अनुक्रम
केन्द्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना सन 1964 में की गयी थी। केन्द्रीय सतर्कता आयोग के गठन की सिफारिश संथानम समिति (1962-64) द्वारा की गयी थी, जिसे भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने के लिए गठित किया गया था। केन्द्रीय सतर्कता आयोग सांविधिक दर्जा (statutory status) प्राप्त एक बहुसदस्यीय संस्था हे। केन्द्रीय सतर्कता आयोग किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियन्त्रण से मुक्त हे तथा केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है।
अप्रैल 2004 में भारत सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को प्रकट करने अथवा कार्यालय का दुरुपयोग करने सम्बन्धित लिखित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्यवाही की सिफारिश करने वाली एक नामित एजेंसी के रूप में प्राधिकृत किया।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग की संरचना
आयोग में एक अध्यक्ष व दो सतर्कता आयुक्त होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक तीन सदस्यीय समिति की सुझाव पर होती है। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, व केन्द्रीय गृहमंत्री होते हैं। इनका कार्यकाल 4 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता है। अवकाश प्राप्ति के बाद आयोग के ये पदाधिकारी केन्द्र अथवा राज्य सरकार के किसी भी पद को धारण करने के योग्य नहीं होते हैं।
यदि वह दिवालिया घोषित हो गया हो।
अपने कार्यक्षेत्र से बाहर र्कोइ लाभ का पद धारण करता हो।
137 ऐसे किसी भी अनुबंध अथवा कार्य से प्राप्त लाभ में भाग लेता हो अथवा जिसके उपरांत प्रकट होने वाले लाभ व सुविधाएँ किसी निजी कंपनियों के सदस्यों के समान ही प्राप्त करता हो।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के वेतन, भत्ते, व सेवा शर्तें
केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त के वेतन, भत्ते, व अन्य सेवा शर्तें संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के समान ही होती हैं और सतर्कता आयुक्त की संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों के समान होती है। कार्यकाल के दोरान इनकी सेवाओं में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के कार्य एवं अधिकार
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 के अंतर्गत इस आयोग के कार्य एवं अधिकार हैंः
- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (केन्द्रीय अन्वेशण ब्यूरो) के कार्यकरण का अधीक्षण करना, जहां तक वह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अधीन अपराधों अथवा लोक सेवकों की कतिपय श्रेणियों के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत किसी अपराध के अन्वेषण से संबंधित है।
- दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (केन्द्रीय अन्वेशण ब्यूरो) को अधीक्षण के लिए निर्देश देना, जहां तक इनका संबंध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अन्तर्गत अपराध के अन्वेषण से है।
- केन्द्रीय सरकार द्वारा भेजे गए किसी संदर्भ पर जांच करना अथवा जांच या अन्वेषण करवाना।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 की धारा 8 की उपधारा 2 में विनिर्दिष्ट पदाधिकारियों के ऐसे प्रवर्ग से संबंधित किसी पदधारी के विरुद्ध प्राप्त किसी शिकायत में जांच करना या जांच अथवा अन्वेषण कराना।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अधीन अभिकथित रूप से किए गए अपराधों में अथवा दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत किसी अपराध में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन द्वारा किए गए अन्वेषणों की प्रगति का प ुनर्विलोकन करना।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अधीन अभियोजन की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति का पुनर्विलोकन करना। केन्द्रीय सरकार तथा इसके संगठनों को ऐसे मामलों पर सलाह देना, जो इनके द्वारा आयोग को भेजे जाएंगे।
- विभिन्न केन्द्रीय सरकारी मंत्रालयों, विभागों, तथा केन्द्रीय सरकार के संगठनों के सतर्कता प्रशासन पर अधीक्षण करना।
- केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त उस समिति का अध्यक्ष है तथा दोनों सतर्कता आयुक्त सदस्य हैं, जिसकी सिफारिशों पर केन्द्रीय सरकार, प्रवर्तन निदेशक की नियुक्ति करती है। केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त उस समिति का अध्यक्ष है तथा दोनों सतर्कता आयुक्त सदस्य हैं, जिसके अन्तर्गत दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना में पुलिस अधीक्षक तथा इससे ऊपर के स्तर के पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति तथा इन अधिकारियों के कार्यकाल का विस्तारण अथवा लघुकरण करने के लिए, निदेशक (केन्द्रीय अन्वेशण ब्यूरो) से परामर्श करने के पश्चात अपने सुझाव देने का अधिकार प्राप्त है।
किसी भी जांच का संचालन करते समय आयोग को सिविल न्यायालय के सभी अधिकार प्राप्त होंगे।
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग, आलेख, 4 र्मइ 2015