अनुक्रम
विख्यात लेखिका नासिरा शर्मा का जन्म 22 अगस्त 1948 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के मुस्तफाबाद गाँव के सैयद खानदान में हुआ था। नासिरा जी अपने परिवार की ऐसी संतान थी जिसे बड़ी नजाकत और नफ़ासत से पाला गया।
नासिरा शर्मा की शिक्षा
नासिरा शर्मा का वैवाहिक जीवन
नासिरा शर्मा की संतान
साहित्य लेखन की प्रेरणा
‘राजा भैया’ पत्रिका में जब आपकी कहानी प्रकाशित हुई थी तब वे सातवÈ कक्षा की छात्र थी। सन् 1975 से आपने संजीगदी से सोचा कि कुछ लिखा जाए तो लिखना शुरू किया। सन् 1975 में सारिका के नवलेखन अंक में आपकी कहानी ‘बुतखाना’ और ‘मनोरमा’ पत्रिका में ‘तकाजा’ प्रकाशित हुई। सन् 1985 में आपका पहला उपन्यास ‘सात नदियाँ : एक समुंदर’ प्रकाशित हुआ। शौक : नासिरा जी के जीवन में कोई एक निश्चित शौक नही रहा, जिसे पूरा करने के लिए पूरी शिद्दत से उसके पीछे भागती रही हों। कोई भी शौक दुख और चुनौतियाँ बनकर उनके समक्ष न आया।
क्रिएटीविटी किसी भी रूप में सदेव आपसे जुड़ी रही। चाहे वह सिलाई, कुकिंग आदि के रूप में रही हो। मूड और समय मिलने पर सिलाई और कुकिंग आज भी करती हैं। पेंटिंग, एक्टिंग, डांस आदि का भी शौक था। नासिरा के जीवन में कुछ और भी शौक थे जेसे उन्हें टीचिंग करना पसंद था और दूसरा चाइना की सैर। ‘‘बचपन में मुझे घर सजाने का बड़ा शौक था, दूसरा घर-गृहस्थी में मेरी दिलचस्पी थी। दो बहनों की शादी के बाद, मेरी शादी से पहले तक घर की जिम्मेदारी मेरे जिम्मे थी।”
नासिरा जी की जिंदगी के हर मोड़ और पड़ाव पर किसी न किसी नये काम में रूचि से जुड़ी रही। पढ़ना-लिखना, घर सजाना, खाना बनाना, सिलाई, एलबम विभिन्न शीर्षकों को लेकर बनाना आदि सब समय के साथ पीछे छूटते गए। आपको बुजुर्गों से विशेष लगाव है तथा उनकी सेवा और आदर करना आपको बहुत प्रिय है। ड्रामा करना, फिल्में देखना भी आपको काफी पसंद था। गप्पे मारना मगर हर किसी व्यक्ति से नही, नये-नये लोगों से मिलना, दूसरों के जज्बातों का ख्याल रखना तता बागवानी करना आपको अतिप्रिय है। नासिरा जी को शोरगुल, बुरी आवाजें निकालना, जरूरत से ज्यादा बोलना, झूठ बोलना और खुशामद करना, चीजों की बर्बादी करना, किसी को जानबूझकर नुकसान पहुँचाना, गलतफहमी पैदा करना, बदतमीजी के साथ किसी के आगे खाना रखना आदि कतई पसंद नही है।
विदेश यात्राएँ : इंग्लैंड, ईरान, इराक, फ्रांस, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जापान, थाईलैंड, हाँगकाँग, नेपाल, सीरिया, दुबई।
नासिरा शर्मा की रचनाएँ
उपन्यास
- सात नदियाँ एक समन्दर
- शाल्मली
- ठीकरे की मँगनी
- जिन्दा मुहावरे
- अक्षय वट
- कुइयाँजान
- जीरो रोड
- परिजात
- अजनबी जजीरा
- कागज की नाव
कहानी संग्रह
- शामी कागज
- पत्थर गली
- संगसार
- इब्ने मरियम
- सबीना के चालीस चोर
- खुदा की वापसी
- इन्साफी
- दूसरा ताजमहल
- बुतखाना
- जहाँुौव्वारे लहू रोते हैं
संस्मरण
- यादों के गलियारे
लेख संग्रह
- राष्ट्र और मुस्लमान
- और के लिए औरत
- वह एक कुमारबाज थी
- औरत की आवाज़
विशेष अध्ययन
- अगानिस्तान बुजकशी का मैदान
- मरजीना का देश इराक
विविध
- जब समय बदल रहा हो इतिहास
- किता के बहाने
- सबसे पुराना दरख्त
बाल साहित्य
- दिल्लू दीमक और भूतों का मैकडोनाल्ड
- संसार अपने-अपने (कहानी संग्रह)
- दर्द का रिश्ता व अन्य कहानियाँ
- गुल्लू
साक्षरता के लिए
- गिल्लोबी
- पढ़ने का हक
- धन्यवाद, धन्यवाद
- एक थी सुल्ताना
- सच्ची सहेली
अनुवाद
- वियतनाम की लोक कथाएँ (1975)
- किस्सा जाम का
- पोयेम ऑफ प्रोटेस्ट ऑफ ईरानियम रेवेलूशन (कविताएँ)
- काली छोटी मछली
- शाहनामा फिरदौसी
- बर्निंग पायर
- अदब में बाईं पसली
- गुलिस्ताने सादी
- वियतनाम की लोक कथाएँ (1985)
सम्पादन व अनुवाद
- क्षितिज पार
- सारिका का ईरानी क्रान्तिकारी विशेषांक
- पुनश्च पत्रिका का ईरानी क्रान्तिकारी विशेषांक
- वर्तमान साहित्य का महिला विशेषांक
- मेरे वारिस
- प्रवासी हिन्दी लेखकों का कहानी संग्रह
नाटक
- सबीना के चालीस चोर
- दहलीज
- पत्थर गली
- इब्ने मरियम
- साधना
नासिरा शर्मा की उपलब्धियाँ
- पत्रकारश्री, प्रतापगढ,़ उत्तर प्रदेश – 1980
- सन् 1987-88 में अर्पण सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली
- सन् 1995 में गजानन्द मुक्तिबोध नेशनल अवार्ड, भोपाल
- सन 1997 में महादेवी वर्मा पुरस्कार, बिहार राजभाषा
- सन् 1999 में इण्डोरशन अवार्डुॉर चिल्डरेड लिटरेचर
- सन् 2000 में कृति सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली
- सन् 2003 में वाग्मणि सम्मान लेखिका संघ जयपुर द्वारा
- सन् 2008 में इन्दू शर्मा कथा सम्मान, यू.के9. सन् 2009 में नई धारा रचना सम्मान
- सन् 2009 में मीरा स्मृति सम्मान इलाहाबाद
- सन् 2010 में बाल साहित्य सम्मान खतीमा
- सन् 2011 में महात्मा गांधी सम्मान हिन्दी संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- सन् 2013 में स्पन्दन पुरस्कार
- सन् 2014 में राही मासूम रजा सम्मान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- सन् 2014 में कथाक्रम सम्मान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश