वुड के घोषणा पत्र के प्रमुख उद्देश्य जो उसने अपनी प्रस्तावना में लिखे हैं

1853 के वर्ष को आधुनिक भारतीय शिक्षा के विकास की ‘किशोरावस्था’ की संज्ञा प्रदान की जा सकते है, क्योंकि इस वर्ष में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के आज्ञा-पत्र के नवीनीकरण (Renewal) के समय ब्रिटिश पार्लियामेन्ट ने भारत में कम्पनी द्वारा किये गये शिक्षा प्रयासों को और अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया। यद्यपि इसमें भी उनके साम्राज्यवादी …

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मैकॉले का विवरण पत्र 1813 के आज्ञा-पत्र के सन्दर्भ में 43वीं धारा की विवेचना एवं व्याख्या

लॉर्ड मैकॉले (Lord Macaulay) एक सुयोग्य शिक्षाशास्त्री, राजनीतिज्ञ एवं कुशल प्रशासक था। वह अंग्रेजी साहित्य का प्रकाण्ड विद्वान था। वह ओजस्वी लेखक एवं वक्ता भी था। उसने 10 जून, 1834 को गर्वनर जनरल की काउन्सिल के कानूनी सदस्य (Legal Advisor) के रूप में कार्य करना प्रारम्भ किया था। वह ऐसे समय में भारत में इस दायित्व, …

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आर्थिक संवृद्धि तथा आर्थिक विकास को कैसे मापा जाय ? मापदण्ड के रूप में क्या आधार चुना जाय?

आर्थिक संवृद्धि तथा आर्थिक विकास को कैसे मापा जाय ? मापदण्ड के रूप में क्या आधार चुना जाय? इसके सम्बन्ध में अर्थशास्त्रियों में मतभेद हैं। विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने इसको मापने के सम्बन्ध में अनेक मापदण्डों की चर्चा की है। वाणिकवादी अर्थशास्त्री किसी देश में सोने एवं चांदी की मात्रा को ही आर्थिक संवृद्धि का सूचक मानते …

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आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि का आशय, आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में अंतर

आर्थिक विकास की यह प्रथम इकाई है, इसके अध्ययन के से आप आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि का आशय, आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में अंतर और आर्थिक विकास की प्रकृति को जान सकेगें। आर्थिक वृद्धि एवं विकास का विश्लेषण विकास का अर्थशास्त्र अल्पविकसित देशों के आर्थिक विकास की समस्याओं से सम्बन्ध रखता है। यद्यपि आर्थिक …

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पाठ्यक्रम क्या है पाठ्यक्रम निर्माण के मुख्य सिद्धांत कौन कौन से हैं?

पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा का शब्द है । इसे अग्रेंजी भाषा मे ‘Curriculum’ कहते है। ‘Curriculum’ शब्द की उत्पति लेटिन भाषा के शब्द ‘Currer’ से हुई है , जिसका अर्थ है ‘दौडना’ । वर्तमान युग में पाठ्यक्रम का अर्थ अध्ययन में आनेवाली सभी क्रियाओं तथा विषयों से लिया जाता है। इस प्रकार पाठ्यक्रम से अभिप्राय उन सभी …

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उच्चारण शिक्षण का अर्थ, महत्व, सोपान एवं आवश्यकता

हिन्दी भाषा का ध्वनितत्व वैज्ञानिक है, नागरी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के लिए निश्चित अक्षर हैं और उनका सटीक उच्चारण है। उच्चारण पर बल न देने पर उच्चारण दोष उत्पन्न होता है और भाषा का रूप विकृत होता है, उसका निश्चित रूप नहीं बन पाता है। भाषा के दो रूप हैं- मौखिक भाषा लिखित भाषा शुद्ध …

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सामाजिक विकास की परिभाषा और इसकी अवस्थाएं

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह दूसरों के व्यवहार को प्रभावित करता है और उसके व्यवहार से प्रभावित होता है। इस परस्पर व्यवहार के व्यवस्थापन पर ही सामाजिक संबंध निर्भर होते हैं। इस परस्पर व्यवहार में रुचियों, अभिवश्त्तियों, आदतों आदि का बड़ा महत्व है। सामाजिक विकास में इन सभी का विकास सम्मिलित है। जब सामाजिक परिस्थिति …

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शिक्षा मनोविज्ञान के सम्प्रदाय और उनका क्रमबद्ध वर्णन

शिक्षा और मनोविज्ञान में घनिष्ठ सम्बन्ध है, इस विषय पर पूर्व अध्यायों में प्रकाश डाला गया है। मनोविज्ञान द्वारा हमें मानव-मस्तिष्क का ज्ञान होता है, अतः शिक्षा से इसका घनिष्ठ सम्बन्ध होना अनिवार्य है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यवहार की व्याख्या, मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न ढंग से की है। शिक्षा-मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक व्यावहारिक शाखा है। शिक्षार्थी …

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शिक्षा दर्शन का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, कार्य, आवश्यकता

शिक्षा दर्शन दर्शन की वह शाखा है जिसमें मनुष्य और उसकी शिक्षा के स्वरूप की व्याख्या विभिन्न दार्शनिक मतों के आधार पर की जाती है और उसकी शिक्षा संबंधी समस्याओं के दार्शनिक हल प्रस्तुत किए जाते हैं। दर्शन का वह भाग जिसमें शिक्षा की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है और उन समस्याओं का हल प्रस्तुत किया जाता है, …

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शिक्षा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, कार्य, आवश्यकता एवं महत्व

शिक्षा का अंग्रेजी पर्यायवाची शब्द ’Education’ है। हमारा ’शिक्षा’ शब्द भी संस्कृत की शिक्षा धातु से निकला है जिसका अर्थ है, सीखना और सिखाना। शिक्षा में सीखने – सिखाने की क्रिया होती है। शिक्षा का अर्थ शिक्षा का शब्दिक अर्थ होता है सिखाना व आगे बढाना होता है, शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो जीवन भर …

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