पैकेजिंग का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएँ, कार्य, लाभ या महत्व

पैकेजिंग का महत्व बढ़ता जा रहा है। पैकेजिंग एक ओर तो उत्पाद को सुरक्षा प्रदान करता है और दूसरी ओर, इसके आकर्षण में वृद्धि करता है। सामान्य अर्थ में पैकेजिंग से आशय किसी उत्पाद को किसी अन्य वस्तु में सुरक्षा के साथ रखा जाना है अथवा लपेटा जाना है तथा उसके बाहरी आवरण पर उत्पाद का …

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उत्पाद विकास का अर्थ, परिभाषा, प्रक्रिया, लाभ, तत्त्व

उत्पाद विकास का अर्थ उत्पाद-विचार को वास्तविक उत्पाद मे परिवर्तित करने से लिया जाता है। यह वह प्रक्रिया है जो तकनीकी एवं विपणन क्षमताओं को संयोजित करती है और पतनोन्मुख उत्पादों के पुनस्र्थापनों के रूप में नये उत्पाद अथवा संशोधित उत्पाद बाजार में प्रस्तुत करती है।  स्टेन्टन के शब्दों में “उत्पाद अनुसंधान इंजीनियरिंग एवं डिजायन सम्बन्धी …

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उत्पाद नियोजन क्या है उत्पाद नियोजन की परिभाषा

विपणनकर्ता किन उत्पादों का निर्माण या वितरण करें, उत्पादों का स्वरूप कैसा हो, उत्पाद रेखा के उद्देश्य क्या हों, फर्म स्वयं अग्रणी बनकर नेतृत्व करें या अन्य फर्मो का अनुसरण करें, आदि अनेक प्रश्नों के समाधान के कार्य क्षेत्र को उत्पाद नियोजन कहा जाता है। उत्पाद नियोजन की परिभाषा विलियम जे. स्टेन्टन के अनुसार, ‘‘उत्पाद नियोजन …

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उत्पाद का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ

सामान्य अर्थ में, उत्पाद से तात्पर्य उन सभी वस्तुओं एवं सेवाओं से है, जिनसे उपभोक्ताओं की सन्तुष्टि होती हैं। किन्तु विस्तृत अर्थ में उत्पादन का आशय उन सदृश्य, भौतिक एवं रासायनिक लक्षणों से है जो आसानी से पहचान में आने वाली आकृति, आकार, परिमाण आदि में संग्रहित हो, जैसे साबुन, जूते, टूथपेस्ट, डिटर्जेन्ट पाउडर क्रिकेट बेट …

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उपभोक्ता व्यवहार का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएँ

उपभोक्ता व्यवहार विश्व की समस्त विपणन क्रियाओं का केन्द्र बिन्दु उपभोक्ता है। आज विपणन के क्षेत्र में जो कुछ भी किया जा रहा है उसके केन्द्र में कही न कही उपभोक्ता विद्यमान है। इसलिए उपभोक्ता को बाजार का राजा या बाजार का मालिक कहा गया है। सभी विपणन संस्थाएं उपभोक्ता की आवश्यकताओं इच्छाओं, उसकी पसंद एवं …

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विपणन मिश्रण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ और तत्व

प्रत्येक निर्माता का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना होता है। यह लाभ उसे उपभोक्ताओं से प्राप्त होगा और उपभोक्ता से यह लाभ तब प्राप्त होगा जब उत्पादक उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार वस्तु का उत्पादन करके उनको अधिकतम संतुष्टि उपलब्ध कराता है। उपभोक्ता बाजार का राजा है अतः निर्माता उन्हीं वस्तुओं का निर्माण करता है जो उपभोक्ता …

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बाजार विभक्तिकरण का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, महत्व, आवश्यक तत्व

बाजार विभक्तीकरण वह क्रिया है जिसके द्वारा बाजार को विभिन्न खण्डों में बांटाा जाता है। बाजार खण्ड कुल बाजार का ऐसा भाग या हिस्सा है जिससे प्रत्येक ग्राहक के क्रय-व्यवहार में एक समापन या समानता पायी जाती है। इस प्रकार बाजार विभक्तीकरण का उद्देश्य विभिन्न क्रेताओं के बीच जो अन्तर पाये जाते है उनका पता लगाना …

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विपणन वातावरण का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, आवश्यकता अथवा महत्व

वातावरण से आशय किसी संगठन के आस पास विद्यमान उन घटकों, शक्तियों से हैं जो संगठन को प्रभावित करते है लेकिन संगठन का उन पर किसी भी प्रकार का नियन्त्रण नहीं होता है विपणन वातावरण के अन्तर्गत आती है। 1. कोटलर एवं आर्मस्ट्रांग –”एक संस्था के विपणन वातावरण में बाहर के वे सभी कारक एवं शक्तियां …

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प्रबंधकीय लेखांकन क्या है ? Management Accounting in Hindi

शाब्दिक दृष्टिकोण से ‘ प्रबंधकीय लेखांकन’ शब्द से तात्पर्य है, प्रबन्ध के लिए लेखांकन। जब लेखांकन प्रबन्ध की आवश्यकताओं के लिए सभी सूचनाएं प्रदान करने की कला (Art) बन जाती है तो उसे प्रबन्धकीय लेखांकन कहते हैं। प्रबंधकीय लेखांकन की परिभाषा  इन्स्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट्स, इंग्लैंड – “प्रबन्धकीय लेखा-विधि से आशय लेखांकन के किसी भी ऐसे …

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लाभांश का अर्थ, परिभाषा एवं लाभांश के प्रमुख रूपों का विस्तार से वर्णन

भारतीय आयकर अधिनियम 1961 की धारा 2(22) के अनुसार इसके अतिरिक्त बिना कुछ लिए ऋण पत्र और जमा प्रमाण पत्र देना और किन्हीं विशेष परिस्थितियों में कम्पनी द्वारा अंशधारियों को ऋण दिया जाना भी लाभांश है ।  कम्पनी की अर्जनों का वह भाग जो पूंजी प्रदाताओं को प्रत्याय के रूप में वितरित किया जाता है, लाभांश …

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