वर्षा जल संग्रहण क्या है वर्षा जल के संग्रहण के लिए विभिन्न विधियों को आवश्यकता अनुसार अपनाया जा सकता है

वर्षा जल संग्रहण का सामान्य अर्थ वर्षा के जल को एकत्रित करने से है। विशेष अर्थों में यह भूमिगत जल के पुनर्भरण बढ़ाने की तकनीक है। इस तकनीक में जल को बिना प्रदूषित किए स्थानीय रूप से वर्षा जल को एकत्रित करके जल को भूमिगत किया जाता है। इससे स्थानीय घरेलू मांग को, अभाव वाले दिनों …

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प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते हैं भारत में प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार?

पौधों की जातियों, जैसे पेड़ों, झाड़ियों, घासों, बेलों, लताओं आदि के समूह, जो किसी विशिष्ट पर्यावरण में एक दूसरे के साहचर्य में विकसित हो रहे हैं, को प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं।  भारत में प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार आर्द्र उष्णकटिबन्धीय सदाहरित एवं अर्द्ध सदाहरित वनस्पति उष्णकटिबन्धीय आर्द्र पर्णपाती वनस्पति उष्णकटिबन्धीय शुष्क वनस्पति ज्वारीय वनस्पति तथा पर्वतीय वनस्पति …

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भारत में पायी जाने वाली विभिन्न मृदाओं का उल्लेख

पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को मृदा कहते हैं। यह अनेक प्रकार के खनिजों, पौधों और जीव-जन्तुओं के अवशेषों से बनी है। यह जलवायु, पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं और भूमि की ऊँचाई के बीच लगातार परस्पर क्रिया के परिणामस्वरूप विकसित हुई है। इनमें से प्रत्येक घटक क्षेत्र विशेष के अनुरूप बदलता रहता है। अत: मृदाओं में भी एक …

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भूमि संसाधन क्या है, किसे कहते हैं?

भूमि संसाधन क्या है? भूमि हमारा मौलिक संसाधन है। ऐतिहासिक काल से हम भूमि से ईधन, वस्त्र तथा निवास की वस्तुएं प्राप्त करते आए हैं। इससे हमें भोजन, निवास के लिए स्थान तथा खेलने एवं काम करने के लिए विस्तृत क्षेत्र मिला है। यह कृषि, वानिकी, पशुचारण, मत्स्यन एवं खनन सामग्री के उत्पादन में प्रमुख आर्थिक …

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वर्षण किसे कहते हैं वर्षा के प्रकार?

जब जल तरल (जल बिन्दुओं) या ठोस (हिमकणों) रूप में धरातल पर गिरता है तो उसे वर्षण कहते हैं। वायु में संघनन की सतत प्रक्रिया के परिणामस्वरूप जल बिन्दुओं या हिम कणों का भार अधिक व आकार बड़ा हो जाता है तथा वे वायु में तैरते हुये रूक नहीं पाते तो पृथ्वी के धरातल पर गुरुत्वाकर्षण …

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संघनन किसे कहते हैं ?

जलवाष्प के धनीभवन होकर जल में बदलने की प्रक्रिया संघनन (Condensation) कहलाती है। वाष्पीकरण में जल से वाष्प बनाती है जबकि संघनन में वाष्प से जल रुप में परावर्तित होता है। संघनन वायुमण्डल में उपस्थित सापेक्षिक आर्द्रता की मात्रा पर निर्भर करता है। जलवाष्प रुप में तब तक बना रहता है जब तक वायु का तापमान …

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वाष्पीकरण किसे कहते हैं वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

पृथ्वी के सभी जलीय भागों जैसे समुद्र, झील तालाब, नदी आदि से हर तापमान पर वाष्पीकरण होता रहता है। जल के तरल से गैसीय अवस्था में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं। एक ग्राम जल को जलवाष्प में परिवर्तित करने के लिए लगभग 600 कैलोरी ऊर्जा का प्रयोग होता है। इसे वाष्पीकरण की गुप्त …

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पवनें किसे कहते है पवनों के प्रकार?

वायुदाब के अन्तर के कारण क्षैतिज रूप में चलने वाली वायु को पवनें कहते हैं। जब वायु ऊध्र्वाधर रूप में गतिमान होती है तो उसे वायुधारा कहते हैं।  पवनों के प्रकार धरातल पर चलने वाली पवनों को स्थूल रूप से तीन वर्गों में रखा जाता है। भूमण्डलीय या स्थाई पवनें  आवर्ती पवनें  स्थानीय पवनें। 1. भूमण्डलीय पवनें …

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वायुदाब किसे कहते हैं?

वायुमंडल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण उसके चारों ओर लिपटा रहता है। वायु का एक स्तम्भ जो धरातल पर अपना भार डालता है उसे वायुदाब या वायुमंडलीय दाब कहते हैं। वायुमंडलीय दाब को वायुदाब मापी यंत्रा (बेरोमीटर) से मापा जाता है। आजकल वायुमंडलीय दाब को मापने के लिये सामान्यतया फोंटिंग एवं अनीरोइड बेरोमीटर का प्रयोग किया …

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भूमंडलीय तापन क्या है तापमान के वितरण का अध्ययन?

आज हमारी पृथ्वी के समक्ष सबसे बड़ी समस्या भूमंडलीय तापन है। वैज्ञानिक इसका संबंध वायु में ओजोन परत के घटने और कार्बन-डाइ-आक्साइड के बढ़ने से बताते हैं। आप जानते हैं कि समतापमंडल के ऊपरी भाग में ओज़ोन गैस की परत है। ओज़ोन सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है और उन्हें पृथ्वीतल तक …

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