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संचार का अर्थ
संचार का शाब्दिक अर्थ है फैलाव-विस्तार, किसी बात को आगे बढ़ाना, चलाना, फैलाना। और जनसंचार का आशय है – जन-जन मे भावों की, विचारों की अभिव्यक्ति करना और भावों और विचारों को समझना। इस तरह कम्यूनिकेशन -संचार का अर्थ है –
- विचारों, भावनाओं, सूचनाओं का आदान-प्रदान करना
- आपसी समझ बढ़ाना और
- जानना अथवा बोध करना।
इस रूप में संचार के अन्तर्गत सोचना, बोलना, सुनना, देखना, पढ़ना, लिखना, परस्पर व्यवहार, विचार विमर्श, सम्भाषण, वाद-विवाद सब आ जाता है। आपसी बातचीत, टेलिफोनिक सम्प्रेषण, पत्राचार, यह सब भी संचार के अन्तर्गत आ जाता है। यह संचार मनुष्य तो करता ही है, संसार के समस्त अन्य प्राणी किसी न किसी रूप में संचार करते हैं।
संचार की परिभाषा
विभिन्न विचारकों ने इसकी परिभाषा को परिभाषित करने का प्रयास किया है ।
चेरी के अनुसार संचार उत्प्रेरक का अदान प्रदान है ।
शेनन ने संचार को परिभाषित करते हुए कहा है कि एक मस्तिक का दूसरे मस्तिक पर प्रभाव है ।
मिलेन ने संचार को प्रशासनिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया है । आपके अनुसार, संचार प्रशासनिक संगठन की जीवन-रेखा है ।
डा. श्यामारचरण के शब्दों में :-संचार सामाजीकरण का प्रमुख माध्यम है । संचार द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक परम्पराए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचती है । सामाजीकरण की प्रत्येक स्थिति और उसका हर रूप संचार पर आश्रित है । मनुष्य जैविकीय प्राणी से सामाजिक प्राणी तब बनता है, जब वह संचार द्वारा सांस्कृतिक अभिवृत्तियों, मूल्यों और व्यवहार-प्रकारों को आत्मसात कर लेता है।
बीबर के अनुसार, वे सभी तरीके जिनके द्वारा एक मानव दूसरे को प्रभावित कर सकता है, संचार के अन्तर्गत आते है ।
न्यूमैन एवं समर के दृष्टिकोण में, संचार दा या दो से अधिक व्यक्तियों के तथ्यों, विचारों तथा भावनाओं का पारस्परिक अदान-प्रदान है ।
विल्वर के अनुसार संचार एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा स्रोत से श्रोता तक सन्देश पहुँचता है ।
जे0 पाल लोगन्स – संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के तथ्यों, विचारों तथा भावनाओं का पारस्परिक आदान-प्रदान है।
संचार के प्रकार
- औपचारिक एवं अनौपचारिक संचार
- अन्तवैयक्ति, जन संचार एवं समूह संचार
- अंतः वैयक्तिक संचार
- मौखिक संचार, लिखित एवं अमौखिक संचार
संचार में चरण
1. प्रथम चरण:- प्रेषक संदेश को कूटसंकेत करता है एवं भेजने के लिये उपयुक्त माध्यम का चयन करता है । प्रेषत किये जाने सन्देश का प्रेषक मौखिक, अमौखिक अथवा लिखित रूप में उचित माध्यम से भेजना है ।
संचार के साधन
वर्तमान समय में संचार के अनेक साधन का उपयोग किया जा रहा है जो कि है –
- पत्र :-वाहय संचार के अधिकतर पत्रों के माध्यमों से सूचना अथवा सन्देश का आदान-प्रदान किया जाता है । यथा-आदेश, व्यापार से सम्बन्धित अभिलेख इत्यादि।
- फैक्स :- फैक्स भी संचार की विधि है जिसके द्वारा त्वरित संन्देश प्राप्तकर्ता तक पहुँचता है ।
- ई-मेल :- सूचनाओं को हस्तांतरित करके के लिये ई-मेल के द्वारा त्वरित एवं सुविधाजनक रूप में सन्देश को प्रेषित किया जाता है ।
- सूचना :- सूचना भी संचार की एक प्रविधि है । उदाहरण के लिये किसी संगठन में कर्मचारियों को उनसे सम्बन्धित रोजगार, सुरक्षा, स्वास्थ्य, नियम, कानून तथा कल्याणकारी सुविधायें सूचनाओं द्वारा प्रदान की जाती है ।
