अनुक्रम
भर्ती कुशल एवं परिश्रमी व्यक्तियों को प्राप्त करने की विधि है। यह विधि संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होती है, इसलिए भर्ती के लिए सुनिश्चित नीति विकसित करना संगठन का प्रमुख कार्य होता है और आधुनिक संगठनों में यह कार्य उनके उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है। संगठन के अन्तर्गत विभिन्न कार्य होते हैं जिनके लिए अनेक प्रकार के गुण और अनुभव से युक्त व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। इसलिए व्यक्ति विशेष की बुद्धिमता, शारीरिक बनावट, स्वभाव, उपलब्धियाँ एवं विशिष्ट योग्यताओं की जानकारी आवश्यक होती है। इसको जानने के लिए अनेक प्रगतिशील उद्योग विशिष्ट प्रकार के प्रपत्र बनाते हैं जिससे व्यक्तियों की भर्ती में सहायता मिलती है। भर्ती के उद्देश्यों में सबसे प्रमुख उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को प्राप्त करना है जो संगठन के कार्यों को सुनिश्चित ढंग से चला सकें।
यदि भर्ती बिना पूर्ण रूप से विचार किए की गई है तो परिणामस्वरूप अकुशल व्यक्तियों को संगठन में आने की सम्भावना बढ़ती है और कार्य उचित ढंग से नहीं हो पाता जिसका परिणाम यह होता है कि संगठन को दो प्रकार का घाटा होता है। पहला श्रमिकों का दुरुपयोग अथवा आधा उपयोग और दूसरा उत्पादन की हानि। साथ ही ऐसे व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार न तो काम पाते हैं और न प्रगति के पथ पर आगे बढ़ पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप वे अन्त में निराश, खिन्न और असन्तुष्ट हो जाते हैं तथा अपने कार्य से दूर भागने का प्रयास करते हैं जिसके फलस्वरूप प्रबन्धकों को बार-बार एक स्थान से दूसरे स्थान और एक कार्य से दूसरे कार्य में अदल-बदल करना पड़ता है। इस कारण संगठन के कार्य उचित ढंग से नहीं चल पाते। अतएव भर्ती नीति एवं उद्देश्य के आधार पर करनी चाहिए । ‘
भर्ती सेविवर्गीय प्रबन्धन का एक प्रमुख कार्य है। यह समस्त प्रबन्ध, कला एवं विज्ञान से भी अधिक महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यावसायिक तथा औद्योगिक संस्था में, चाहे वह छोटे आकार की हो या बड़े आकार की हो, कर्मचारियों की नियुक्ति करनी पड़ती है। संस्था के लिए आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति कर्मचारी प्रबन्ध का सर्वप्रथम तथा महत्वपूर्ण कार्य है। किसी भी व्यावसायिक संस्था की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उचित योग्यता के कर्मचारी पर्याप्त संख्या में हो । कर्मचारियों की अधिप्राप्ति का उद्देश्य उचित कार्य के लिए उचित व्यक्ति उपलब्ध कराना होता है। इन कार्यों के अन्तर्गत निम्न तीन उपकार्यों को शामिल किया जाता है :-
- कर्मचारियों की भर्ती करना
- कर्मचारियों का चुनाव करना
- कर्मचारियों को कार्य पर नियुक्त करना
इस प्रक्रिया में योग्य व्यक्तियों को आवेदन हेतु आमन्त्रित किया जाता है जिसके द्वारा भावी कर्मचारी की खोज की जाती है और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। इडविन बी० फिलिप्पो ने अपनी परिभाषा में यह बताया है ” भर्ती भावी कर्मचारियों को खोजने तथा उन्हें संगठन में रिक्त स्थानों के लिए आवेदन भेजने के लिए प्रेरित करने की प्रक्रिया है ।
एडविन फिलप्पो के शब्दों में भर्ती भावी कर्मचारियों को खोजने तथा उन्हें संगठन में रिक्त पदो के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया है।
इस प्रकार भर्ती प्रक्रिया में भावी कर्मचारियों के श्रोतों को ज्ञात करना तथा उन्हें संगठन में रिक्त पदो के सापेक्ष आवेदन करने के लिए प्रेरित करना सम्मिलित है। इस प्रक्रिया में यह प्रयास किया जाता है कि अधिक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त हो जिससे चयन प्रक्रिया में सर्वश्रेष्ठ कार्मिकों को प्राप्त किया जा सके।
- कर्मचारियों की भर्ती करना
- कर्मचारियों का चुनाव करना
- कर्मचारियों को कार्य पर नियुक्त करना
भर्ती का अर्थ एवं परिभाषा
भर्ती के लिए योग्य व्यक्तियों की खोज करने, उन्हें रिक्त पदों की जानकारी देने तथा उन्हें उन पदों के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है।
