जलवायु एवं जैविक तत्वों के क्रिया-प्रतिक्रिया के फलस्वरूप एक विशेष पारिस्थितिक तन्त्र में मूलभूत परिवर्तनों से मरुस्थल में परिवर्तित हो जाता है। इससे चरागाहों, कृषि भूमि, निम्न भूमियों पर बालू का साम्राज्य हो जाता है, मरुस्थलीकरण कहलाता है।
जलवायु एवं जैविक तत्वों के क्रिया-प्रतिक्रिया के फलस्वरूप एक विशेष पारिस्थितिक तन्त्र में मूलभूत परिवर्तनों से मरुस्थल में परिवर्तित हो जाता है। इससे चरागाहों, कृषि भूमि, निम्न भूमियों पर बालू का साम्राज्य हो जाता है, मरुस्थलीकरण कहलाता है।