वैयक्तिक अध्ययन पद्धति क्या है ?

वैयक्तिक अध्ययन पद्धति सामाजिक शोध में तथ्य संकलन की एक महत्वपूर्ण विधि है। इसका प्रयोग विविध सामाजिक विज्ञानों में कई दशकों से होता आया है। अनेकों विद्धानों ने अपने अध्ययनों में इस पद्धति का प्रयोग किया है। यह पद्धति किसी भी सामाजिक इकाई का उसकी सम्पूर्णता एवं गहनता में अध्ययन करती है। इसके द्वारा किया गया …

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मन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार

मन की हम मात्र कल्पना कर सकते हैं। इसको न तो किसी ने देखा है और न ही हम इसकी कल्पना कर सकते हैं।’’ दूसरे शब्दों में मस्तिष्क के विभिन्न अंगों की प्रक्रिया का नाम मन है। मन का अर्थ मन शब्द का प्रयोग कई अर्थों में किया जाता है। जैसे- मानस, चित्त, मनोभाव तथा मत। लेकिन …

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शोध प्रारूप क्या है शोध प्रारुप के प्रकार?

‘‘क्या तथ्य इकट्ठा करना है, किनसे, कैसे और कब तक इकट्ठा करना है और प्राप्त तथ्यों को कैसे विश्लेषित करना है कि योजना शोध प्रारूप है।’’ शोध प्रारूप शोध की ऐसी रूपरेखा होती है, जिसे वास्तविक शोध कार्य को प्रारम्भ करने के पूर्व व्यापक रूप से सोच-समझ के बाद तैयार किया जाता है।  शोध की प्रस्तावित …

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सामाजिक शोध का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं चरण

सामाजिक घटनाओं एवं समस्याओं के सम्बन्ध में नये ज्ञान की प्राप्ति हेतु व्यवस्थित अन्वेषण को हम सामाजिक शोध कहते हैं, जिसके सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक उद्देश्य होते हैं। शोध की सम्पूर्ण प्रक्रिया विविध चरणों से गुजरती हुई पूर्ण होती है। वस्तुनिष्ठता से युक्त सामाजिक शोध से न केवल विषय की समझ विकसित होती है, बल्कि नए ज्ञान …

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सामाजिक अनुसंधान के प्रकार

किसी क्षेत्र विशेष में नए ज्ञान की खोज या पुराने ज्ञान का फिर से परीक्षण या दूसरे तरीके से विश्लेषण कर नए तथ्यों का एकत्र करना अनुसंधान कहलाता है। सामाजिक शोध सामाजिक घटनाओं एवं समस्याओं के सम्बन्ध में ज्ञान की खोज या पुराने ज्ञान का फिर से परीक्षण या दूसरे तरीके से विश्लेषण कर नए तथ्यों …

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रुचि का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, रुचि मापन की विधियां

हम अपने दैनिक जीवन में देखते हैं कि एक व्यक्ति यदि प्रोफेसर बनना चाहता है तो दूसरा डॉक्टर, इंजीनियर अथवा वकील बनना पसंद करता है। इसी प्रकार, विद्यालय में जहा प्रतीक को गणित, अनुभा को गृह विज्ञान, सोनल को संगीत, फराह को राजनीति शास्त्र पढ़ना अच्छा लगता है, वहीं सुशान्त हर समय पिक्चर की ही बातें …

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साक्षात्कार क्या है? साक्षात्कार की परिभाषा

सामान्यत: दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य से आमने-सामने की गयी बातचीत को साक्षात्कार कहा जाता है। साक्षात्कार एक प्रकार की मौखिक प्रश्नावली है जिसमें हम किसी भी व्यक्ति के विचारों और प्रतिक्रियाओं को लिखने के बजाय उसके सम्मुख रहकर बातचीत करके प्राप्त करते हैं। साक्षात्कार एक आत्मनिष्ठ विधि है इसके माध्यम …

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राष्ट्रीयता में बाधक तत्व

किसी भी राष्ट्र के नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना उस राष्ट्र के लिये प्राण वायु के समान है। क्योंकि राष्ट्र किसी भूमि से नहीं किसी निश्चित भूभाग में रहने वाले एक समान सोच वाले लोगों से बनती है, जिसे सभी लोग मिलकर एक राष्ट्र का नाम देते हैं। परन्तु कुछ निश्चित तत्व राष्ट्रीयता के विकास में …

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अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा सिद्धांत, स्रोत, विधियां

प्राणी के व्यवहार को परिचालित करने वाली जन्मजात तथा अर्जित वृतिया को प्रेरक कहते है। यह वह अन्तवृति है जो प्राणी मेंं क्रिया उत्पन्न करती है और उस क्रिया को तब तक जारी रखती है जब तक उद्देश्य की पूर्ति नहीं जाती है। ‘Motivation’ शब्द लेटिन भाषा के ‘Movers’ का रूपान्तर है जिसका अर्थ है आगे …

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प्रकृतिवाद-अर्थ, परिभाषा, सिद्धान्त, विशेषताएं, गुण-दोष

प्रकृति पाश्चात्य दर्शन की वह विचारधारा है जो प्रकृति को मूल तत्व मानती है, इसी को इस ब्रह्माण्ड का कर्ता और उपादान कारण मानती है। यथार्थवाद की भाँति प्रकृतिवाद भी दार्शनिक चिंतन का प्रारंभिक रूप है। इस संदर्भ में हम उन दार्शनिकों का उल्लेख कर सकते हैं जिनकी चर्चा हमने यथार्थवाद के संदर्भ में की है।  …

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