अनुक्रम
प्रश्नावली की परिभाषा
1. सिन पाओ येंग के अनुसार – ‘‘प्रश्नावली प्रश्नों की एक ऐसी अनुसूची है। जिसे चुने हुए व्यक्तियों के पास डाक द्वारा भेजा जाता है’’ जिसे सूचनादाता स्वयं भरकर लौटाता है।
2. बोगार्डस के अनुसार – ‘‘प्रश्नावली विभिन्न व्यक्तियों को उत्तर देने के लिए भेजी की गई प्रश्नों की एक सूची है’’।
3. गुडे एवं हाट के अनुसार -’’ प्रश्नावली शब्द से तात्पर्य प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के एक उपकरण से होता है। जिसमें एक फ़ार्म का प्रयोग किया जाता है। जिसे उत्तर देने वाला स्वयं ही भरता है’’।
प्रश्नावली के प्रकार
1. तथ्य सम्बन्धी प्रश्नावली – इस प्रश्नावली का प्रयोग किसी समूह की सामाजिक आर्थिक दशाओं से सम्बन्धित तथ्यों को संग्रह करने के लिए किया जाता है। जब हम किसी व्यक्ति की आयु , धर्म, जाति, शिक्षा, विवाह,व्यवसाय,पारिवारिक रचना आदि के बारे में सूचनाएं एकत्र करना चाहते हैं तो इसकी रचना की जाती है ।
प्रश्नावली की विशेषताएं
- प्रश्नावली विषय से संबंधित प्रश्नों की एक सूची होती है ।
- प्रश्नावली को सूचनादाताओं के पास भेजा जाता है। या स्थानीय स्तर पर वितरित भी किया जा सकता है ।
- यह प्राथमिक सूचना संकलित करने की एक अप्रत्यक्ष विधि है ।
- प्रश्न सरल, स्पष्ट तथा छोटे होने चाहिए।
- प्रश्नों की संख्या आवश्यकता से अधिक न हो।
- यदि संभव हो तो प्रश्न का उत्तर हां / नहीं में होना चाहिए।
- ऐसे प्रश्नों की रचना की जानी चाहिए जिनमें अभिमति की संभावना न हो।
प्रश्नावली का निर्माण
प्रश्नावली का निर्माण उत्तरदाता से सूचना प्राप्त करने में किया जाता है इसके निर्माण में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है। प्रश्नों का चुनाव ऐसे किया जाता है कि वह स्पष्ट एवं सरल हों, प्रश्नावली की रचना मुख्यत: तीन आधारभूत पक्षों के द्वारा की जाती है।
1. अध्ययन की समस्या – किसी विषय पर शोध करने से पहले समस्या से संबंधित सभी सूचनाएं प्रारंभ में ही एकत्रित की जानी चाहिए। अनुसंधानकर्ता के पहले अनुभवों का उपयोग करने से ऐसे प्रश्नों का चयन होता है जिनसे सूचनादाता को उत्तर देने में आसानी रहती है।
- प्रश्न अध्ययन विषय से संबद्ध हो – प्रश्नों का समूह अध्ययन विषय से संबद्ध होना चाहिए तभी वह शोध में सहायक होगा। उदाहरण: परिवार नियोजन के साधनों से आप कितने संतुष्ट हैं। (पूर्ण संतुष्ट/संतुष्ट /असंतुष्ट/पूर्णतया अंसतुष्ट)
- अत्यन्त सामान्य प्रश्न न हों – जैसे आपने अखबार पढ़ना कब से शुरू किया के स्थापन पर उचित प्रश्न होगा जब आप दसवीं कक्षा में थे तब क्या आपको अखबार पढ़ने में कोई रुचि थी।
- आसानी से उत्तर योग्य प्रश्न पहले हों: प्रारम्भ में कठिन प्रश्न से उत्तरदाता थकान का अनुभव करता है ऐसे में यह सम्भव है कि वह गम्भीरता से अन्य प्रश्नों का उत्तर न दे। अत: आयु, आय, व्यवसाय, जाति, वैवाहिक स्थिति, निवास, पृष्ठभूमि आदि से संबंधित प्रश्नों के उत्तर आसानी से दिये जा सकते हैं।
- संवेदनशील प्रश्न बीच में होने चाहिए: ऐसे प्रश्न जो राजनैतिक भ्रष्टाचार के प्रति दृष्टिकोण, सरकार की नीति, व्यावसायिक शिक्षा के सुधार के लिए प्रोत्साहन, आरक्षण नीति का पुनरावलोकन आदि से संबंधित हों मध्य में रखे जाने चाहिए ताकि उत्तरदाता इनपर अधिक ध्यान देने का इच्छुक हो तथा ठीक से उत्तर देने में थकान महसूस न करे।
4. प्रश्नावली की बनावट – प्रश्नावली की सफलता प्रश्न चयन के साथ ही उसकी भौतिक बनावट पर भी निर्भर करती है। सूचनादाता का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रश्नावली की भौतिक बनावट जैसे उसका कागज, आकार, छपाई, रंग, लम्बाई आदि आकर्षक होना चाहिए।
- आकार: प्रश्नावली बनाने के लिए कागज का आकार 8″x 12″ अथवा 9″x 11″ का होना चाहिए। वर्तमान में छोटे आकार की प्रश्नावली जो कि पोस्टकार्ड साइज में होती है का प्रचलन भी बढ़ा है।
- कागज: प्रश्नावली के लिए प्रयुक्त कागज कड़ा, चिकना, मजबूत एवं टिकाऊ होना चाहिए।
- छपाई: प्रश्नावलियों को छपाया जा सकता है। छपाई स्पष्ट व शुद्ध होने चाहिए। ताकि उन्हें आसानी से पढ़ा जा सके। आकर्षक छपाई सूचनादाता पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है।
- प्रश्नावली की लम्बाई: प्रश्नावली अधिक लम्बी होने पर उत्तरदाता भरने में ऊब और नीरसता महसूस करता है। प्रश्नावली को भरने में आधे घंटे से अधिक समय न लगे इसलिए उसकी लम्बाई कम रखनी चाहिए।
- प्रसंगों की व्यवस्था: एक विषय से संबंधित सभी संबंधित सभी प्रश्नों को एक साथ क्रम में लिखा जाना चाहिए और यदि प्रश्नों की संख्या अधिक है तो उन्हें व्यवस्थित समूहों में बांट देना चाहिए।
- प्रश्नों के बीच पर्याप्त स्थान: प्रश्नावली में प्रश्नों के बीच पर्याप्त जगह छोड़ी जानी चाहिए ताकि पढ़ने में सुविधा हो तथा मुक्त प्रश्नों के उत्तर लिखे जा सकें।