केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की दो प्रमुख संरचनाएँ सुषुम्ना (spinal cord) एवं मस्तिष्क (brain) हैं इसका अनुमानित भार 1420 ग्राम होता हें मस्तिष्क सिर की खोपड़ी में अवस्थित होता हैं मस्तिष्क तीन सुरक्षा परतों से घिरा होता हे जो कि उत्तकों से बनी होती हे, ऐसी सुरक्षा परतों को मेनिंग्स कहा जाता हैं सबसे बाहरी परत को डुरा मेटर एवं सबसे भीतरी परत को पिया मेटर कहा जाता हैं स्थिति के दृष्टिकोण से मस्तिष्क को विशेषज्ञों ने तीन भागों में बांटा है-
मस्तिष्क के अंग
मस्तिष्क के अंग (mastishk ke ang) मानव मस्तिष्क के प्रमुख अंगों की संरचना एवं कार्य हें –
हायपोथैलमस एक छोटा क्षेत्र है जो कि थैलमस के ठीक नीचे होता है लेकिन काय्र की दृष्टि से यह दिमाग का एक विस्तृत क्षेत्र हैं यह मस्तिष्क एवं शरीर के बीच एक कड़ी का काम करता हैं यह तंत्रिका तंत्र को एण्डोक्राइन प्रणाली से भी कड़ीबद्ध करता हैं हाइपोथैलमस शरीर के तापमान, भावनाओं, प्यास, रक्तचाप, भोजन ग्रहण, एण्डोक्राइन, तथा जाग्रत-निद्रा चक्र को नियंत्रित करता हैं
मेडुला ओब्लोंगाटा : मेडुला ऑब्लोंगाटा की संरचना हमारे मस्तिष्क के मध्य भाग तथा नाड़ी तंतुओं से मिलजुलकर बनी है तथा यह स्पाइनल कॉर्ड एवं दिमाग को जोड़ती हैं ब्रेन स्टेम के माध्यम से सभी संवेदी तथा गतिज नाड़ियाँ गुजरती हैं यह दिमाग तथा स्पाइनल कॉर्ड के मध्य सूचनाओं को जारी करता हैं
रेटिक्यूलरुॉरमेषन : रेटिक्यूलरुॉरमेषन केवल ध्यान संबंधी आवेगों को ही सीरिब्रल कॉर्टेक्स में जाने देता है तथा यह एक छन्ने की तरह कार्य करता है एवं जिसके द्वारा एक तरह से संवेगी आवेगों में से विशेष आवेग का ही चयन किया जाता हैं
बेसल गेंगलिया (Basal ganglia) : इसमें काऊडेट न्यूक्लियस, पुटामेन तथा ग्लोबस पालिडस एवं एमिंगडाला एक्सॉन के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं तथा व्यक्ति के पेशीय नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं
वृहत मस्तिष्क : इस भाग को एक विशेष दरार (fissure) कहा जाता हैं इस दरार का नाम दैघ्र्य दरार (longitudinal fissure) है जिसके माध्यम से बाँये तथा दायें मस्तिष्क गोलार्द्ध का निर्धारण होता हैं प्रमस्तिष्क या वृहत् मस्तिष्क संरचना एवं काय्र के परिप्रेक्ष्य में सवा्रधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि भिन्न-भिन्न कार्यों का स्थानीयकरण (localisation) प्रमस्तिष्क वल्कुट (Cerebral cortex) के भिन्न-भिन्न क्षे़त्रों में होता हैं उदाहरणत: प्रमस्तिष्क के गति क्षेत्र में शरीर की पेशीय प्रक्रियाओं का स्थानीयकरण होता हैं
विशेषज्ञों ने प्रमस्तिष्क को विभिन्न कार्यों के परिप्रेक्ष्य में तीन भागों में विभाजित किया हे –
आधुनिक प्रयोगों से यह तथ्य भी सामने आया है कि संवेदी वल्कल द्वारा कुछ गति क्रियाएँ तथा गति वल्कल द्वारा कुछ संवेदी क्रियाएँ भी संपादित की जाती हैं इसे ध्यान में रखते हुए गति वल्कल एवं संवेदी वल्कल के बीच भिन्नता को आनुपातिक माना जाता हैं
3. साहचर्य क्षेत्र (Associatedarea) : साहचर्य वल्कल का प्रमुख कार्य संवेदी क्षेत्र से प्राप्त आवेगों को संष्लेषित कर गति क्षेत्रों में भेजना होता हैं साहचर्य क्षेत्र को अग्र साहचर्य क्षेत्र (frontalassociationarea), पश्च साहचर्य क्षेत्र (Posterior associationarea) तथा शंख-पृष्ठ साहचर्य क्षेत्र (Temporal-occipital associationarea) में विभाजित किया गया हैं
अग्र साहचर्य क्षेत्र में चिन्तन प्रक्रियाओं का स्थानीयकरण होता हें पश्च साहचर्य क्षेत्र का मुख्य कार्य प्रत्यक्षण से संबंधित होता हैं शंख-पृष्ठ साहचर्य क्षेत्र का मुख्य कार्य दृष्टि एवं श्रवण प्रत्यक्षण से संबंधित होता हैं
निष्कर्षत: प्रमस्तिष्क वल्कल में भिन्न-भिन्न क्षेत्र हैं जिनमें अनेक प्रकार के कार्य अवस्थित (localised) होते हैं तथा यह तीनों ही क्षेत्र यथा संवेदी, गति एवं साहचर्य वल्कल समन्वित रूप से कार्य करते हैं
मस्तिष्क के भाग और उनके कार्य
- अग्रमस्तिष्क : यह सिर के अगले हिस्से में अवस्थित होता है तथा इसमें थैलमस, हाइपोथैलमस तथा वृहत मस्तिष्क सम्मिलित होता हैं
- मध्य मस्तिष्क : यह सिर के अगले और पिछले हिस्से के बीच होता हैं
- पश्चमस्तिष्क : यह सिर के पिछले हिस्से में अवस्थित होता है तथा इसमें मेडुला, सेतु, लघु मस्तिष्क, तथा रेटिक्यूलरुॉरमेषन सम्मिलित होता हैं
मानव मस्तिष्क के प्रमुख भागों की संरचना को नीचे चित्र में दर्शाया गया है-
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मस्तिष्क के भाग |
मानव मस्तिष्क के क्रम विकास के आधार पर वैज्ञानिकों ने इसे तीन भागों में बांटा है –
2. लिम्बिक तंत्र (Limbicsystem) – केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के चारों ओर अवस्थित छोटी-छोटी विशेष संरचनाओं को लिम्बिक तंत्र कहा जाता हैं
3. प्रमस्तिष्क गोलाद्ध्र (Cerebral hemisphere) – इसे प्रमस्तिष्क या वृहत ् मस्तिष्क (Cerebrum) भी कहा जाता हैं प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध दो भागों अर्थात ् बाँये तथा दायें गोलार्द्ध में विभाजित होता हैं यह दोनों गोलार्द्ध मिलकर प्रमस्तिष्क (Cerebrum) कहलाते हैं प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध की ऊपरी सतह प्रमस्तिष्कीय वल्कुट (Cerebral cortex) कहलाती हैं न्यूरो-वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क को माइलेनेसिफेलोन, मेटेनसिफेलोन, मेसेनलिफेलोन, डायनसिफेलोन तथा टेलेनसिफेलोन ऐसे पाँच भागों में बाँटा हैं