अनुक्रम
संवाददाता का अर्थ
संवाददाता का शाब्दिक अर्थ संवाद करने या लिखने वाले से है। संवाददाता समाचार जगत का महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। संवाददाता का कार्य समाचारों का संकलन करना होता है। पत्रकारिता की भाषा में, किसी भी घटना का अवलोकन कर उसे कम से कम शब्दों में, सरल भाषा में लिख कर या तैयार कर किसी सम्बन्धित समाचार माध्यम के लिए प्रस्तुत करने को रिपोर्टिंग कहा जाता है तथा जो व्यक्ति इस कार्य को या इस रिपोर्ट को तैयार करता है उसे संवाददाता कहते हैं।
संवाददाता के कार्य
संवाददाता का कार्य है समाचारों का संकलन करना अर्थात उन्हें एकत्र करना या जुटाना तथा उन्हें किसी समाचार समूह के लिए लिखना। उसका कार्य उप संपादक से भिन्न है। उप-सम्पादक ‘संवाददाता ’ द्वारा प्रेशित समाचारों को मुद्रण के उपयुक्त बनाता है। संवाददाता समाचार-संकलन के लिए क्षेत्र में जाता है, जबकि उप-सम्पादक समाचार डैस्क पर बैठकर काम करता है। डैस्क पर तमाम समाचार आकर एकत्र होते हैं, उनमें से मुद्रण योग्य समाचारों को छांटा जाता है, सम्पादित किया जाता है, प्रत्येक स्टोरी को उपयुक्त शीर्षक दिया जाता है, उसके लिए समाचार-पत्र में स्ािान निर्धरित किया जाता है।
अत: हम कह सकते हैं कि किसी समाचार माध्यम के लिए लिखी जाने वाली सूचना और संवाद रिपोटिर्ंग कहलाती है तथा इसे लिखने वाला व्यक्ति संवाददाता कहा जाता है। संवाददाता का काम बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। एक ही घटनास्थल या प्रेस कांफ्रेंस में अनेक पत्रकार मौजूद रहते हैं और अपने-अपने नजरिए से खबरें लिखते हैं। संवाददाता के लिए हर रोज यह चुनौती होती है कि वह अपने अन्य प्रतिस्पर्धियों से बेहतर रिपोर्ट कैसे तैयार करें।
संवाददाता की विभिन्न श्रेणियां
संवाददाता की कई श्रेणियां हैं। वे वरिष्ठ संवाददाता, (Senior Correspondent) चीफ संवाददाता , सीनियर संवाददाता , विषेश संवाददाता, विदेश संवाददाता में से कोई हो सकते हैं लेकिन उनका मूलभूत कर्तव्य समाचार संकलन (News gethring) और समाचारों को लिखकर समाचार डैस्क के लिए उपलब्ध कराना है। यानी डैस्क के लिए समाचारों की आपूर्ति संवाददाता का काम है। प्रमुख समाचार पत्रों में संवाददाता की श्रेणियां लगभग समान होती है। सबसे पहले प्रशिक्षु पत्रकार होता है।
संवाददाता के उत्तरदायित्व
पत्रकारिता अन्य व्यवसायों से भिन्न है। इसमें थोडी सी लापरवाही से बडा नुकसान हो सकता है। इसलिए संवाददाता को बेहद संजीदगी से कार्य करना होता है। पत्रकारों का दायित्व केवल समाचार पत्र के लिए ही नहीं बल्कि समाज के प्रति, सरकार के प्रति और राष्ट्र के प्रति भी होता है। पत्रकारों का दायित्व बनता है कि वे सभी विचारों, गतिविधियों, घटनाओं को जनता के सामने रखे और जनता उसमें स्वयं निर्णय ले सके।
पत्रकार को समाचार पत्र, पत्रिका, समाचार एजेंसी के चरित्र, कार्यशैली व नीतियों को ध्यान में रखकर कार्य करना होता है। समाचार पत्र की गरिमा में ठेस पहुंचे, ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये।
खबर को पूर्ण करने के लिए तथ्यों को एकत्रित करने में आलस नहीं करना चाहिये। अगर समाचार पत्र में प्रकाशित खबर अपूर्ण होती है तो समाचार पत्र की वस्तुनिश्ठता पर प्रश्न चिन्ह लगता है। साथ ही समाज पर इसका बुरा असर पड़ता है। इस तरह की खबरें पढ़ने से पाठक के मन में भ्रम की स्थिति रहती है। हमेशा याद रखें कि अपना स्रोत आपके लिए अति महत्वपूर्ण है। एक संवाददाता होने के चलते लोग आपसे विश्वास करते हैं, इस विश्वसनीयता को बनाये रखना नैतिक जिम्मेदारी है। अगर आप अपने स्रोत के बारे में दूसरों को बताने लगेंगे तो इससे उसका नुकसान होने की संभावना रहती है, और फिर इस स्रोत से आपको समाचार मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
संवाददाता का मूल दायित्व सत्य को उजागर करना है। इस कार्य को उसे निडरता के साथ करना होता है। तथ्यों का संकलन करने के बाद उन्हें पाठकों की रूचि के अनुसार प्रस्तुत करना उसका कर्तत्य है।
खबरों का संकलन करते समय संवाददाता को सभी पक्षों से साक्षात्कार कर लेना चाहिये। इससे खबर के लिए पूरे कंटेंट मिल जायेंगे और समाचार के एकतरफा होने की आशंका भी नहीं होगी। इस प्रक्रिया से संवाददाता की खबर निष्पक्ष हो सकेगी। पत्रकारों को सावधानी से पत्रकारिता करनी चाहिये। उसे कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे अपराध को प्रोत्साहन मिले। किसी व्यक्ति या संस्था की मानहानि से बचना चाहिये। झूठी या सुनी-सुनाई बातों को आधार बनाकर समाचार नहीं प्रकाशित करना चाहिये।
संवाददाता के कुछ महत्वपूर्ण दायित्व
- संवाददाता की उन समस्त लेखों की जिम्मेदारी होती है, जो उसने लिखे हैं, भले ही उसका नाम उस खबर में प्रकाशित न हुआ हो।
- पत्रकार को वहीं कार्य करना चाहिये, जो समाचार पत्र की गरिमा के अनुकूल हो।
- दूसरे के समाचारों व लेखों की चोरी से बचना चाहिये।
- अपने सूत्रों की गोपनीयता हमेशा बनाये रखनी चाहिये।
- संवाददाता स्वयं को समाज का ठेकेदार न समझे।
- तथ्यों को तोड-मरोडकर प्रस्तुत करने से बचना चाहिये।
- व्यावसायिक मामलों को अन्य खबरों की तरह न बनाये।
- व्यक्तिगत हितों के लिए प्रेस की स्वाधीनता का दुरूप्रयोग करने से बचना चाहिये।
