर्वतों के बहुत से शिखर होते हैं और उनकी ऊँचाई भी अधिक होती है। इसी तरह से पठार का ऊपरी भाग सपाट होता है और …

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पृथ्वी की आंतरिक संरचना | सचित्र वर्णन

पृथ्वी की उत्पत्ति को स्पष्ट करते समय यह बताया गया था कि पृथ्वी प्रारम्भ में उत्पत्ति अवस्था में थी। धीरे-धीरे शीतल होकर यह वर्तमान ठोस अवस्था को प्राप्त हुई। इसकी संरचना में जिन रासायनिक तत्वों का योग है उसमें कई हल्के और कई भारी पदार्थ हैं। पृथ्वी का ऊपरी भाग अवसादों से बनी परतदार चट्टानों का …

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पर्यावरण विश्लेषण क्या है? प्रक्रिया और इसके लाभ

वातावरण के विश्लेषण से हमें मौजूदा वातावरण तथा इसमें होने वाले हर सम्भव परिवर्तनों को समझने में सहायता मिलती है। वर्तमान वातावरण को जानने के साथ-साथ भावी स्थिति का अनुमान भी लगाना पड़ता है। इससे भावी रणनीति को तैयार करने में मदद मिलती है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि वातावरण के अध्ययन से लाभ …

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आपदा क्या है इसके प्रकार || आपदाओं के घटने के कई विवर्तनिक तथा मानवजनित कारण

आपदा का अर्थ है विपत्ति, मुसीबत या कठिनाई। आपदा को अंग्रेजी में Disaster कहते हैं। डिजास्टर शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। डेस अर्थात बुरा या अशुभ और ऐस्ट्रो का मतलब स्टार या नक्षत्र। पुराने जमाने में किसी विपत्ति, मुसीबत और कष्ट का कारण बुरा नक्षत्रों का प्रकोप माना जाता था। वर्तमान में आपदा का …

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हिमस्खलन किसे कहते हैं हिमस्खलन के प्रकार?

हिमखण्ड के पर्वतीय ढाल के सहारे नीचे सरकने की घटना को हिमस्खलन कहते हैं। यह घटना भूस्खलन के समान ही होती है परन्तु इसमें मिट्टी एवं शैल की अपेक्षा हिमखण्ड सरककर नीचे आ जाते हैं। ऊँचे पर्वतीय ढलानों के सहारे जैसे ही हिमखण्ड नीचे आते हैं तो इनकी गति अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती हैं, जिस …

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