स्लम का अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

स्लम्स क्या है? किन तथ्यों के मद्देनज़र किसी क्षेत्र को स्लम क्षेत्र माना जाता है? अर्थात् ऐसे कौन से मानदंड है जो किसी क्षेत्र को स्लम का अर्थ प्रदान करते है। इस सदंर्भ में सर्वप्रथम ‘स्लम’ शब्द की उत्पत्ति को स्पष्ट करना अपेक्षित है – “एरिक पैट्रिज़ की ‘ए शॉर्ट एटीम्लोजिक़ ल डिक्शनरी ऑफ मॉर्डन इंग्लिश’ …

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CBSE board सीबीएसई बोर्ड के प्रमुख उद्देश्य और संरचना

CBSE board सीबीएसई बोर्ड का पूरा नाम सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री एजूकेशन है। जिसका कार्यालय दिल्ली में स्थित है। यू0पी0 बोर्ड की तरह यह बोर्ड भी हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट स्तर पर परीक्षाएं कराता है। उसका प्रमुख कार्य परीक्षा में सुधार करना तथा पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए अर्थपूर्ण बनाना है तथा समाज में उच्च प्रकार …

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हिंदू विवाह के उद्देश्य क्या है?

यह प्राचीन हिन्दू समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसकी महत्ता आज भी समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसकी महत्ता आज भी विद्यमान है। गृहस्थाश्रम का प्रारम्भ उसी संस्कार से होता था । ” विवाह” शब्द “वि” उपसर्गपूर्वक “वह” धातु से बनता है जिसका शाब्दिक अर्थ है “वधू को वर के घर ले जाना या …

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आश्रम व्यवस्था क्या है (ब्रम्हचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम)

हिन्दू जीवन दर्शन ने आध्यात्मिक भोग, त्याग तथा वैधानिक और सामाजिक विकास के संतुलन के लिये हिन्दू सामाजिक संगठन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की है। आश्रम व्यवस्था भी उनमें से एक है। चारांे पुरुषार्थों की क्रमबद्ध विधिवत और सुनियोजित पूर्ति के लिये इसकी परिकल्पना की गई है। ब्रह्यचर्य आश्रम में ज्ञानार्जन के माध्यम से …

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सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उठाए कदम

सशक्तिकरण वह शस्त्र है जो न सिर्फ महिलाओं के अधिकारों दिलाने के लिए आवाज देता हैं बल्कि समाज के प्रत्येक मानव को अपने अधिकारों के प्रति जागृत करता है। वही महिला सशक्तिकरण का सीधा सा अभिप्राय है कि महिलाओं को अधिक शक्ति सम्पन्न बनाना है। ताकि उनकी सुप्त चेतना, क्षमता व योग्यताओं का विकास संभव हो …

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महिला सशक्तिकरण क्या है? महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य क्या है?

महिला सशक्तिकरण का विस्तृत तात्पर्य है – महिलाओं को पुरुष के बराबर वैधानिक, राजनीतिक, शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में उनके परिवार, समुदाय, समाज एवं राष्ट्र की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में निर्णय लेने की स्वत्व अधिकार से है। महिला-सशक्तिकरण का मतलब यह नहीं है कि उन्हैं दूसरों पर प्रभुत्व जमाने की शक्ति प्रदान करना तथा अपनी …

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हिंदू विवाह के 8 प्रकार क्या हैं?

विवाह, समाज द्वारा मान्यता प्राप्त एक सामाजिक संस्था है। इसके द्वारा दो अलग लिंग के लोगों को एक साथ रहने, यौन संबंध स्थापित करने, बच्चों को जन्म देने तथा उनका लालन-पोषण करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है।समाज द्वारा अनुमोदित स्त्री-पुरूष के संयोग को विवाह कहते हैं, जिससे स्त्री- पुरुष को काम- इच्छा की सन्तुष्टि के …

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संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय का अर्थ, विशेषताएं गुण और दोष

संयुक्त हिन्दू परिवार व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय होता है जिसका स्वामित्व एक संयुक्त हिन्दू परिवार के सदस्यों के पास होता है। इसे हिन्दू अविभाजित परिवार व्यवसाय भी कहते हैं। संगठन का यह स्वरूप हिन्दू अधिनियम के अंतर्गत कार्य करता है तथा उत्तराधिकार अधिनियम से नियंत्रित होता है। संयुक्त हिन्दू परिवार व्यावसायिक संगठन का ऐसा स्वरूप है …

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आयुर्वेद का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, प्रकार

जिस शास्त्र में हितायु, अहितायु, सुखायु और दु:खायु इन चार प्रकार की आयु के लिए हितकर तथा अहितकर द्रव्य, गुण एवं कर्म के प्रमाण का विवेचन और जिसमें आयुओं के स्वरुप का वर्णन किया गया हो उसे ‘आयुर्वेद’ कहते हैं। आयुर्वेद का अर्थ आयुर्वेद शब्द की निरूक्ति – आयुर्वेद शब्द दो शब्दों के योग से बना …

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धर्म का उद्गम स्थान व अनादित्व

धर्म शब्द की उत्पत्ति ‘धृ’ धातु से हुई है, जिसका तात्पर्य है- धारण करना, पालन करना, इसी धातु के अर्थ को मूलाधार मानते हुये भारतवर्ष के अनेक ऋषि-मुनियों व विद्वानों ने धर्म शब्द की परिभाषा देते हुए उसका निर्वाचन किया है, जो इस प्रकार है –  ‘‘धृयते धार्यते सेवते इति धर्म:’’ ‘‘ध्रियते लोक: अनेन अर्थात् जिससे …

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