- सारांश :- सारांश प्रविधिका प्रयोग संचार के लिये अधिकतर मीटिंग में किया गया जाता है।
- प्रतिवेदन :- प्रतिवेदन भी संचार की एक प्रविधि है यथा वित्तीय प्रतिवेदन, समितियों की सिफारिशें, प्रौधोगिकी प्रतिवेदन इत्यादि ।
- दूरभाष :- मौखिक संचार के लिये दूरभाष का प्रयोग किया जाता है । दूरभाष प्रविधि का प्रयोग वहाँ पर अधिक किया जाता है जहाँ पर आमने-सामने सम्पर्क स्थापित नहीं हो पाता है ।
- साक्षात्कार :- साक्षात्कार प्रविधि का प्रयोग कर्मचारियों के चयन उनकी प्रोन्नति तथा व्यक्तिगत विचार विमर्श के लिये किया जाता है ।
- रेडियो :- एक निश्चित आवृत्ति पर रेडियो के द्वारा संचार को प्रेषित किया जाता है ।
- टी0वी0 :- टी0वी0 का भी प्रयोग संचार के लिये किया जाता है । जिसे एक उचित नेटवर्क के द्वारा देखा व सुना जाता है ।
- वीडियों कान्फ्रेन्सिंग :- वर्तमान समय में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग एक महत्वपूर्ण विधि है । जिसमें फोन के तार के द्वारा वीडियों के साथ आवाज को सुना जा सकता है । इसके अतिरिक्त योजना, चित्र, नक्शा, चार्ट, ग्राफ आदि ऐसे ढंग है जिससे संचार को प्रेषित किया जाता है ।
संचार प्रक्रिया एवं तत्व
संचार एक व्यक्ति से दूसरे तक अर्थपूर्ण संदेश प्रेषित करने वाली प्रक्रिया है। संचार एक द्विमार्गीय प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक लोगों के बीच विचारों, अनुभवों, तथ्यों तथा प्रभावों का प्रेषण होता है । संचार प्रक्रिया में प्रथम व्यक्ति संदेश स्रोत (Source) या प्रेषक (Sender) होता है । दूसरा व्यक्ति संदेश को ग्रहण करने वाला अर्थात प्राप्तकर्ता या ग्रहणकर्ता होता है ।
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संचार-प्रक्रिया |
उपरोक्त सभी तत्व एक निश्चित क्रम में क्रियाशील होते है और उस क्रम को संचार का एक मौलिक प्रारूप कहा जात है ।
संचार के कार्य
- यह सूचना या जानकारी का प्रचार-प्रसार करता है तथा सूचनाओं की जानकारी देता है।
- संचार में जुड़े लोगों को प्रेरित करता है तथा उन्हें प्रभावित करता है।
- संचार समुदायों, लोगों व समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य संबंध स्थापित करने में सहायक होता है।
- संचार समाज से जुड़े अनेक तथ्यों परेशानियों, मसलों पर, विचार-विमर्श करने में अग्रिम सहायक होता है।
- मनुष्यों के मन-बहलाव व खेल-विनोद का प्रमुख साधन है।
संचार नेटवर्क
लिमिट्ट तथा शॉ द्वारा किये अध्ययन के आधार पर पाँच तरह के संचार नेटवर्क को पहचान की गयी है । संचार नेट वर्क इस प्रकार है ।
1. चक्र नेटवर्क – इस तरह के नेटवर्क में समूह में एक व्यक्ति ऐसा होता है जिसकी स्थिति अधिक केन्द्रित होती है । उसे लोग समूह के नेता के रूप में प्रत्यक्षण करते है ।
2. श्रृंखला नेटवर्क – श्रृंखला नेटवर्क में समूह का प्रत्येक सदस्य अपने निकटमत सदस्य के साथ ही कुछ संचार कर सकता हे । इस तरह के नेटवर्क में सूचना ऊपरी तथा निचली किसी भी दिशा में प्रवाहित हो सकती है।
3. वृत्त नेटवर्क – इस तरह के नेटवर्क में समूह का कोई सदस्य केन्द्रित स्थिति में नहीं होता तथा संचार सभी दशाओं में प्रवाहित होता है।
4. वाई नेटवर्क – वाई नेटवर्क एक केन्द्रित नेटवर्क होता है जिसमें व्यक्ति ऐसा होता है जो अन्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होता है।
5. कमकन नेटवर्क – कमकन नेटवर्क एक तरह का खुला संचार होता है जसमें समूह का प्रत्येक सदस्य दूसरे सदस्य से सीधे संचार स्थापित कर सकता है ।