संचार का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, संचार प्रक्रिया एवं तत्व

संचार एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में मनुष्य आपस में बातचीत करते हैं और अपने अनुभवों का आपस में आदान-प्रदान करते हैं। इसके बिना में मनुष्य की प्रगति संभव नहीं है। संचार संबंध जोड़ने की एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसके द्वारा अपने एवं अन्य व्यक्तियों के ज्ञान एवं अनुभव को साझा (Share) किया जा सकता है। मनुष्य …

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महात्मा गांधी के शैक्षिक विचार \ महात्मा गांधी की महत्वपूर्ण रचनाएं

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में वर्तमान गुजरात प्रदेश के पोरबंदर नामक स्थान पर एक वैष्णव धर्मावलंबी, संपन्न एवं प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इनका वास्तविक नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी था। इनके पिता कर्मचंद गांधी पोरबंदर राज्य के दीवान थे और बड़े धार्मिक एवं सात्विक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। इनकी माता श्रीमती पुतलीबाई भी …

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रवींद्र नाथ टैगोर जी का शैक्षिक दर्शन/विचार

रवीन्द्रनाथ टैगोर रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म बंगाल में 6 मई, 1861 को हुआ था। रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता देवेन्द्रनाथ टैगोर तथा माताका नाम शारदा देवी था। महर्षि देवेन्द्रनाथ टैगोर अपने समय के प्रसिद्ध विद्वान एवं उत्साही समाज सुधारक थे। इन्होंने ही सर्वप्रथम 1863 ई0 में बोलपुर के पास अपनी साधना के लिए एक आश्रम की स्थापना की। …

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सर टी0 पी0 नन का शिक्षा सिद्धान्त

प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री सर टी0 पी0 नन का जन्म 1870 में, इंग्लैंड में हुआ था। नन अध्यापकों के परिवार से जुड़े थे। उनके पिता और पितामह ने ब्रिस्टल नामक स्थान पर एक विद्यालय की स्थापना की थी। बाद में इसे वेस्टन-सुपर-मेयर नामक स्थान में स्थानान्तरित कर दिया गया। सोलह वर्ष की आयु से ही टी0 पी0 नन …

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फ्रेडरिक फ्रोबेल का शिक्षा दर्शन

फ्रेडरिक फ्रोबेल का जन्म 21, अप्रैल, 1782 को दक्षिणी जर्मनी के एक गाँव में हुआ था। जब वह नौ महीने का ही था उसकी माता का देहान्त हो गया। पिता से बालक फ्रोबेल को उपेक्षा मिली। विमाता उससे घृणा करती थी। इससे फ्रोबेल प्रारम्भ से ही नितान्त एकाकी हो गया। फ्रोबेल पर इस एकाकीपन का प्रभाव …

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जॉन कमेनियस का जीवन परिचय एवं जॉन कमेनियस की प्रमुख कृतियाँ

जॉन एमास कमेनियस का जन्म 1592 ई0 में मोरेविया के निवनिज नामक ग्राम में एक अत्यन्त ही विद्यानुरागी एवं प्रगतिशील समुदाय में हुआ था। इस सम्प्रदाय ने धार्मिक सुधार हेतु प्रगतिशील कदम उठाये। साथ ही साथ शिक्षा हेतु विभिन्न स्तर के शिक्षा केन्द्रों की स्थापना की। इस तरह के वातावरण में पलने-बढ़ने से शिक्षा के प्रति …

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मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति एवं सिद्धांत

दूरस्थ शिक्षा शब्द से ही स्पष्ट है कि दूर से ही स्थान पर प्रदत्त शिक्षा। दूरस्थ शिक्षा से तात्पर्य ऐसे गैर प्रचलित और अपरम्परागत शिक्षा के मानकों पर एक प्रश्न चिन्ह लगाते हुये इनसे अलग विशेषताओं को धारण करने वाली शिक्षा से है। दूरस्थ शिक्षा विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले तथा विविध भौगोलिक क्षेत्रों में बिखरे अधिगमकर्ताओं …

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विशिष्ट बालकों के लिये निर्देशन

जे0टी0 हण्ट ने विशिष्ट बालकों की परिभाषा देते हुये लिखा है कि-’’विशिष्ट बालक वे हैं जो कि शारीरिक, संवेगात्मक व सामाजिक विशेषताओं में सामान्य बालकों से इतने पृथक हैं कि उनकी क्षमताओं को अधिकतम विकासार्थ शिक्षा सेवाओं की आवश्यकता है।’’ क्रुशांक ने विशिष्ट बालकों के सम्बन्ध में विचार व्यक्त करते हुये लिखा कि-विशिष्ट बालक वह है …

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