शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Education)

शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Education)

उद्देश्य

इस इकाई के अध्ययन के पश्चात् आप
– विद्यार्थी राजनैतिक कारक से परिचित हो सकेंगे।
– सामाजिक कारक के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
– आर्थिक कारक शिक्षा को प्रभावित करता है, समझ सकेंगे।
– शैक्षिक कारक के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
– भौगोलिक कारक से परिचित हो सकेगें।

प्रस्तावना

राष्ट्रीय विकास की गति तेज करने के लिए शिक्षा में सुधार करने तथा उसका निरन्तर विकास करने के लिए महत्वपूर्ण कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। राष्ट्र की आशाओं, आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था में राष्ट्र का भविष्य निहित है। आधुनिक युग में प्रत्येक राष्ट्र राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति कर अपने देशवासियों के जीवन स्तर को उन्नत करना चाहता है।

विश्व की प्रत्येक वस्तु, विचार तथा कार्य से लाभदायक परिणाम तभी मिल सकते है यदि उनके पूर्व निश्चित उद्देश्य हों। शिक्षा सामाजिक विकास की आधारशिला है। देश में जैसी शिक्षा होगी वैसा ही समाज बनेगा। अतः शिक्षा का स्वरूप एवं उद्देश्य देश काल एवं परिस्थितियों के अनुरूप होने चाहिए। समय-समय पर शिक्षा के स्वरूप एवं उद्देश्यों में परिवर्तन होते रहते हैं। वैदिक युग में शिक्षा का उद्देश्य बालक का सर्वांगीण विकास करना था। प्राचीन काल में शिक्षा का उद्देश्य राज्य का कल्याण करना था। यूनान में शिक्षा का उद्देश्य नैतिक एवं सामाजिक विकास करना था। वर्तमान युग में सामाजिक संरचना में परिवर्तन आने के साथ -साथ शिक्षा के उद्देश्यों में भी परिवर्तन हुआ है। सामाजिक प्रगति हेतु शिक्षा प्रकाश स्तम्भ का कार्य करती है। अतः कह सकते है कि शिक्षा की समय-समय पर अनेक कारकों ने प्रभावित किए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कारकों का विस्तार से वर्णन अपेक्षित है।

राजनैतिक कारक

सामाजिक कारक

आर्थिक कारक

शैक्षिक कारक

भौगोलिक कारक

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