अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं इसके कौन कौन से हानिकारक प्रभाव होते हैं?

अम्लीय वर्षा वायु प्रदूषण का विनाशकारी प्रभाव है। विभिन्न उत्पादन क्रियाओं -उद्योगों, कारखानों, वाहन एवं तेल शोधकों से निकली कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड  वायु में घुल जाती है। वर्षा जब होती है जब सूर्य किरणों की ऊष्मा समुद्र की सतह, झीलों एवं नदियों की जल सतह पर वाष्पीकरण को उत्प्रेरित करती है। …

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मृदा प्रदूषण किसे कहते हैं इसके कौन कौन से स्रोत हैं ?

मृदा प्रदूषण में मानव जनित रसायनों की उपस्थिति और मिट्टी में अन्य परिवर्तन शामिल हैं। उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग की मानवीय गतिविधियाँ मिट्टी की गुणवत्ता को प्रभावित करने के प्रमुख कारक हैं। खनन, कृषि, वनों की कटाई आदि महत्वपूर्ण गतिविधियां हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिट्टी को प्रभावित करती हैं। आधुनिक कृषि उत्पादन …

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जल प्रदूषण: परिभाषा, प्रकार और स्रोत

आप जानते होंगे कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग पानी है और केवल 2.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, यानी उपयोग करने योग्य। जल मानव जाति और पर्यावरण के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। जैसे-जैसे पृथ्वी की आबादी बढ़ रही है, इस ग्रह के जल संसाधनों पर लोगों का दबाव बढ़ रहा हैं।  …

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पर्यावरण का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, घटक, हानिकारक तत्व

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परि+आवरण इसमें परि का अर्थ होता है चारों तरफ से’ एवं आवरण का अर्थ है ‘ढके हुए’। अंग्रेजी में पर्यावरण को Environment कहते हैं इस शब्द की उत्पकि ‘Envirnerl’ से हुई और इसका अर्थ है-Neighbonrhood अर्थात आस-पड़ोस। पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है हमारे आस-पास जो कुछ भी उपस्थित …

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भूमंडलीकरण क्या है? इसके उद्देश्य और प्रभावों का उल्लेख?

भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। वस्तुओं, सेवाओं, व्यक्तियों और सूचनाओं का राष्ट्रीय सीमाओं के आरपार स्वतंत्र रूप से संचरण ही वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण कहलाता है।  भूमंडलीकरण की शुरुआत भारत में सन 1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीति से भूमंडलीकरण की …

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द्रव के गतिक सिद्धांत मॉडल के आधार पर उसके प्रेक्षित गुणों की व्याख्या

गैसो की तुलना में द्रव के अणु एक-दूसरे के अधिक समीप होते है। तथा उनमें आकर्षण बल अधिक होता है। इसे नगण्य नही माना जा सकता। ठोसो की तुलना में द्रव में अणुओं का स्थान निश्चित नही होता तथा न ही वे नियमित पैटर्न दिखाते है। अत: द्रव न तो गैसों के समान पूर्णत: अव्यवस्थित है …

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गैस (गैसीय अवस्था) – विशेषताएँ, गुण

पदार्थ की तीन भौतिक अवस्थाएँ होती है-ठोस, द्रव तथा गैस। आधुनिक अनुसन्धानों द्वारा एक अवस्था और ज्ञात की गयी है जिसे प्लाज्मा कहते है। ताप तथा दाब की परिस्थितियों के अनुसार पदार्थ एक समय में किसी एक भौतिक अवस्था में पाया जाता है। इन तीनों अवस्थाओं में कोई सुस्पष्ट सीमांकन रेखा नहीं होती, किसी भी पदार्थ …

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भारत की प्रमुख फसलों के नाम

भारत में लगभग हर प्रकार की फसलें होती है। भारत की प्रमुख फसल है – भारत की प्रमुख फसलें चावल  गेहूं  बाजरा  दलहन चना गन्ना कपास  तिलहन  मूंगफली  चाय कॉफी फल सब्जियाँ फूलों की खेती  मसालें  1. चावल –   चावल भारत की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है। यह मुख्य रूप से खरीफ या गर्मी की फसल है। …

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जल के स्रोत, उपयोगिता, समस्याएं, संरक्षण के उपाय

हमारा जीवन बहुत बदल चुका है और हम जीवन के हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विकास देख रहे हैं। हमारे इर्द-गिर्द इलेक्ट्रानिक उपकरण मौजूद हैं, जिन्हें बिजली की जरूरत होती है। जब बिजली नहीं होती, तो वे बेकार हो जाते हैं लेकिन तब भी हम उनके बगैर जिंदा रह सकते हैं। अगर एक दिन भी पानी …

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मृदा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार

मृदा विभिन्न प्रकार के पदार्थों का मिश्रण है। उदाहरण के लिए, कण, छोटे कंकड़, क्षय और जीवित जीव जिन्हें खाद सूक्ष्म जीव, आदि कहा जाता है। मृदा की ऊपरी सतह वह है जिसमें पौधे खाद, मिट्टी के कण और जीवित जीवन की शरण में रहते हैं। मृदा या मिट्टी चट्टानों द्वारा ही निर्मित होती हैं।  मृदा …

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