उपरोक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि कर्मचारियों की भर्ती वह क्रिया है जिसके द्वारा संस्था में विभिन्न रिक्त पदों के लिए व्यक्तियों की खोज की जाती है तथा उन्हें रिक्त पदों तथा उनके लिए आवश्यक योग्यता के संबंध में जानकारी देकर उन्हें संस्था में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि संगठन के लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके।
इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि नियुक्ति एवं अधिप्राप्ति (Hiring and Procurement) एक व्यापक क्रिया है। भर्ती एवं चयन इसके दो आवश्यक अंग हैं। भर्ती, नियुक्ति का प्रथम चरण है जो प्रार्थियों की खोज, आवश्यकता एवं स्त्रोतों के निर्धारण तक सीमित है, जबकि चुनाव आयोग व्यक्तियों को हटाते हुए योग्य व्यक्तियों के चयन की प्रक्रिया है।
भर्ती की विशेषताएं
- भर्ती योग्य व्यक्तियों के खोज की प्रक्रिया है।
- इसमें व्यक्तियों को आवेदन करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाता है।
- इसमें भर्ती के विभिन्न स्त्रोतों का निर्धारण करके उन्हें बनाये रखने का प्रयास किया जाता है।
- भर्ती एक सकारात्मक प्रक्रिया है जिसमें चुनाव अनुपात (Selection Ratio) को बढ़ाने का उद्देश्य रहता है।
- भर्ती एवं चुनाव परस्पर सम्बद्ध हैं, यद्यपि दोनों में पर्याप्त अन्तर होता है।
- भर्ती वर्तमान व भावी दोनों प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की जा सकती है।
- भर्ती संस्था में निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
- भर्ती के द्वारा प्रत्येक कार्य के लिए पर्याप्त मात्रा में आवेदकों की पूर्ति उत्पन्न होनी चाहिये ताकि नियोक्ता को चयन की सुविधा हो। ।
भर्ती के स्रोत
भर्ती के सामान्य: दो स्रोत होते हैं
- भर्ती के आंतरिक स्रोत
- भर्ती के बाह्य स्रोत
1. आन्तरिक स्रोत
आंतरिक स्रोत से आशय उपक्रम में कार्य करने वाले कर्मचारियों की उच्च पदों पर पदोन्नति, स्थानान्तरण व समायोजन से है। सामान्यत: आंतरिक स्रोतों से भर्ती उच्च पदों पर की जाती है। इसके प्रमुख तीन स्रोत है-
- अधिक समय तक एक ही पद पर कर्मचारी के पदस्थ रहने के कारण।
- क्षमता के अनुरूप कार्य सम्पादित न हो पाना।
- कर्मचारी की कार्यक्षमता में परिवर्तन (प्रशिक्षण उच्चशिक्षा, अस्वस्थता आदि) के कारण भेजा जाना चाहिए।
- कर्मचारी द्वारा अन्य पद पर कार्य करने हेतु इच्छा व्यक्त करने पर।
आन्तरिक स्रोत से भर्ती के लाभ- कर्मचारियों की आन्तरिक स्रोत से भर्ती के निम्न लाभ होते हैं-
- कर्मचारियों को उपक्रम के नियमों की जानकारी पूर्व से रहती है।
- कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
- कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है।
- कर्मचारियों की आय में वृद्धि होती है।
- भर्ती पर उपक्रम का न्यूनतम व्यय होता है।
- कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर व्ययों में कमी।
- पदोन्नति व मनपसन्द कार्यस्थल के द्वार खुले रहते हैं।
आन्तरिक स्रोत से भर्ती के हानि- इसकी एक बड़ी हानि यह है कि संगठन अपने संस्थान में नए लोगों को शामिल कर उनकी योग्यताओं का लाभ नहीं उठा पाता है।
2. बाह्य स्रोत
बाह्य स्रोत से भर्ती निम्न वर्गीय कर्मचारियों की जाती है। भर्ती के बाह्य स्रोत है-
- विज्ञापन के आधार पर आवेदन-पत्र बुलाना।
- आवेदित उम्मीदवार अधिक हों या आवश्यक हो तो लिखित परीक्षा लेना।
- लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेना।
- आवश्यक होने पर विभिन्न परीक्षण लेना। इस पद्धति का प्रयोग निम्न वर्गीय कर्मचारियों के लिये अधिक किया जाता है।
6. रोजगार कार्यालय द्वारा भर्ती- केन्द्र सरकार ने प्राय: सभी जिलों में रोजगार केन्द्र की स्थापना कर दी है। इन कार्यालयों के पास रोजगार चाहने वालों का नाम, पता, योग्यता, रोजगार के प्रकार व अन्य जानकारी हमेशा उपलब्ध रहती है, उपक्रम या नियोक्ता इन केन्द्रों से रोजगार चाहने वालों की सूची मंगाकर योग्य कर्मचारियों की भर्ती कर सकते हेैं। यह ढंग वर्तमान में काफी प्रचलित है।
