व्यवसायिक संप्रेषण क्या है? » Vyavasayik Sampreshan Kya Hai

संप्रेषण ही वह साधन है जिसके द्वारा व्यवहार को क्रियान्वित किया जाता है, परिवर्तनों को लागू किया जाता है, सूचनाओं को उत्पादक बनाया जाता है एवं व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जाता है। संप्रेषण में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल होता है। आधुनिक संचार क्रान्ति के युग में समस्त व्यावसायिक उपक्रमों …

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संवेगात्मक विकास का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं

जीवन में संवेगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा व्यक्ति के वैयक्तिक एवं सामाजिक विकास में संवेगों का योगदान होता है। लगातार संवेगात्मक असन्तुलन/अस्थिरता व्यक्ति के वृद्धि एवं विकास को प्रभावित करती है तथा अनेक प्रकार की शारीरिक, मानसिक और समाजिक समस्याओं को उत्पन्न करती है। दूसरी ओर संवेगात्मक रूप से स्थिर व्यक्ति खुशहाल, स्वस्थ एवं …

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रुचि का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, रुचि मापन की विधियां

हम अपने दैनिक जीवन में देखते हैं कि एक व्यक्ति यदि प्रोफेसर बनना चाहता है तो दूसरा डॉक्टर, इंजीनियर अथवा वकील बनना पसंद करता है। इसी प्रकार, विद्यालय में जहा प्रतीक को गणित, अनुभा को गृह विज्ञान, सोनल को संगीत, फराह को राजनीति शास्त्र पढ़ना अच्छा लगता है, वहीं सुशान्त हर समय पिक्चर की ही बातें …

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अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा सिद्धांत, स्रोत, विधियां

प्राणी के व्यवहार को परिचालित करने वाली जन्मजात तथा अर्जित वृतिया को प्रेरक कहते है। यह वह अन्तवृति है जो प्राणी मेंं क्रिया उत्पन्न करती है और उस क्रिया को तब तक जारी रखती है जब तक उद्देश्य की पूर्ति नहीं जाती है। ‘Motivation’ शब्द लेटिन भाषा के ‘Movers’ का रूपान्तर है जिसका अर्थ है आगे …

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बाल अपराध का अर्थ, उसकी परिभाषाएं और उसके कारण

एक निश्चित आयु से कम आयु के बच्चों का अपराधपूर्ण कार्य बाल अपराध समझा जाता है। किन्तु प्रश्न उठता है कि बालक किसे कहा जाए? इसके लिए कम या अधिकतम आयु सीमा क्या है? इस संबंध में यह लिखना अनुचित नहीं प्रतीत होता है कि विभिन्न राज्यों या राष्ट्रों में भिन्न-भिन्न आयु के बच्चे को बाल …

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प्रकृतिवाद-अर्थ, परिभाषा, सिद्धान्त, विशेषताएं, गुण-दोष

प्रकृति पाश्चात्य दर्शन की वह विचारधारा है जो प्रकृति को मूल तत्व मानती है, इसी को इस ब्रह्माण्ड का कर्ता और उपादान कारण मानती है। यथार्थवाद की भाँति प्रकृतिवाद भी दार्शनिक चिंतन का प्रारंभिक रूप है। इस संदर्भ में हम उन दार्शनिकों का उल्लेख कर सकते हैं जिनकी चर्चा हमने यथार्थवाद के संदर्भ में की है।  …

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विशिष्ट बालक का अर्थ, परिभाषा, प्रकार – Meaning, definition, types of special child

विशिष्ट बालक (Special child) का अर्थ विशिष्ट बालकों को जानने से पूर्व यह जानना आवश्यक है कि सामान्य बालक किसे कहते है। विद्यालय में हर समाज, हर वर्ग तथा भिन्न-भिन्न परिवारों से बालक आते है ये सभी विभिन्न होते हुये भी सामान्य कहलाते है। परन्तु कुछ ऐसे भी होते है तो शारीरिक, मानसिक, शैक्षिक एवं सामाजिक …

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निदानात्मक परीक्षण का अर्थ, परिभाषा, कार्य, विधियाँ, प्रकार गुण तथा दोष

निष्पत्ति परीक्षणों द्वारा बालक की शैक्षिक योग्यताओं का मापन किया जाता है, सरल शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि छात्र ने किसी विषय से सम्बन्धित पाठ्यवस्तु को कितना सीख लिया है। उसे निष्पत्ति (उपलब्धि) कहते हैं। इस प्रकार निष्पत्ति परीक्षणों (Diagnostic test) द्वारा यह विदित होता है कि छात्र ने कितना सीखा है।  इन परीक्षणों …

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निष्पत्ति परीक्षण का अर्थ, परिभाषा, मापन, आवश्यकता एवं उपयोगिता

निष्पत्ति परीक्षण का प्रयोग सभी प्रकार की शैक्षिक संस्थाओं में किया जाता है। निष्पत्ति परीक्षणों के द्वारा यह मापन किया जाता है कि छात्रों ने कक्षा में पढ़ाये गये विषयों की पाठ्यवस्तु के सम्बन्ध में कितना सीखा है। इस प्रकार के परीक्षणों में सम्पूर्ण पाठ्यवस्तु पर प्रश्न पूछे जाते हैं। और सही उनरों के लिए अंक …

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परामर्शदाता के गुण और परामर्शदाता के कार्य

विशिष्ट एवं सुनिश्चित परिस्थितियों में ही परामर्श प्रदान किया जाता है तथा इसके लिए परामर्श देने वाले व्यक्ति में विभिन्न प्रकार की योग्यताओं एवं कौशलों का होना आवश्यक होता है। पूर्णतया प्रशिक्षित, व्यवसाय के प्रति निष्ठावान व्यक्ति ही इस प्रक्रिया को सम्पन्न कर सकता है उपबोधय में अपना विश्वास उत्पन्न करके उसे सहज और नि:संकोच रूप …

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