स्लम का अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

स्लम्स क्या है? किन तथ्यों के मद्देनज़र किसी क्षेत्र को स्लम क्षेत्र माना जाता है? अर्थात् ऐसे कौन से मानदंड है जो किसी क्षेत्र को स्लम का अर्थ प्रदान करते है। इस सदंर्भ में सर्वप्रथम ‘स्लम’ शब्द की उत्पत्ति को स्पष्ट करना अपेक्षित है – “एरिक पैट्रिज़ की ‘ए शॉर्ट एटीम्लोजिक़ ल डिक्शनरी ऑफ मॉर्डन इंग्लिश’ …

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यूपी बोर्ड की स्थापना, कार्य, संचालन एवं अधिकार

यूपी बोर्ड की स्थापना  यूपी बोर्ड की स्थापना वर्ष 1921 में इलाहाबाद में यूनाईटेड प्राविंशियल लेजिस्लेटिव कौसिंल के एक एक्ट द्वारा हुई थी। बोर्ड में पहली परीक्षा 1923 में आयोजित की थी। बोर्ड ने 10+2 सिस्टम परीक्षा अपनाई थी। पहली सार्वजनिक परीक्षा 10 वर्ष की शिक्षा पूरी करने के पश्चात हाईस्कूल की परीक्षा की व्यवस्था की …

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CBSE board सीबीएसई बोर्ड के प्रमुख उद्देश्य और संरचना

CBSE board सीबीएसई बोर्ड का पूरा नाम सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री एजूकेशन है। जिसका कार्यालय दिल्ली में स्थित है। यू0पी0 बोर्ड की तरह यह बोर्ड भी हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट स्तर पर परीक्षाएं कराता है। उसका प्रमुख कार्य परीक्षा में सुधार करना तथा पाठ्यक्रम को विकसित करने के लिए अर्थपूर्ण बनाना है तथा समाज में उच्च प्रकार …

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हिंदू विवाह के उद्देश्य क्या है?

यह प्राचीन हिन्दू समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसकी महत्ता आज भी समाज का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार है जिसकी महत्ता आज भी विद्यमान है। गृहस्थाश्रम का प्रारम्भ उसी संस्कार से होता था । ” विवाह” शब्द “वि” उपसर्गपूर्वक “वह” धातु से बनता है जिसका शाब्दिक अर्थ है “वधू को वर के घर ले जाना या …

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आश्रम व्यवस्था क्या है (ब्रम्हचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम)

हिन्दू जीवन दर्शन ने आध्यात्मिक भोग, त्याग तथा वैधानिक और सामाजिक विकास के संतुलन के लिये हिन्दू सामाजिक संगठन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं की है। आश्रम व्यवस्था भी उनमें से एक है। चारांे पुरुषार्थों की क्रमबद्ध विधिवत और सुनियोजित पूर्ति के लिये इसकी परिकल्पना की गई है। ब्रह्यचर्य आश्रम में ज्ञानार्जन के माध्यम से …

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सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उठाए कदम

सशक्तिकरण वह शस्त्र है जो न सिर्फ महिलाओं के अधिकारों दिलाने के लिए आवाज देता हैं बल्कि समाज के प्रत्येक मानव को अपने अधिकारों के प्रति जागृत करता है। वही महिला सशक्तिकरण का सीधा सा अभिप्राय है कि महिलाओं को अधिक शक्ति सम्पन्न बनाना है। ताकि उनकी सुप्त चेतना, क्षमता व योग्यताओं का विकास संभव हो …

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वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत – Theories of origin of caste system

वर्ण शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत के ‘वृ’ वरणे धातु से हुई है, जिसका अर्थ है ‘चुनना’ या ‘वरण करना’। सम्भवतः ‘वर्ण’ से तात्पर्य ‘वृति’ या किसी विशेष व्यवसाय के चुनने से है। समाज शास्त्रीय भाषा में ‘वर्ण’ का अर्थ ‘वर्ग’ से है, जो अपने चुने हुए विशिष्ट व्यवसाय से आबद्ध है। वर्ण व्यवस्था के अन्तर्गत समाज …

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कुंठा का अर्थ, परिभाषा, लक्षण, कारण, दुष्प्रभाव

समय के अभाव में ज्यादातर डॉक्टर मरीज के मन के अवसाद को समझ नहीं पाते हैं। वह मरीज को सांत्वना देने के लिए विटामिन, खून बनाने वाले टॉनिक, कैल्शियम और निम्न रक्तचाप और उच्च रक्तचाप दूर करने वाले नुस्खे बता देते हैं। कुंठाग्रस्त रोगी को तन की नहीं मन की दवा की जरूरत होती है। लोगों …

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भूमंडलीकरण का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएँ, लाभ

भूमंडलीकरण का अर्थ इस अंग्रेजी में Globalization कहते हैं। संसार के सभी देश एक दूसरे के विकास एवं समस्याओं के समाधान के लिए एक जुट रहते है। सार्क शिखर सम्मेलन UNESCO, UNICEF, WHO आदि संगठन वैश्वीकरण / भूमंडलीकरण के उदाहरण हैं। भूमण्डलीकरण /वैश्वीकरण की मनस्वी के अनुसार परिभाषा इस प्रकार है- उदारीकरण, आर्थिक विकास एवं निजीकरण …

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महिला सशक्तिकरण की क्या आवश्यकता है? महिला सशक्तिकरण के लिए बनाए गए कानून

महिला सशक्तिकरण को बेहद आसान शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है कि इसमें महिलायें शक्तिशाली बनती है, जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती है तथा परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती है समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना महिला सशक्तिकरण है …

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