अनुक्रम
इस संघर्ष की स्थिति के समय अमेरिका के प्रसिद्ध देशभक्त नेता जार्ज वाशिंगटन, हैमिल्टन एवं थॉमसर जैुरनसन आदि का देहांत हो चुका था। इनके पश्चात् के अमेरिकी नेताओं में योग्यता तो थी परंतु देश के प्रति समर्पण की भावना कुछ कम थी। युद्ध के उत्तरदायित्व को लेकर भी इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ इतिहासकार इस गृह युद्ध के लिए उत्तर वालों को इस आधार पर उत्तरदायी मानते हैं, कि कहीं दास प्रथा विरोधी संस्थाओं का गठन हुआ, स्वतंत्र भूमि दल बना एवं अन्य दक्षिण विरोधी कार्य हुए, जबकि कुछ इतिहासकार दक्षिण वालों को इस आधार पर गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार मानते हैं कि, वहीं दास प्रथा विरोधी लोगों पर हमले हुए तथा दक्षिणवासियों की हिंसात्मक प्रवृत्ति भी युद्ध के लिए उत्तरदायी थी।
अमेरिकी गृहयुद्ध के कारण
1. दूरवर्ती कारण – संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी तथा दक्षिणी भागों में आपसी मनमुटाव गृह युद्ध का कारण बना। उत्तर एवं दक्षिणी भागों के बीच मतभेद निम्न प्रश्नों पर था –
- दासता का प्रश्न, 1820
- टेक्सॉस के विलय का प्रश्न
- मैक्सिको का युद्ध
2. दास प्रथा – एल्सन के अनुसार गृह युद्ध का मौलिक कारण उत्तर तथा दक्षिण के दास प्रथा को लेकर एक दूसरे के विरोधी तथ्य थे।
- दक्षिण के दास मालिकों ने दास प्रथा की रक्षा के लिए ऐसे तर्क दिये और कायर् किये जिनसे उत्तरवासियों के दिल में अविश्वास एवं रोश पैदा हुआ। दक्षिणवासियों ने इसे पवित्र जीवन का आधार, दासो की सुरक्षा एवं गोरे लोगों की प्रभुता हेतु न्यायोचित ठहराया।
- उत्तरवासी दास प्रथा को ईश्वरीय कानून के विरूद्ध स्वार्थपूर्ण प्रवृत्ति पर आधारित, समानता व स्वतंत्रता की घोषणा के विरूद्ध तथा दक्षिण की प्रगति को रोकने वाला बताकर उसका विरोध करते थे। इन तर्क-वितर्कों के चलते कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं था। दासता के बढ़ते प्रभाव पर एक अमेरिकन ने व्यंगात्मक लहजे में कहा था, ‘‘अमेरिकी झण्डे से तारों का प्रकाश और प्रभाव की लाल किरणें मिटा देनी चाहिए और इस पर काडे़े तथा बेिड़याँ अंकित करनी चाहिए।’’
3. राजनीतिक भाषणबाजी – उत्तर और दक्षिण के नेताओं के तर्कों और नारों ने दोनों ओर भय तथा ऊँच-नीच की भावना जागृत की। दासता उन्मूलनकारी आंदोलन ने दक्षिण में यह भय पैदा किया कि इससे ऐतिहासिक श्रम प्रणाली भंग हो जायेगी तथा जातिगत संघर्ष आरंभ हो जायेंगे।
4. लिंकन का निर्वाचन – 1860 ई. के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के विभाजन के परिणामस्वरूप रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार अब्राहम लिंकन विजयी हुए जिन्होने चुनाव में दासता के प्रश्न को महत्व दिया था। लिंकन की विजय से दक्षिणी राज्यों की चिंता हुई, कि नयी सरकार उनकी संस्थाओं एवं विशिष्ट सभ्यता को खण्डित कर देगी। इस भावना ने दक्षिण के राज्यों को संघ से अलग होने को प्रेरित किया।
- अपनी शक्ति का आकलन नहीं किया।
- उत्तरी मित्रों से नाता ताडे़ लिया।
- संघीय भावना की उपेक्षा की।
- वे यह भूल गये कि उन्हें विदेशी सहायता और मान्यता दासता के प्रश्न पर नहीं मिल सकती।
- राज्यों को पृथक होना
लिंकन की विजय दक्षिण के राज्यों पर एक वज्र के समान पड़ी। उन्होंने संघ से पृथक् होने के लिए कार्यवाही आरंभ की एवं तर्क दिया कि ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका सम्प्रभु राज्यों का संघ है अत: राज्य अपनी इच्छानुसार संघ से अलग हो सकते हैं।’’
दक्षिण केरोलिना ने 20 दिसम्बर, 1860 को संघ से पृथक् होने की घोषणा की। शीघ्र ही मिसीसीपी, फ्लाेि रडा, अलवाना, जार्जिया, ल्यूसियाना, टेक्सॉस और अन्य राज्यों ने संघ से पृथक् होकर दक्षिण परिसंघ बनाया। परिसंघ ने माण्टगोमरी (अल्वाना) में संयुक्त कनेक्शन बुलाई। अस्थायी संविधान स्वीकार किया तथा प्रावधिक (अस्थायी) राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति का निर्वाचन किया। उत्तरी राज्यों ने इस कार्यवाही को विद्रोह घोषित किया।
अमेरिका का गृहयुद्ध का महत्व
- युद्ध में दोनों पक्षों का व्यापक नरसंहार हुआ।
- एल्सन के अनुसार कुल युद्ध व्यय 10 अरब डालर से अधिक ही था।
- दक्षिण का आर्थिक विनाश हुआ।
- दास प्रथा की समाप्ति हुई। 1865 ई. में सीनेट ने संविधान में दास मुक्ति संबंधी संशोधन स्वीकार किये।
- राज्य सम्प्रभुता की समाप्ति हुई।
- औद्योगिक प्रसार बढ़ा एवं तकनीकी प्रणाली विकसित हुई।
- अधिकारों के भूखो लोगो ने देश की सामाजिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डाला।
- संघीय सरकार पर रिपब्लिकन पार्टी का एकाधिकार बढ़ा।
एच. डब्ल्यू एल्सन के अनुसार यह युद्ध एक ऐसी शल्य चिकित्सा थी जो काफी पीड़ादायक थी, परंतु एक राष्ट्र के स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक थी और इसका जो परिणाम हुआ, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए वरदान साबित हुआ। युद्ध के उपरांत देश में एकता की भावना दृढ़ हुई तथा स्वशोषण का स्थान, व्यावहारिक ‘स्थायी सत्य’ बन गया।
अमेरिकी गृहयुद्ध के परिणाम
अमेरिकी गृहयुद्ध अमेरिका के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस गृहयुद्ध के पश्चात् अमेरिका में एक नव युग का प्रादुर्भाव हुआ। इस गृहयुद्ध की विध्वंसता में भी रचनात्मकता निहित थी। इस गृह युद्ध ने अमेरिका के राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक स्वरूप को काफी हद तक प्रभावित किया जिसका वर्णन है –