बुद्धि के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक

बुद्धि व्यक्ति की एक जन्मजात शक्ति है, जो उसे वातावरण के साथ प्रभावकारी सामंजस्य स्थापित करने तथा विवेकशील एवं अमूर्त चिन्तन करने में सहायता प्रदान करती है। बुद्धि विभिन्न क्षमताओं का समुच्चय है। यह भी पढ़ें: बुद्धि का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, विशेषताएँ, सिद्धांत, निर्धारण तत्व बुद्धि के प्रकार  थाॅर्नडाइक ने बुद्धि के तीन प्रकार बताये है – …

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बाल्यावस्था क्या है बाल्यावस्था की प्रमुख विशेषताएं?

सामान्य रूप से सभी वैज्ञानिकों ने लगभग 6 वर्ष से 12 वर्ष के बीच की आयु को बाल्यावस्था माना है। इस अवस्था में बालक के जीवन में स्थायित्व आने लगता है और आगे आने वाले जीवन की तैयारी करता है।  हरलाॅक के शब्दों में, बाल्यावस्था 6 वर्ष की आयु से लेकर यौवनारम्भ होने तक ग्यारह और …

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उच्चारण शिक्षण का अर्थ, महत्व, सोपान एवं आवश्यकता

हिन्दी भाषा का ध्वनितत्व वैज्ञानिक है, नागरी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के लिए निश्चित अक्षर हैं और उनका सटीक उच्चारण है। उच्चारण पर बल न देने पर उच्चारण दोष उत्पन्न होता है और भाषा का रूप विकृत होता है, उसका निश्चित रूप नहीं बन पाता है। भाषा के दो रूप हैं- मौखिक भाषा लिखित भाषा शुद्ध …

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मानसिक स्वास्थ्य क्या है मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के क्या लक्षण होते हैं?

व्यक्ति के शरीर में मस्तिष्क का महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि व्यक्ति जो भी कार्य करता है वह अपने मस्तिष्क के संकेत पर या मन के अनुसार करता है। जब तक हमारा मन स्वस्थ नहीं रहता है, तब तक हम किसी भी कार्य को ठीक से नहीं कर सकते। जिन लोगों का मस्तिष्क स्वस्थ नहीं रहता वे …

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फोबिया क्या है अमेरिकन साइकियेट्रिक एसोशियेसन ने फोबिया के लक्षणों को स्पष्ट किया है

दुर्भीति जिसे अंग्रेजी के फोबिया Fobia शब्द से जाना जाता है, वस्तुत: चिंता विकृति के प्रमुख प्रकारों में गिना जाता है। चिंता एक संवेग है जिसमें अविवेकपूर्ण नकारात्मक विचारों की श्रृंखला चलती है, तथा व्यक्ति अपने साथ कुछ बुरा होने की नकारात्मक भययुक्त आशंका से ग्रस्त रहता है। जब तक यह अविवेकपूर्ण डर व्यक्ति के नियंत्रण …

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सामाजिक विकास की परिभाषा और इसकी अवस्थाएं

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह दूसरों के व्यवहार को प्रभावित करता है और उसके व्यवहार से प्रभावित होता है। इस परस्पर व्यवहार के व्यवस्थापन पर ही सामाजिक संबंध निर्भर होते हैं। इस परस्पर व्यवहार में रुचियों, अभिवश्त्तियों, आदतों आदि का बड़ा महत्व है। सामाजिक विकास में इन सभी का विकास सम्मिलित है। जब सामाजिक परिस्थिति …

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शिक्षा मनोविज्ञान के सम्प्रदाय और उनका क्रमबद्ध वर्णन

शिक्षा और मनोविज्ञान में घनिष्ठ सम्बन्ध है, इस विषय पर पूर्व अध्यायों में प्रकाश डाला गया है। मनोविज्ञान द्वारा हमें मानव-मस्तिष्क का ज्ञान होता है, अतः शिक्षा से इसका घनिष्ठ सम्बन्ध होना अनिवार्य है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यवहार की व्याख्या, मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न ढंग से की है। शिक्षा-मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक व्यावहारिक शाखा है। शिक्षार्थी …

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फोबिया क्या है अमेरिकन साइकियेट्रिक एसोशियेसन ने फोबिया के लक्षणों को स्पष्ट किया है

दुर्भीति जिसे अंग्रेजी के फोबिया Fobia शब्द से जाना जाता है, वस्तुत: चिंता विकृति के प्रमुख प्रकारों में गिना जाता है। चिंता एक संवेग है जिसमें अविवेकपूर्ण नकारात्मक विचारों की श्रृंखला चलती है, तथा व्यक्ति अपने साथ कुछ बुरा होने की नकारात्मक भययुक्त आशंका से ग्रस्त रहता है। जब तक यह अविवेकपूर्ण डर व्यक्ति के नियंत्रण …

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सामाजिक परिवर्तन के सिद्धांत (सामाजिक डार्विनवादी, चक्रीय सिद्धांत, पारसंस का उद्विकास सिद्धांत)

सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या समाजशास्त्रियों ने कतिपय सिद्धांतों के संदर्भ में की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को हम किस उपागम से देखते है। यह उपागम ही सामाजिक परिवर्तन का सिद्धांत है। उदाहरण के लिये इतिहासकार टोयनबी या समाशास्त्री सोरोकनी जब सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या करते है तो उन्हें लगता है …

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शिक्षा मनोविज्ञान के सम्प्रदाय और उनका क्रमबद्ध वर्णन

शिक्षा और मनोविज्ञान में घनिष्ठ सम्बन्ध है, इस विषय पर पूर्व अध्यायों में प्रकाश डाला गया है। मनोविज्ञान द्वारा हमें मानव-मस्तिष्क का ज्ञान होता है, अतः शिक्षा से इसका घनिष्ठ सम्बन्ध होना अनिवार्य है। मनोविज्ञान के क्षेत्र में व्यवहार की व्याख्या, मनोवैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न ढंग से की है। शिक्षा-मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की एक व्यावहारिक शाखा है। शिक्षार्थी …

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