साक्षात्कार अनुसूची क्या है यंग ने श्रेष्ठ अनुसूची की दो विशेषताएँ बताई है

अनुसूची अंग्रेजी के शिड्यूल (Schedule) का हिन्दी रूपान्तर है। जिसका अर्थ होता है सूची (A list)] नामावली (A tabulated statement) आदि।  साक्षात्कार अनुसूची की परिभाषा साक्षात्कार अनुसूची की विद्वानों ने जो परिभाषाएँ दी हैं, वे इस प्रकार हैं- बोगार्डस के अनुसार- अनुसूची उन तथ्यों को प्राप्त करने के लिये एक औपचारिक पद्धति का प्रतिनिधित्व करती है, …

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राष्ट्रवाद का अर्थ, परिभाषा, अनिवार्य तत्व

राष्ट्रवाद लोगों में किसी समूह की उस आस्था को कहते हैं, जिनमें इतिहास, भाषा, जातीयता एवं संस्कृति के आधार पर एकजुट हों। इन्हीं बंधनों के कारण वे इस निष्कर्ष पर पहुँचते है कि अपने राजनीतिक समुदाय अर्थात राष्ट्र की स्थापना करने का आधार हो। हालांकि दुनिया में ऐसा कोई राष्ट्र नहीं है जो इन कसौटियों पर …

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शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की विशेषताएं

संयुक्त राष्ट्र संध ने शिक्षा के अधिकार को ‘मानवाधिकार’ की मान्यता प्रदान की है। शिक्षा के अधिकार को मानवाविधार के सार्वभौमिक घोषणापत्र (Universal Declaration of Human Rights) के अनुच्छेद 26 में, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों पर अन्तराष्ट्रीय प्रसंविदा की धारा 14 में स्थान दिया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के यूनेस्को एवं अन्य अंग शिक्षा के …

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एरिक्सन का मनोसामाजिक सिद्धांत, मनोसामाजिक विकास की 8 अवस्थाएं

एरिक एरिक्सन एक प्रसिद्ध मनोविष्लेशक थे जिसने मानव के सम्पूर्ण जीवनकाल के सामान्य विकास का मनोसामाजिक सिद्धान्त प्रतिपादित किया । एरिक्सन ने व्यक्तित्व विकास के लिए सामाजिक कारकों के महत्व पर बल दिया । उसने विकास के विभिन्न अवस्थाओं के नियत निर्धारकों को स्थिरता और स्थायित्व में भिन्न है , का सम्प्रत्यय विकसित किया । एरिक्सन …

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एडलर द्वारा प्रतिपादित व्यक्तित्व सिद्धांत का विवेचन

एडलर का व्यक्तित्व सिद्धान्त ‘‘नवमनी विश्लेषणात्मक उपागम’’ पर आधारित है। एडलर यद्यपि फ्रायड के काफी नजदीक थे, किन्तु वे व्यक्तित्व के सम्बन्ध में फ्रायड के कुछ विचारों से सहमत नहीं थे। इसलिये उन्होंने फ्रायड से पृथक होकर एक नये व्यक्तित्व सिद्धान्त को जन्म दिया, जिसका नाम रखा – ‘‘वैयक्तित्व मनोविज्ञान का सिद्धान्त’’ इस सिद्धान्त की खास …

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निष्पादन मूल्यांकन क्या है ? निष्पादन मूल्यांकन के प्रकारों का वर्णन

निष्पादन मूल्यांकन से आशय विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के योग्यता स्तर का पता लगाने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली विधि से है। किसी भी संगठन की सफलता उसके कर्मचारियों द्वारा निष्पादित कार्यों पर निर्भर करती है। अतः यह आवश्यक है कि कर्मचारियों का निष्पादन मूल्यांकन यथार्थ रूप से किया जाये एवं …

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मानव विकास के उद्देश्य एवं महत्व

विकास की अवधारणा के विविध आयाम है: आर्थिक, राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक।  आर्थिक विकास का आशय है प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, कुल राष्ट्रीय उत्पाद एवं सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी। आर्थिक विकास वह विधि है जिसके द्वारा कोई राष्ट्र सामाजिक प्रगति का लक्ष्य प्राप्त करता है।  यह माना जाता है कि आर्थिक विकास वह माध्यम …

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विकास के सिद्धांत का अर्थ, परिभाषा एवं विकास के प्रारूप

विकास का व्यक्ति, समूह और समाज पर प्रभाव पड़ता है और सामाजिक परिवर्तन का विकास से सह-सम्बन्ध है। विकास का प्रारूप आर्थिक हो अथवा सामाजिक, राजनैतिक हो अथवा संसथागत, भौतिक हो अथवा अभौतिक जन-भावना की सन्तुश्टीकरण से सैद्धान्तिक रूप से जुड़ा है। विकास के सिद्धांत का अर्थ एवं परिभाषा विकास एक उध्र्वगामी प्रक्रिया है जिसे नियोजित …

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संचार किसे कहते हैं परिभाषा व प्रकार

जब मनुष्य अपने हाव-भाव, संकेतों और वाणी के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है, तो संचार कहते है। दूसरे शब्दों मे हम किसी के साथ सूचना या विचार या दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करते हैं संचार कहते हैं। संचार का अर्थ  संचार अंग्रेजी भाषा के कम्युनिकेशन (Communication) शब्द से बना है जिसकी व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के …

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स्वामी विवेकानंद का जीवन दर्शन || स्वामी विवेकानंद जी के शैक्षिक विचार / शैक्षिक दर्शन

स्वामी विवेकानंद स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता के एक प्रसिद्ध वकील विश्वनाथ दत्त के घर हुआ। माता प्रेम से उन्हें वीरेश्वर कहती थी पर नामकरण संस्कार के समय उनका नाम नरेन्द्रनाथ रखा गया। उनकी माता जी धार्मिक विचारों की थी। उनका परिवार एक पारंपरिक कायस्थ परिवार था, स्वामी विवेकानंद के 9 भाई-बहन …

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