डॉ. भीमराव अम्बेडकर के राजनीतिक विचार

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महूँ (मध्य प्रदेश) में हुआ था। वे महार जाति के सदस्य थे। उनके परिवार का सैन्य-सेवा से संबंध था। उनके पिता का नाम रामजी सकपाल तथा माता का भीमाबाई था। वे अपने माता-पिता की चौदहवीं सन्तान थे। भीम चौदहवां बालक था जिन्हें भीवा भी पुकारा जाता था। रामजी सकपाल फौज …

Read more

स्वामी दयानन्द सरस्वती का जीवन परिचय

दयानंद सरस्वती ब्रह्म को निराकार, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान एवं सर्वज्ञ मानते हैं। साथ ही वे जीवात्माओं एवं पदार्थों के स्वतंत्र अस्तित्व को भी स्वीकार करते है। उनके अनुसार ब्रह्म या ईश्वर इस ब्रह्माण्ड का कर्ता है, पदार्थ जन्य इसके उपादान का कारण है और जीवात्माएँ इसके सामान्य कारण। अर्थात् पदार्थ जन्म जगत भी वास्तविक है, यर्थाथ है। …

Read more

रूसो का जीवन परिचय, रूसो का शिक्षा दर्शन – Jean-Jacques Rousseau

रूसो  रूसो का पूरा नाम जीन जैक रूसो (Jean-Jacques Rousseau) है। जीन जैक रूसो एक प्रसिद्ध प्रकृतिवादी शिक्षा दार्शनिक थे। जीन-जक्क़ुएस रूसो का जन्म 28 जून, 1712 ई0 को स्विटजरलैंड के जेनेवा नामक नगर में एक सम्मानित परिवार में हुआ था। उसके पिता एक फ्रांसिसी घड़ीसाज थे।  जन्म के तुरन्त बाद रूसो की माता का देहान्त हो गया। उसकी …

Read more

पुरुषोत्तम दास टंडन का जीवन परिचय, पुरुषोत्तम दास टंडन के शैक्षिक विचार

राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन का जन्म इलाहाबाद में 1 अगस्त, 1882 को हुआ। उनके पूर्वज मूलत: पंजाब के निवासी थे। उनके पिता श्री शालिग्राम टंडन इलाहाबाद के एकाउण्टेण्ट जनरल आफिस में क्लर्क थे और राधास्वामी सम्प्रदाय के मतावलम्बी थे। पिता संत प्रकृति के थे अत: उनके व्यक्तित्व का प्रभाव बालक पुरूषोत्तम पर प्रारम्भ से ही पड़ा। …

Read more

पंडित मदन मोहन मालवीय के शैक्षिक विचार

पंडित मदन मोहन मालवीय 25 दिसम्बर, 1861 को तीर्थराज प्रयाग में जन्म हुआ। पंडित मदन मोहन मालवीय  के पिता प्रेमधर जी संस्कृत के बड़े विद्वान थे। धर्म के प्रति उनकी बड़ी गहरी निष्ठा थी। पितामह की तरह पितामही भी धर्मनिष्ठ और शील सम्पन्न थी। मदन मोहन मालवीय के पिता पं0 ब्रजनाथ पं0 प्रेमधर की ही तरह धर्मनिष्ठ,जव …

Read more

क्या जयप्रकाश नारायण के राजनीतिक विचार

लोकनायक जयप्रकाश नारायण एक राजनीतिक दार्शनिक की अपेक्षा एक सामाजिक दार्शनिक अधिक थे। उन्होंने जीवन भर साधारण जनता के कल्याण के लिए अपना संघर्ष किया। उन्होंने राजनीतिक भ्रष्टाचार को सभी सामाजिक समस्याओं की जड़ माना और समय-समय पर राजनीति में सुधारों के बारे में अपने मूल्यवान सुझाव दिए ताकि राजनीति में नैतिक साधनों का उचित प्रयोग …

Read more

सूरदास का जीवन परिचय, रचनाएं, भाव पक्ष, कला पक्ष, साहित्य में स्थान

सूरदास (Surdas) का संबंध भक्ति काव्य से है। ईश्वर के प्रति प्रेम की अनुभूति को भक्ति कहते हैं। लेकिन संपूर्ण भक्ति काव्य एक-सा नहीं है। जो भक्त-कवि ईश्वर को निर्गुण-निराकार मानते थे और अवतारवाद में विश्वास नहीं रखते थे, वे निर्गुणमार्गी भक्त कवि कहलाए।  यह भी पढ़ें: भ्रमरगीत का क्या अर्थ है? सूरदास के भ्रमरगीत की विशेषताएं …

Read more

महात्मा गांधी के राजनीतिक विचार / सिद्धांत

महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू भारतीय राजनीतिक चिन्तन में महात्मा गांधी का एक अति महत्वपूर्ण स्थान है। महात्मा गांधी का दर्शन बहुमुखी है। उन्होंने जीवन के हर क्षेत्र को स्पर्श किया है। यद्यपि उनके विचार प्लेटो, अरस्तु, हॉब्स व लॉक आदि राजनीतिक विचारकों की तरह क्रमबद्ध नहीं है, लेकिन फिर भी अनेक विद्वान उन्हें एक उच्चकोटि का …

Read more

अरविन्द घोष के राजनीतिक विचार

अरविन्द घोष एक सच्चे राष्ट्रवादी थे। उनकी इच्छा थी कि भारत को अतिशीघ्र ही स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए। उनके चिन्तन का मुख्य ध्येय अधिक व्यक्तियों के सुख की बजाय सभी का अधिकतम हित था। उन्होंने गीता, वेदों, उपनिषदों से ज्ञान प्राप्त करके ऐसी विधियों की खोज की जो भारत को स्वतन्त्रत कराने में अहम् भूमिका निभा सकती …

Read more

अंतोनियो ग्राम्शी का जीवन परिचय, रचनाएं एवं राजनीतिक विचार

अंतोनियो ग्राम्शी का जीवन परिचय अंतोनियो ग्राम्शी (Antonio gramsci ) का जन्म 22 जनवरी, 1891 को इटली के सार्डिनिया प्रान्त के अलेस गांव में हुआ। उसकी मां का नाम ज्युसेपिना मर्सियस तथा पिता का नाम फ्रांसिस्को ग्राम्शी था। उसका पिता एक राजस्व अधिकारी था। 27 अक्टूबर 1900 को उसके पिता को उसके राजनीतिक विरोधियों द्वारा भ्रष्टाचार के …

Read more