अनुक्रम
सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्य
- 2003 तक सभी बच्चे स्कूल, शिक्षा गारंटी केन्द्र, वैकल्पिक स्कूल, ‘‘वापिस स्कूल चलो’’ शिविर में शामिल करना
- सभी बच्चों द्वारा 2007 तक पांच वर्षो की प्राथमिक स्कूल शिक्षा पूरी करना,
- सभी बच्चों द्वारा 2010 तक आठ वर्षो की प्रारम्भिक स्कूल शिक्षा पूरी करना,
- जीवन के लिए शिक्षा पर बल देते हुए संतोषजनक स्तर की प्रारम्भिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देना
- प्राथमिक स्तर पर 2007 तक और प्रारम्भिक स्तर पर 2010 तक सभी लैंगिक और सामाजिक विषमताओं को पाटना
- 2010 तक शतप्रतिशत बच्चों को शिक्षा में बनाए रखना।
- यह प्रारम्भिक शिक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत अभिसारी कार्यतंत्र उपलब्ध कराता है,
- यह एक ऐसा कार्यक्रम भी है जिसमें प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वजनीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट प्रावधान शामिल है।
यह कार्यक्रम वर्ष 2001-02 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सहायता नौवीं योजना के दौरान केन्द्र और राज्य सरकार के बीच 85 : 15 की भागीदारी के आधार पर थी, दसवीं योजना के दौरान 45 : 25 है। कार्यक्रम में समूचा देष शामिल किया गया। वर्ष 2005-06 के दौरान सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 600 जिलों की वार्षिक कार्ययोजनाएँ अनुमोदित की गई।इस कार्यक्रम में ऐसी बस्तियों में नए स्कूल स्थापित करना, जहाँ कोई स्कूली सुविधाएँ मौजूद नहीं हैं तथा अतिरिक्त क्लासरूमों, शौचालय, पेयजल अनुरक्षण अनुदान तथा स्कूल सुधार के प्रावधान के माध्यम से स्कूल में मौजूदा आधारिक तंत्र को सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाएगा।
सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य
- सभी बच्चों की विद्यालय, शिक्षा गारंटी केन्द्रों और वैकल्पिक विद्यालयों में भर्ती निश्चित करना।
- उच्च प्राथमिक स्तर तक सभी बच्चों को विद्यालयों में बनाए रखना।
- भर्ती, शिक्षा और बच्चों को विद्यालयों में बनाए रखने के लिए लैंगिक और सामाजिक श्रेणी के अन्तर को कम करना।
- प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों के ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित करना है।
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक परिवतन के लिए शिक्षा सर्वाधिक महत्वपूर्ण शक्ति है। 21वीं सदी में आर्थिक, सामाजिक विकास के लिए सुशिक्षित, सम्बन्धित ज्ञान से परिपूर्ण, दृष्टिकोण और कौशल वाले लोगों की आवश्यकता है। सामाजिक, आर्थिक रूप से प्रेरित करना और न्याय संगत तथा न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए शिक्षा सर्वाधिक प्रभावशाली मंत्र और मुख्य साधन है।
सर्व शिक्षा अभियान के मानक
- प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में प्रत्येक 40 बच्चों पर 1 शिक्षक ।
- प्राथमिक विद्यालय में कम से कम 2 शिक्षक |
सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत किये जा रहे कार्य
- प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक तथा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रत्येक 40 बच्चों पर एक शिक्षक की व्यवस्था ।
- प्रत्येक बसाहट के लिए एक कि.मी. के भीतर एक विद्यालय की सुविधा साथ ही तीन कि.मी. के भीतर एक माध्यमिक विद्यालय की सुविधा हो । प्राथमिक स्तर एव माध्यमिक स्तर पर सभी बालक बालिकाओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों को वितरित करना ।
- स्कूल भवनों का रख-रखाव एवं मरम्मत, शाला प्रबन्धन समितियों द्वारा सामुदायिक सहभागिता व योगदान को अनिवार्यतः स्वीकार करना ।
- सभी शिक्षकों के लिये 20 दिनों के सेवाकालीन प्रशिक्षण का प्रावधान तथा अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिये 60 दिवसीय पाठ्यक्रम । शाला न जाने वाले बच्चों की शिक्षा गारंटी योजना, वैकल्पिक तथा अभिनव शिक्षा योजना के तहत पाठ्यक्रमों, उपचारी पाठ्यक्रमों, स्कूल चलो अभियान के माध्यम से नियमित शाला में लाने का प्रयास ।
