विमर्श का अर्थ एवं परिभाषा

सामान्यत: विमर्श से तात्पर्य है चर्चा-परिचर्चा, संवाद, तर्क-वितर्क आदि। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो जब व्यक्ति किसी समूह में किसी विषय पर चिन्तन अथचा चर्चा-परिचर्चा आदि करता है तो उसे विमर्श कहा जाता है या जब कोई व्यक्ति किसी विषय को लेकर अकेले में गहन, चिन्तन, मनन करके किसी समूह में जाकर उस विषय पर अन्य व्यक्तियों से तर्क-वितर्क करता है तो उसे विमर्श कहते हैं।

विमर्श की परिभाषा

संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी शब्दकोशों में बहुत से विद्वानों द्वारा विमर्श शब्द को परिभाषित किया गया है। डॉ0 भोलानाथ के अनुसार विमर्श का अर्थ है- ‘‘तबादला-ए-खयाल, परामर्श, मशविरा, राय-बात, विचार विनिमय, विचार विमर्श, सोच विचार।’’ सम्पादक रिज़वी ने बृहद् हिन्दी शब्दकोश में विमर्श का अर्थ स्पष्ट करते हुए लिखा है कि ‘‘विमर्श यानी समालोचना, परामर्श, परीक्षा, किसी बात पर अच्छी तरह विचार करना।’’

ज्ञान शब्दकोश में विमर्श का तात्पर्य ‘विचार, विवेचन, परीक्षण, समीक्षा, तर्क, ज्ञान।’ आदि के रूप में अंकित किया गया है।
मानक हिन्दी कोश में विमर्श का अर्थ इस प्रकार है –
  1. ‘सोच विचार कर तथ्य या वास्तविकता का पता लगाना।
  2. किसी बात या विषय पर कुछ सोचना समझना। विचार करना।
  3. गुण-दोष आदि की आलोचना या मीमांसा करना (डेलिबरेशन)।
  4. जाँचना और परखना।
  5. किसी से परामर्श या सलाह करना।’

संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश में विमर्श को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है- ‘‘विचार-विनिमय, सोच-विचार, परीक्षण, चर्चा।’’ वृहद संस्कृत-हिन्दी कोश के अनुसार ‘विमर्श- वि+मृश+घ के योग से बना है जिसका अर्थ विचार, विचार-विनिमय है।’ प्रसिद्ध भाषा विद्वान डॉ0 हरदेव बाहरी के अनुसार ‘विमर्श का अंग्रेजी समानाथ्र्ाी शब्द ‘Consultation’ है।’ डॉ0 हरदेव बाहरी ने ही विमर्श शब्द को हिन्दी शब्दकोश में इस प्रकार से परिभाषित किया है –

  1. विचार,
  2. विवेचन,
  3. परीक्षण,
  4. समीक्षा,
  5. तर्कें।
हिन्दी विश्व कोश में विमर्श शब्द को इस तरह से समझाया गया है-
  1. वितर्क, विचारना,
  2. तथ्यानुसंधान, किसी तथ्य का अनुसंधान।
  3. विवेचना, आलोचना,
  4. युक्ति द्वारा परीक्षण करना।
  5. असंतोष
  6. अधैर्य, अधीरता।

डॉ0 हरदेव बाहरी द्वारा सम्पादित English-Hindi Dictionary में Consult शब्द को विमर्श का पर्याय मानते हुए उसका अर्थ इस प्रकार दिया गया है- ‘‘किसी आदमी या किताब से सम्पर्क करना। परामर्शदाता के रूप में कार्य करना, विचार विनिमय करना।’’ अग्रेंजी में विमर्श को ‘Deliberation, Consultation’ कहते हैं। जिसका अर्थ विचार विवेचन या परामर्श होता है। डॉ. अर्जुन चव्हाण विमर्श को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि -’’ विमर्श शब्द मूलत: गहन सोच विचार, विचार-विनिमय तथा चिन्तन, मनन को द्योतित करता है अर्थात् विमर्श से सीधा तात्पर्य सोच-विचार, विनियम तथा विवेचना से है।’’

दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि किसी विषय विशेष के सन्दर्भ में गम्भीरता से चिन्तन-मनन, सलाह, तर्क-वितर्क और सोच-विचार करना ही विमर्श करना है अथवा विमर्श है।
विमर्श शब्द के कई अर्थ होते हैं: 
  • किसी बात का विवेचन या विचार
  • आलोचना या समीक्षा
  • परामर्श या सलाह
  • परीक्षा
  • असंतोष या अधीरता
  • संकोच या संदेह
  • ज्ञान
  • विपरीत निर्णय
  • पिछले अच्छे या बुरे कार्यों का मन पर प्रभाव
  • नाटक की पाँच प्रकार की संधियों में से एक
विमर्श शब्द से जुड़े कुछ और शब्द और उनके अर्थ: 
  • विचार-विमर्श – किसी समस्या का समाधान खोजना संचार प्रक्रिया 
  • स्त्री विमर्श – स्त्रियों को लेकर होने वाली बहस 
  • सार्वजनिक विचार-विमर्श – राजनीतिक निर्णय लेने में समावेशिता और बातचीत की प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना 
  • व्यावहारिक विचार-विमर्श – सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में समूहों की सहायता करना 
  • अस्तित्ववादी विचार-विमर्श – राजनीतिक विचार-विमर्श एक अंतर्निहित स्थिति है, न कि एक तैनाती योग्य प्रक्रिया 

विचार-विमर्श का अर्थ है किसी चीज़ के बारे में सोचना या चर्चा करना और सावधानी से निर्णय लेना

विमर्श (विमर्श) का अर्थ है “चिंतनशील जागरूकता“।

संदर्भ –
  1. सम्पादक भोलानाथ : हिन्दी पर्यायवाची कोश, पृष्ठ-572
  2. सम्पादक रिज़वी : वृहद हिन्दी शब्दकोश, पृष्ठ-922
  3. सं. मुकुन्दी लाल श्रीवास्तव : ज्ञान शब्दकोश, पृष्ठ-741
  4. सं0 रामचन्द्र वर्मा : मानक हिन्दी कोश (खण्ड पांच) हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, पृ0-
  5. कोशकार वामन शिवराम आपटे : संस्कृत-हिन्दी कोश, पृष्ठ-946
  6. उदय चन्द्र जैन : वृहद संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश, न्यू भारतीय बुक कार्पोरेशन, प्र0सं0-2006
  7. डॉ0 हरदेव बाहरी : हिन्दी अंग्रेजी शब्दकोश, पृष्ठ-593
  8. डॉ0 हरदेव बाहरी : हिन्दी शब्दकोश, राजपाल एण्ड सन्स, पृष्ठ-751
  9. सं0 डॉ0 नगेन्द्रनाथ वसु : हिन्दी विश्वकोश (खण्ड 21), पृष्ठ-478

Leave a Comment